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प्रधानमंत्री सूखा व महंगाई का मुकाबला करने खुद उतरे

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खाद्य सुरक्षा, कमजोर मानसून और महंगाई से निपटने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमर कस ली है। उन्होंने इन गंभीर चुनौतियों का मुकाबला करने में राज्य सरकारों से भी सहयोग के लिए आगे आने को कहा है। मोदी ने राज्यों से सूखा के मद्देनजर खेती की आपात योजना को लागू करने और महंगाई बढ़ाने वाले जमाखोरों व कालाबाजारी करने वालों पर शिकंजा कसने की अपील की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन अहम मसलों पर चर्चा के लिए गुरुवार को खाद्य सुरक्षा से जुड़े अपने कैबिनेट सहयोगी मंत्रियों की बैठक बुला ली। इनमें वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, उपभोक्ता व खाद्य मंत्री राम विलास पासवान और जल संसाधन मंत्री उमा भारती प्रमुख थीं। सबसे पहले मौसम विभाग के अधिकारियों ने मानसून की रफ्तार और ताजा स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कमजोर मानसून के मद्देनजर राज्यों को पहले ही देश के 500 जिलों को खेती की आपात योजना तैयार कर भेज दी गई है। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से इस योजना पर गंभीरता से अमल करने कहा है ताकि सूखे का असर कम किया जा सके। इसी तरह महंगाई जैसे अहम मुद्दे पर केंद्र ने राज्यों का सहयोग मांगा है। प्रधानमंत्री ने राज्यों से कहा है कि खाद्य उत्पादों की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों पर सख्ती करें और मामले की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करें। सरकार ने प्याज के बाद घरेलू बाजार में अब आलू की उपलब्धता बनाए रखने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) बढ़ाकर 450 डॉलर प्रति टन कर दिया है।
बैठक में प्रधानमंत्री ने कमजोर मानसून से बढ़ने वाली महंगाई पर काबू पाने के बारे में अपने सहयोगियों से चर्चा की। मोदी ने संबंधित मंत्रियों से कहा कि वे सूखे की स्थिति में किसानों को पर्याप्त बिजली, सिंचाई के लिए पानी और बीज की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं ताकि सूखे का असर फसलों की पैदावार पर न पड़ने पाए।
इस दौरान बताया गया कि मानसून की हालत में सुधार हो रहा है। आने वाले महीनों जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश का अनुमान है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में महंगाई की चुनौतियों से निपटने के उपायों का जिक्र किया गया है। बाताया गया कि बाजार में पर्याप्त चावल और प्याज का स्टॉक उपलब्ध करा दिया गया है। प्रधानमंत्री ने पशुचारे की उपलब्धता के साथ बांध व नदियों के पानी के समुचित उपयोग पर जोर दिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए उन्होंने मनरेगा का उपयोग करने का सुझाव दिया। मौसम विभाग ने बताया कि 17 जून तक हुई देशव्यापी बारिश में 45 फीसद कम बरसात हुई है। हालांकि, आने वाले दिनों में मानसून में सुधार की उम्मीद है।

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