पेपर लीक कांड में अध्यक्ष समेत 6 गिरफ्तार
अपराध, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, बिहार February 24, 2017 , by ख़बरें आप तकबिहार कर्मचारी चयन आयोग में हुए पेपर लीक कांड में बड़े-बड़े खुलासे हुए हैं. प्रभात खबर संवाददाता ने इस खुलासे से जुड़े सभी तथ्यों को खोज निकाला है. सबसे पहले तो, एसआइटी ने बीएसएससी प्रश्न पत्र लीक कांड मामले का पर्दाफाश कर लिया और मास्टरमाइंड बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार को हजारीबाग सदर गांधी नगर, वर्तमान ऑफिसर फ्लैट, ए 3/7 शास्त्री नगर से गिरफ्तार कर लिया. टीम ने इसके अलावा पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये गये अन्य लोगों में सुधीर कुमार के छोटे भाई व पटना विश्वविद्यालय के पटना विमेंस कॉलेज में भूगोल विभागाध्यक्ष, प्रो अवधेश कुमार, उनकी पत्नी मंजू कुमारी, भगीना आशिष कुमार सेंटर, सज्जाद अहमद को कटिहार से व बीएसएससी के आइटी मैनेजर निति रंजन प्रताप सिंह शामिल हैं. एसआइटी का कहना है कि बीएसएससी अध्यक्ष सुधीर कुमार को पटना स्थित वेटनरी इलाके से गिरफ्तार किया गया. हालांकि सूत्रों का कहना है कि उन्हें हजारीबाग स्थित आवास से पकड़ा गया.
बीएसएससी की इस परीक्षा में बीएसएससी अध्यक्ष सुधीर कुमार के परिवार के पांच लोगों ने परीक्षा दी थी. इसमें उनके भाई प्रो अवधेश प्रसाद की पत्नी मंजू कुमारी, भगीना आशिष, अरुण, रिश्तेदार हरिओम व मंजू की बहन का बेटा रंजन शामिल था. प्रश्न पत्र प्रो. अवधेश प्रसाद के पास आया और उनके माध्यम से भगीना आशिष को मिला और आशिष से रंजन को मिला. इसके बाद रंजन ने पैसा कमाने के लिए सेंटर सज्जाद व रैंडम कोचिंग क्लासेज के संचालक रामेश्वर को दे दिया. इसके लिए रामेश्वर से रंजन ने पूरी कमाई होने में आधा पैसा लेने की बात हुई थी. इसके बाद रामेश्वर के माध्यम से प्रश्न पत्र व उत्तर को कई गिरोहों में बांटा गया. इस पूरे मामले में एक बात सामने आयी कि बीएसएससी अध्यक्ष सुधीर कुमार ने अपने परिवार के सदस्यों को परीक्षा पास करवाने के लिए प्रश्न पत्र दिये थे और उनके ही परिवार के सदस्य रंजन ने पैसा कमाने के उद्देश्य से सेंटरों के हाथ बेच दिया और इतने बेचे गये कि वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
पहले भगीना पकड़ाया और फिर बीएसएससी अध्यक्ष तक पहुंची पुलिस
प्रश्न पत्र व उत्तर लीक होने के मामले में पुलिस जब अपना अनुसंधान शुरू किया तो फिर यह जानकारी मिली कि बेऊर के रैंडम क्लासेज के संचालक रामेश्वर के तार आशिष व रंजन से जुड़े हुए है. पुलिस ने इस मामले में हनुमान नगर से आशिष को पकड़ा और फिर वह रंजन तक पहुंच गयी. आशिष ने पूछताछ में यह जानकारी पुलिस को दे दी कि उसे 23 जनवरी को प्रश्न पत्र हजारीबाग में प्रो अवधेश कुमार ने घर पर दिया था. इसके साथ ही उत्तर भी दिये थे. प्रश्न पत्र व उत्तर हस्तलिखित था. इसके बाद उसने प्रश्न पत्र ले लिया और फिर उसे सज्जाद, हरिओम व अरुण को दे दिया. आशिष ने यह भी बताया कि रैंडम क्लासेज के रामेश्वर को उसने ही प्रश्न पत्र व उत्तर दिये थे. रामेश्वर ने वह प्रश्न पत्र दलाल कौशल को दिया था और कौशल के माध्यम से कांटी फैक्ट्री रोड में पकड़े गये गिरोह के सरगना पवन, भोला व अतुल को दिया था. इसमें भोला व अतुल फिलहाल फरार है.
गिरफ्तारी वारंट लेकर की गयी गिरफ्तारी
सूत्रों के अनुसार एसआइटी ने अपने अनुसंधान में जब यह पाया कि प्रश्न पत्र लीक के तार बीएसएससी अध्यक्ष से जुड़े हुए है तो फिर साइंटिफिकली व तकनीकी तरीके से छानबीन करते हुए साक्ष्य को एकत्र किया. इसके बाद पुलिस टीम ने न्यायालय को तमाम साक्ष्य सौंपा और फिर गिरफ्तारी वारंट लिया. संभवत: इस बात की भनक बीएसएससी अध्यक्ष को लग गयी थी और हजारीबाग निकल गये थे. लेकिन एसआइटी की टीम लगी थी और फिर हजारीबाग में छापेमारी कर पकड़ा गया. एसएसपी मनु महाराज ने बीएसएससी अध्यक्ष समेत छह लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की और बताया कि सभी को जेल भेज दिया गया. उन लोगों के अनुसंधान में यह बात सामने आयी है कि प्रश्न पत्र व आंसर के मामले में सभी की संलिप्तता थी और इस बाबत गिरफ्तार किया गया है. प्रश्न पत्र की छपाई से लेकर ओएमआर एभुयेलेटर की जानकारी अध्यक्ष को ही थी. उनके भाई से उनके भगीना द्वारा प्रश्न पत्र व आंसर लिये गये और फिर सेटरों व अन्य परिजनों तक पहुंचाए गये. इसके पुख्ता साक्ष्य उन लोगों के पास उपलब्ध है. उनके भाई के पास प्रश्न पत्र पहुंचने से साफ स्पष्ट है कि वह अध्यक्ष के माध्यम से ही पहुंचा था. उन्होंने बताया कि सभी लोगों को पटना से गिरफ्तार किया गया है.
सुधीर कुमार के पिता, उन्होंने आज मीडिया से कहा कि मेरा बेटा बेकसूर है.
पकड़ने के बाद लाया गया पटना और फिर हुई पूछताछ
एसआइटी की टीम ने बीएसएससी अध्यक्ष को पकड़ा और फिर वेटनरी गेस्ट हाउस में ले गयी. जहां एसएसपी मनु महाराज, एएसपी अभियान राकेश दूबे व एसआइटी के अन्य सदस्य वहां पहुंचे. जहां बीएसएससी अध्यक्ष से तीन घंटे पूछताछ की गयी और इस दौरान वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये और फिर उनकी गिरफ्तारी आधिकारिक रूप से पुष्ट कर दी गयी. इसके बाद चुपके से उन्हें शुक्रवार के देर शाम न्यायालय में उपस्थित कराया गया और फिर जेल भेज दिया गया. उन सभी को जेल भेजने की सारी कार्रवाई को काफी गोपनीय रखी गयी और किसी को भनक तक नहीं लगी.
वेटनरी गेस्ट हाउस के गेट पर ही इंतजार करते रह गये सभी
वेटनरी गेस्ट हाउस में बीएसएससी अध्यक्ष के रखने व पूछताछ करने की भनक मीडियाकर्मियों को लग गयी थी. हालांकि गेस्ट हाउस में किसी को भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी. इसके बाद वेटनरी गेस्ट हाउस से पूछताछ करने के बाद अध्यक्ष को काफी गोपनीय तरीके से एसआइटी वहां से लेकर निकल गयी और किसी को भनक तक नहीं लगी.
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