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पीओके में भूकंप से 23 की मौत, 300 से ज्यादा घायल; उत्तर भारत तक महसूस किए गए तेज झटके

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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और देश के उत्तर-पूर्वी हिस्सों के कई शहरों में मंगलवार को 5.8 तीव्रता के भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गये, फलस्वरूप पीओके में 20 लोगों की मौत हो गई जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गये।
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप का केन्द्र पीओके में न्यू मीरपुर के निकट स्थित था। पीओके भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुआ। भूकंप चार बजकर दो मिनट पर आया जिसका अधिकेंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री मुश्ताक मिन्हास ने मीडिया को बताया कि इस भूकंप के चलते मीरपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में 20 लोगों की मौत हो गयी और 300 से अधिक घायल हो गये।
पाकिस्तान मौसम विभाग के भूकंप केन्द्र ने बताया कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.8 मापी गई और इसका केन्द्र पंजाब प्रांत में पहाड़ी शहर झेलम के निकट जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। हालांकि विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.1 थी।
उपायुक्त राजा कैसर ने बताया कि भूकंप के बाद मीरपुर में कई मकान ढह गये। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में एक मस्जिद का काफी हिस्सा ढह गया जो कि भूकंप से बुरी तरह से प्रभावित है। पीओके में अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित की गई है।
टीवी चैनलों पर मीरपुर में सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त नजर आ रही हैं। कई वाहन पलटे हुए हैं। कई कारें भूकंप से सड़कों पर बने गहरे गड्ढों में गिर गईं। मीरपुर में सरकारी प्रसारण भवन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भूकंप बहुत शक्तिशाली था और लोग दहशत में इमारतों से बाहर निकल आये।
कोहाट, चारसद्दा, कसूर, फैसलाबाद, गुजरात, सियालकोट, ऐबटाबाद, मनसेहरा, चित्राल, मलकंद, मुल्तान, ओकारा, नौशेरा, अटक और झंग सहित कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किये गये।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने न्यूयार्क गये प्रधानमंत्री इमरान खान ने लोगों की मौत पर दुख प्रकट किया। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता पहुंचाने का निर्देश दिया। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी लोगों की जान चले जाने पर शोक प्रकट किया।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पीओके में नागरिक प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए भूकंप पीड़ितों के लिए ”तुरन्त बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। सेना की मीडिया इकाई ने ट्वीट किया कि सेना के जवानों को चिकित्सा सहायता दलों के साथ भेजा गया है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अफजल ने बताया कि ज्यादातर नुकसान मीरपुर और झेलम में हुआ है।
अधिकारियों ने बताया कि मीरपुर के निकट स्थित पाकिस्तान का प्रमुख जलाशय मंगला बांध सुरक्षित है। मंगला बांध बिजली घर को बंद कर दिया गया है जिससे राष्ट्रीय ग्रिड को 900 मेगावाट बिजली की आपूर्ति बंद हो गई है। ऊपरी झेलम नहर क्षतिग्रस्त हुई है और विभिन्न गांवों में नहर का पानी घुस गया है।भूकंप की तीव्रता 5.8 थी, इसका केंद्र पीओके के मीरपुर में जमीन से 10 किमी की गहराई में था
मीरपुर में भूकंप की वजह से 50 लोगों के घायल होने की खबर
भूकंप से पाकिस्तान के लाहौर, इस्लामाबाद, रावलपिंडी में तेज झटके महसूस किए गए; भारत में नुकसान की खबर नहीं
हिमालयन बेल्ट और हिंदूकुश रीजन की फॉल्ट लाइन के कारण दक्षिण एशियाई इलाके में भूकंप आते है
पाकिस्तान के उत्तरी हिस्से में मंगलवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। पाक मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब प्रांत के झेलम में 5.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। इसका केंद्र जमीन से 10 किमी नीचे था। हालांकि, पाक के मंत्री फवाद चौधरी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.1 थी। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मीरपुर में भूकंप की वजह से 50 लोग घायल हुए हैं जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई।
भूकंप से पीओके के मीरपुर में काफी नुकसान हुआ है। पाक मीडिया के मुताबिक, यहां दोपहर 3 बजे भूकंप का पहला झटका महसूस किया गया था। इसके बाद शाम 4:21 से 4:31 के बीच भूकंप के झटके आए। इसकी वजह से यहां जमीन और सड़कों में बड़ी दरारें पड़ गईं। कारें, बसें और अन्य वाहन धंस गए। जम्मू-कश्मीर और दिल्ली समेत उत्तर भारत के कुछ राज्यों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
मीरपुर में महिलाएं-बच्चे घायल, मस्जिद को भी नुकसान
एक चश्मदीद ने बताया कि भूकंप की वजह से लोग इमारतों से बाहर निकल आए। दशहत का माहौल था। मीरपुर में एक इमारत गिरने से 50 लोग घायल हो गए। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इन्हें एक अस्पताल में भेजा गया है। यहां एक मस्जिद को भी भूकंप की वजह से काफी नुकसान पहुंचा है।
पाकिस्तान के पेशावर, रावलपिंडी, लाहौर, स्कर्दू, कोहाट, चारसद्दा, कौसर, फैसलाबाद, सियालकोट, एबटाबाद, मनशेरा, छितराल, मलकांड, मुल्तान, शांगला, ओकारा, नौशेरा, ऐटक और झांग में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भारत और आसपास के देशों में भूकंप आने की वजह
हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन के कारण एशियाई इलाके में ज्यादा भूकंप आते हैं। इसी फॉल्ट लाइन में हिंदूकुश रीजन भी आता है। 2015 के अप्रैल-मई में नेपाल में आए भूकंप के कारण करीब 8 हजार लोगों की मौत हुई थी।
हिमालय कुछ सेंटीमीटर की दर से उत्तर में खिसक रहा
हिमालयन फॉल्ट लाइन पर भारत सरकार की मदद से अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की थी। यह स्टडी यूएस जर्नल लिथोस्फीयर और जेजीआर में छपी थी। इस स्टडी के मुताबिक, हिमालय 700 साल पुरानी फॉल्ट लाइन पर मौजूद है। यह फॉल्ट लाइन ऐसे मुहाने पर पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से कभी भी वहां ऐसा भूकंप आ सकता है जो पिछले 500 साल में नहीं देखा गया हो।

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