पाक को जब तक नुकसान नहीं होगा वे हमारी शराफत का सम्मान नहीं करेंगा
ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें September 18, 2016 , by ख़बरें आप तककश्मीर में उरी स्थित सेना के बटालियन पर आतंकी हमले के पीछे मौजूद लोगों को नहीं बख्शे जाने के आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान के बाद मौजूदा हालात में भारत की ओर से की जाने वाली कार्रवाई के विकल्पों के बारे में अटकलें तेज हो गईं।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर ‘पीओके’ में आतंकी शिविरों पर शीघ्रता से चुनिंदा तरीके से हमला किया जाना उन विकल्पों में शामिल है जिनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने स्थिति हाथ से बाहर जाने पर परिणामों और नुकसान के खिलाफ आगाह किया।
विशेषज्ञों ने महसूस किया कि उरी हमले को अंजाम देने वालों को कैसे, कब और कहां सजा दी जाएगी उस बारे में देश के राजनीतिक नेतत्व को सावधानीपूर्वक फैसला करना है। हालांकि जम्मू कश्मीर मामलों को देख रहे भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि रणनीतिक संयम रखने के दिन खत्म हो गए हैं और उन्होंने सुक्षाव दिया कि हमले के बाद एक दांत के लिए पूरा जबड़ा की नीति होनी चाहिए।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, उरी आतंकी हमले को अंजाम देने वालों को सजा दी जाएगी। कुछ सेवानिवत्त सेना जनरलों ने भी भारत से सख्त प्रतिक्रिया का समर्थन किया है।
उरी में सेना के एक बटालियन पर हमले पर गुस्सा जाहिर करते हुए पूर्व जनरलों ने पाकिस्तान के खिलाफ एक फौरी कार्रवाई की मांग की। इसमें पाक सरजमीं से आतंकी हरकतों से निपटने के लिए सैन्य विकल्प खुला रखना भी शामिल है।
लेफ्टिनेंट जनरल ‘सेवानिवत्त’ बीएस जसवाल ने यहां कहा, यदि कुछ स्थानों पर हमले की जरूरत है तो हमें अवश्य ही अपना सैन्य विकल्प खुला रखना चाहिए। उत्तरी कमान के जीओसी इन सी रह चुके जसवाल ने कहा कि जब तक पाकिस्तान को भौतिक रूप से नुकसान नहीं होगा वे हमारी शराफत का सम्मान नहीं करेंगे।
जम्मू कश्मीर के सुरक्षा हालात में विशेषज्ञता रखने वाले मेजर सेवानिवत्त गौरव आर्य ने कहा, यह जानते हुए कि हम कोई कार्रवाई नहीं करेंगे, पाकिस्तान इसे ‘आतंकी हमले’ बार बार करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में समस्याओं को रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में सुव्यवस्थित रूप से गढ़ा गया है। हमें फौरन कार्रवाई करने की जरूरत है। पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद किया जाए, इसे दिया गया सर्वाधिक पसंदीदा राज्य ‘एमएफएन’ का दर्जा घटाया जाए। दुनिया को अवश्य जानना चाहिए कि हम गंभीर हैं।
हमले के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेना के दो अंगों के प्रमुखों की अनुपस्थिति के बारे में सवाल पूछे जाने पर पूर्व सेना प्रमुख जनरल शंकर रॉय चौधरी ने कहा, हमारी इस बैठक की अध्यक्षता उन्होंने की जो सरकार में नंबर 2 पर हैं। इसमें रॉ प्रमुख और सीआरपीएफ प्रमुख मौजूद थे। उन्होंने हमले के बारे में कहा, ये हरकतें आतंकी हमले कौन कर रहे हैं यह सीमा पार से, पाकिस्तान से हो रहा है।
सेवानिवत ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता ने पाकिस्तान पर घाटी में अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह हमला भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है और कश्मीर की मौजूदा अशांति को खत्म नहीं होने की पाकिस्तान की हताशा भरी कोशिश है।
गुप्ता ने कहा कि आलोचनाएं क्षेलने और समस्याओं का सामना करने के बावजूद पाकिस्तान कश्मीर के अंदर आतंकवाद को बढ़ावा देने पर अमादा है। हमले पर टिप्पणी करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ‘सेवानिवत्त’ सैयद अता हसनैन ने कहा कि आत्मघाती हमलों को रोकना मुश्किल है लेकिन नुकसान को नियंत्रित करने की हमेशा संभावना होती है।
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