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पहली बार 8वीं के बच्चों की होगी मूल्यांकन परीक्षा

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राज्य के सरकारी विद्यालयों में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों की पहली बार मूल्यांकन (असेसमेंट) परीक्षा ली जाएगी। इसके बाद ही बच्चे 9वीं की परीक्षा में जायेंगे। यह व्यवस्था चालू मार्च माह में समाप्त हो रहे शैक्षणिक सत्र से ही शुरू हो जाएगा। शिक्षा विभाग ने पिछले सप्ताह विश्वबैंक द्वारा जारी रिपोर्ट के मद्देनजर यह फैसला किया है। रिपोर्ट कहती है कि बिहार में प्रारंभिक कक्षाओं में गुणवत्ता की स्थिति अलार्मिंग हैं।
शनिवार को शिक्षा मंत्री डा. अशोक चौधरी ने अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ गुणवत्ता शिक्षा की बेहतरी को लेकर बैठक की। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसी सत्र से आठवीं के बच्चों का असेसमेंट टेस्ट लिया जाएगा।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा 29 और 30 मार्च को राज्यभर में 8वीं के बच्चों का असेसमेंट टेस्ट होगा। यह परीक्षा विद्यालय में ही होगी। इसके लिए प्रश्न पत्र छप चुके हैं। टेस्ट में बच्चों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी ए,बी और सी के रूप में ग्रेडिंग होगी। मकसद यह है कि 9वीं कक्षा में जाने पर हर विद्यार्थी का स्टेटस शिक्षक और विद्यालय कोग पता हो और उनकी शैक्षिक स्थिति के मुताबिक उनपर ध्यान दिया जा सकेगा।
सी ग्रेड लाने वाले कमजोर बच्चों पर शिक्षक और विद्यालय को विशेष फोकस करना पड़ेगा। कमजोर पाये जाने वाले बच्चों के अभिभावकों से अंडर टेकेन (आश्वस्ति पत्र) लेने पर भी विचार हो रहा है। अभिभावक यह विद्यालय को लिखित देंगे कि वे भी 9वीं कक्षा में गये अपने बच्चे की गुणवत्ता शिक्षा पर ध्यान देंगे। 8वीं की इस मूल्यांकन परीक्षा से शिक्षक और विद्यालय का असेस्मेंट भी जुड़ा होगा।
मंत्री ने कहा कि टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले हर जिला के दस-दस स्कूलों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नये सत्र से बच्चों के मंथली टेस्ट पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि 8वीं के मूल्यांकन परीक्षा के आधार पर किसी बच्चे को 9वीं कक्षा में जाने से रोका नहीं जाएगा।
आरटीई में अब विद्यार्थी को रोकने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पहली से दसवीं के बाद बच्चों के मूल्यांकन की अबतक कोई व्यवस्था नहीं थी। विद्यार्थी सीधे दसवीं बोर्ड देते हैं। आरटीई में मूल्यांकन परीक्षा लेने से रोक नहीं है।
शिक्षा मंत्री ने एक सवाल पर कहा कि चुनाव के कारण नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त बनने में देर हुई है। पर अब यह जल्द ही तैयार हो जाएगा। सेवाशर्त बनने के बाद नियोजित शिक्षकों के तबादले का विकल्प खुल जाएगा। मंत्री ने कहा कि सेवाशर्त बन जाने से नियोजित शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और गुणवत्ता शिक्षा की लड़ाई में जीत आसान हो जाएगी।
8वीं में छात्रों की संख्या : 21, 55, 000,राज्य में प्रारंभिक विद्यालय : करीब 72 हजार

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