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पहली बार कोई प्रधानमंंत्री विधानमंडल परिसर आए, हमेशा याद रहेगा-नीतीश

बिहार, विधान सभा

बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह के मौके पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी को स्मरणीय बताते हुए कहा कि पहली बार कोई प्रधानमंत्री विधानमंडल परिसर आए हैं। यह कोई मामूली बात नहीं। यह सभी को हमेशा याद रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 21 अक्टूबर 2021 को शताब्दी समारोह में आए थे। उन्होंने शताब्दी स्तंभ का शिलान्यास किया था। बोधिवृक्ष भी लगाया था। उसी समय यह तय हुआ था कि समापन समारोह में प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया जाए। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष ने खूब प्रयास किया। हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री यहां आए हैं।
से शुरू हुआ विधानसभा भवन का स्थापना दिवस कार्यक्रम
इस आयोजन की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 से तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने प्रति वर्ष सात फरवरी को विधानसभा भवन के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन शुरू किया। उसी के बाद 2021 में शताब्दी वर्ष पर कार्यक्रम आयोजित किए जाने का तय हुआ।
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बिहार विधायी परिषद की चर्चा भी मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1912 में बंगाल से अलग कर बिहार और ओडिशा को एक साथ राज्य का दर्जा दिया गया। 1920 में बिहार और ओडिशा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। जब बिहार विधायी परिषद के सौ वर्ष पूरे हुए थे तब यहां बड़े स्तर पर आयोजन हुआ था। विधान परिषद के तत्कालीन सभापति ताराकांत झा ने आयोजन को बहुत सुंदर तरीके से किया। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल आई थीं। उस समय इस आयोजन के सिलसिले में एक व्याख्यान की श्रृंखला भी आयोजित की गई थी। तब पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम का व्याख्यान हुआ था। डा. एपीजे अब्दुल कलाम विधानसभा में वर्ष 2011 में तीन मई को आए थे।

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