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न बैंड-बाजा-न बरात, 21 कप चाय में जेल अधीक्षक ने कर ली शादी

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न बैंडबाजा, न भारी-भरकम बरात और न कोई तामझाम, लेकिन संदीप कुमार और ज्ञनिता गौरव सात जन्मों के लिए एक-दूजे के हो गये. गवाह बने निबंधन ऑफिस के अधिकारी, कर्मचारी व शहर के कुछ लोग. शादी पूरी होते ही मौके पर मौजूद 21 लोगों को चाय पिलायी गयी और संदीप-ज्ञनिता ने नयी जिंदगी शुरू कर दी. दोनों जेल अधीक्षक हैं. संदीप की पोस्टिंग गोपालगंज में है, तो ज्ञनिता की शेखपुरा में. संदीप का पैतृक घर मुजफ्फरपुर के गोलाबांध रोड में है, जबकि ज्ञनिता गौरव पटना से मुसल्लहपुर की रहनेवाली हैं.
इनकी शादी के दौरान भाजपा नेता व पार्षद केपी पप्पू भी मौजूद थे. कहने लगे, बहुत अच्छी शादी हुई है. आज के जमाने में जब छोटी सी नौकरी मिलने पर लोग धूम-धड़ाके व लाखों का खर्च कर शादी करते हैं. ऐसे में दोनों अधिकारियों ने बिना दहेज व तामझाम के शादी करके समाज को संदेश दिया है.
संदीप कुमार व गणिता ने अंतरजातीय विवाह किया है. दोनों एक ही बैच के अधिकारी हैं. इनकी मुलाकात ट्रेनिंग के दौरान हुई थी, तभी दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे. इसके बाद दोनों ने शादी का फैसला लिया. एक माह पहले मुजफ्फरपुर के निबंधन कार्यालय में दोनों ने आवेदन दिया था. माह भर पूरा होने के बाद शनिवार को दिन में दोनों ने शादी कर ली. अवर निबंधक निलेश कुमार ने बताया कि वर-वधू के साथ कुछ लोग आये थे. हमारे कार्यालय में शुल्क जमा किया. इसके बाद उन्हें प्रमाण पत्र जारी किया गया है.
हमने मिसाल पेश की
ज्ञानिता गौरव ने कहा कि बचपन से हम दहेज बारे में तमाम तरह की बातें सुनते थे, तभी हमने सोच लिया था कि पढ़-लिख कर उस मुकाम को हासिल करेंगे, जिससे बिना दहेज की शादी कर सकें. यह शादी उन लोगों के लिए एक आइना है, जो शादी समारोह में दिखावे के नाम पर करोड़ों रुपये फूंक देते हैं. समाज के सामने इस शादी ने मिसाल पेश की है.
सोशल मीिडया में भी चर्चा
संदीप व ज्ञानिता की शादी की बात जैसे शहर में फैली. इसकी चर्चा होने लगी. लोग मिसाल देने लगे. शाम तक सोशल मीडिया पर दोनों की शादी की खबर व तसवीरें वायरल होने लगीं. शादी में शामिल होनेवाले वार्ड पार्षद केपी पप्पू ने कहा कि यह सही मायने में कैशलेस शादी है. दूल्हा-दुल्हन ने बड़ी समझदारी दिखायी है. वहीं, सोशल मीडिया पर भी शादी को लेकर लोग अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. संदीप व ज्ञनिता के फैसले को सही बता रहे थे.
आडंबरविहीन शादी का था सपना
संदीप कुमार ने कहा कि हमने आडंबरविहीन शादी का सपना देखा था, जिसे पूरा किया है. हम समाज को एक संदेश देना चाहते हैं कि बिना तामझाम के भी हम शादी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमने अंतरजातीय विवाह किया है. इसके तहत सरकार की ओर से लाभ दिया जाता है, जिसके लिए हमने अभी आवेदन नहीं दिया है, लेकिन हम आवेदन देंगे और जो राशि मिलेगी, उससे गरीब बच्चियों की शादी में मदद करेंगे.

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