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नीतीश को केंद्र के नोटबंदी के निर्णय का समर्थन नहीं करना चाहिए : रघुवंश

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तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अाज नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर हमला बोलते हुए इसे ‘सुपर इमरजेंसी’ की संज्ञा दी और कहा, जब तक इस निर्णय को वापस नहीं लिया जाता तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगी.
बिहार में सत्तासीन लालू प्रसाद की पार्टी राजद के राष्ट्रीय उपाध्यध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे और मुलायम सिंह के दल समाजवादी पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं तथा अपनी पार्टी नेता मुकुल राय के साथ तृणमूल कांग्रेस के नोटबंदी के निर्णय के विरोध में राष्ट्रव्यापी धरना कार्यक्रम के तहत पटना के गर्दनीबाग में धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, सरकार ने देश की आजादी के 69 साल के बाद हमारी आजादी छीन ली है. सरकार ने रोटी, कपड़ा और मकान को छीन लिया है. आपातकाल के दौरान एक जन आंदोलन हुआ था. आज उससे भी बुरे हालात हैं जिसे ‘सुपर इमरजेंसी’ कहा सकता है.
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा कि केंद्र के इस फैसले से लोगों को कठिनाई और असुविधा झेलनी पड़ रही है. उन्होंने :एनडीए: देश को बेच दिया है. यह राजनीतिक दलों का दायित्व है कि जनता के लिए आवाज उठाएं और जब तक सरकार नोटबंदी के निर्णय को वापस नहीं लेती हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
प्रदेश में सत्ताधारी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि नीतीश के नोटबंदी का समर्थन किए जाने के कारण वह ममता के धरना कार्यक्रम में अनुपस्थित रहेगी. ममता ने कहा, ‘अगर कोई उनके साथ आता है, तो अच्छी बात है लेकिन अगर कोई आमजन के लिए इस संघर्ष में हमारे साथ नहीं आता है तो निश्चित तौर पर हमारे लिए तकलीफदेह है. मैं किसी का नाम लूंगी. यह जनता की समस्या है. अगर कोई गद्दारी करेगा तो जनता उसे माफ नहीं करेगी.’
इससे पहले कल पटना पहुंचने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद से उनके आवास जाकर मुलाकात की थी, पर उनके इस धरने में न तो लालू, न ही उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव शामिल हुए.
भाजपा द्वारा बिहार के विभिन्न जिलों में अपनी पार्टी का कार्यालय खोलने के लिए उसके द्वारा खरीदे गए जमीन के कागजात को दिखाते हुए ममता ने प्रधानमंत्री से प्रश्न किया कि कैसे भाजपा ने गत सितंबर में बड़े पैमाने पर भूखंड खरीदा. उन्होंने प्रधानमंत्री के विदेशों में जनसभा के लिए कोष का विषय उठाते हुए पूछा कि उन्होंने कहां से अमेरिका जैसे देश में बड़ी जनसभा करने के लिए राशि हासिल की.
ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके लोकसभा चुनाव के पूर्व विदेश में जमा कालाधन लाकर प्रत्येक नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये जमा कराने के वादे के बारे में प्रश्न करते हुए पूछा क्या हुआ उनके वादे का. किसी के पास एक भी पैसा नहीं आया और न ही स्वीस बैंक से एक भी पैसा लाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी के कारण पूरा उद्योग जगत और अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गयी है. जिसके कारण बिहार से रोजगार की तलाश में बाहर गये लोगों खासतौर पर जूट उद्योग और बंगाल के चाय बागानों में काम करने वालों को मेहनताना नहीं मिल पाया है.
मंच से 500 रुपये के दो नये जारी नोट को प्रदर्शित करते हुए उसमें कुछ अंतर को दर्शाते हुए उन्होंने ‘बड़े घोटाला’ की बू आने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि जो आइटी रिटर्न और टैक्स देते हैं उनकी तस्वीर प्रधानमंत्री ने कालाधन रखने वाले के तौर पर पेश कर दी है और प्रधानमंत्री ने ‘श्रीशक्ति’ और ‘श्रीधन’ का अनादर किया है.
ममता बनर्जी ने बिहार में 8400 पंचायतों में से मात्र 5000 पंचायत में बैंक शाखा होने का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि बैंकिंग सुविधा के अभाव में आज भी अधिकांश लोग नकद लेनदेन में विश्वास करते हैं.
आपका पैसा नहीं चाहिए : ममता
तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि मौजूदा हालात आपातकाल से भी बदतर हैं, यह आर्थिक आपातकाल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, भीख मांग कर खाएंगे, सड़क पर रहेंगे पर आपका पैसा नहीं चाहिए. ममता ने कहा, दिक्कत के समय घर की महिला बचत करती है, पीएम मोदी ने सब ले लिया. उन्होंने इस स्त्रीधन और स्त्री शक्ति का अपमान बताया.
बिग बाजार के बिग बॉस हो गये हैं हमारे प्रधानमंत्री : ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर तीखा कटाक्ष किया और कहा, बिग बाजार के बिग बॉस हमारे प्रधानमंत्री हो गये हैं. उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे पेटीएम के लिए दूसरा शब्द कह रहे हैं – पेपीएम. ममता ने कहा कि मेरे पास इस मुद्दे पर दो रास्ते थे एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाऊं, दूसरा जनता के पास जाऊं, मैंने जनता के पास जाने का रास्ता चुना.
मालूम हो कि ममता बनर्जी ने कल लखनऊ में नरेंद्र मोदी सरकार के विमुद्रीकरण के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया था और उसके पहले वे कोलकाता व दिल्ली में प्रदर्शन कर चुकी हैं. ममता को पटना में राजद का साथ मिला है, जबकि उन्हें लखनऊ में सपा का साथ मिला था. दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी का साथ मिला था.
य का समर्थन नहीं करना चाहिए : रघुवंश
ममता के धरना स्थल से जाने के बाद राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को केंद्र के नोटबंदी के निर्णय का समर्थन नहीं करना चाहिए. इससे आम जन में महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है जिसको लेकर भ्रांति पैदा होती है. राजद नेता ने जदयू में नोटबंदी को लेकर एक मत नहीं होने का दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार जहां नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं वहीं जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव दूसरी बात कर रहे हैं.

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