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नाबालिग ने कबूला नक्सली कमांडर से ‘अंतरंग’ संबंध, स्कूली छात्रा देती है गुप्त सूचनाएं

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झारखंड को लोहरदगा जिले से गिरफ्तार नाबालिग नक्सली लड़की और दो अन्य नक्सलियों ने पुलिस के सामने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। नाबालिग लड़की ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि माओवादी लीडर दीपक कुमार खेरवार से उसके अंतरंग संबंध रहे हैं। लड़की के मुताबिक दीपक उसे हर माह पांच हजार रुपए देता है, जिसके बदले वह हर वक्त बुलाए गए स्थान पर मिलने के लिए जाती है और अन्य सहयोगियों से तालमेल कर शीर्ष माओवादियों तक सूचनाएं पहुंचाती है। लड़की के पास से बरामद तीन मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स से इस बात की पुष्टि भी हो रही है। पूछताछ में पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि लोहरदगा शहर में पढ़ने वाली स्कूली छात्रा भी पुलिसिया गतिविधि की हर सूचनाएं माओवादियों को पहुंचा रही हैं। गिरफ्तार लड़की लोहरदगा जिले में किस्को थाना क्षेत्र स्थित चैनपुर गांव की रहने वाली है। वह उस क्षेत्र में आतंक का पर्याय बनी हुई थी।
गिरफ्तार तीन नक्सलियों को पुलिस ने शनिवार को मीडिया के सामने पेश किया। गिरफ्तार नक्सलियों में उक्त किशोरी के अलावा पलामू के छतरपुर के डाली ग्राम निवासी संतोष कुमार ठाकुर और युवती के ही गांव चैनपुर का रहनेवाला महेंद्र उरांव शामिल है। तीनों का काम पुलिस गतिविधियों की सूचना जुटाना और माओवादियों को सहयोग देना था। एसपी ने बताया कि तीनों माओवादियों के शीर्ष कमांडरों नकुल यादव, मदन यादव, दीपक खेरवार आदि से संपर्क में रहते थे और जिला मुख्यालय से लेकर अन्य जगहों से पुलिस गतिविधियों की हर सूचना उन्हें देते थे
पुलिस ने माओवादियों के सहयोगियों का खुलासा चैनपुर में पुलिस कैंप लगाने के विरोध का पता लगाने के क्रम में किया। एसपी ने बताया कि 28 सितंबर को चैनपुर में पुलिस कैंप लगना था, जिसका विरोध ग्रामीणों ने बच्चों और महिलाओं को आगे रखकर किया था। पुलिस ने धैर्य व अपनी नक्सल विरोधी विशेष पद्धति से काम लेते हुए ग्रामीणों को समझाया और कैंप लगवाया। विरोध की छानबीन में तह तक जाने पर खुलासा हुआ कि माओवादियों ने सहयोगियों के माध्यम से ग्रामीणों को विरोध के लिए बाध्य किया था।
एसपी मृत्युंजय कुमार ने कहा कि माओवादी सहयोगियों की गिरफ्तारी से सामने आए तथ्यों ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि किस पुलिस वाहन में पेट्रोल भराया जा रहा है इसकी भी सूचना माओवादियों तक पहुंच रही है। चैनपुर में कैंप लगने की बात दो दिन पहले ही माओवादियों तक पहुंच गई थी जबकि इसे गोपनीय रखने की बात कही गई थी। कैंप की मांग ग्रामीणों की ओर से ही थी। लेकिन माओवादी दबाव में जबरन विरोध कराया गया था।
पुलिस को तीनों गिरफ्तार माओवादियों के बयान से पता चला है कि माओवादियों को केरार का एक पैरा टीचर भरपूर सहयोग दे रहा है। उसने मदनपुर सहित कुछ स्थानों के राशन डीलरों से सरकारी चावल की कई बोरियां माओवादियों को दिलाई हैं। पुलिस ने आगे की पड़ताल के लिए ऐसे सहयोगियों के नामों का फिलहाल खुलासा नहीं किया है।

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