नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की शुरूआत, कल है खरना पूजा
आधीआबादी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ऑडियो, कृषि / पर्यावरण, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें, मध्य प्रदेश, राजस्थान, स्पेशल रिपोर्ट October 28, 2022 , by ख़बरें आप तकनहाय खाय आज
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) की शुरुआत आज नहाय-खाय (Nahay Khay) के साथ हो रही है. यह पर्व चार दिनों तक चलता है. यह महापर्व हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के मुताबिक छठ पूजा कार्तिक माह (Kartik Month) की षष्ठी से शुरू हो जाती है.छठ महापर्व की शुरुआत आज से हो रही है. संतान प्राप्ति और बच्चे के सुखद भविष्य, दीर्धायु के लिए रखा जाने वाला छठ का व्रत इस साल बेहद शुभ संयोग में आरंभ हो रहा है. छठ पूजा में व्रती को चार दिन तक हर परंपरा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होता है.नहाय खाय के दिन व्रती कद्दूऔर चना का दाल बनाती है. जिसे सबसे पहले व्रती खाती हैं. फिर घर के सदस्यों को अन्य लोगों के बीच प्रसाद के रूप में इसे बांटा जाता है और ग्रहण किया जाता है. इस दिन भक्त घर और आसपास के परिसर की सफाई करते हैं. इस दिन व्रती केवल एक बार भोजन करते हैंनहाए खाए के साथ छठ की शुरुआत होती है. पहले दिन गंगा स्नान करने के बाद कद्दू भात और साग खाया जाता है. बिहार-झारखंड की अगर बात करें तो बिहार में लौकी का प्रचलन है. छठ व्रती नहाय खाए कि दिन कद्दु का सेवन करते हैं. ऐसे में बाजारों में इसे लेकर कद्दू की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसी मान्यता है सरसो का साग चावल और कद्दू खाकर छठ महापर्व की शुरूआत होती है. इसलिए व्रत के पहले दिन को नहाए खाए कहते हैं. इन दोनों सब्जियां पूरी तरह से सात्विक माना जाता है. इसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने की क्षमता बढ़ती है. साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अगर देखें तो कद्दू आसानी से पचने वाली सब्जी हैनहाय खाय पर बन रहा शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 06.34 – सुबह 10.42
शोभन योग – 28 अक्टूबर 2022, सुबह 04.33 – 29 अक्टूबर 2022, सुबह 01.30
रवि योग – 28 अक्टूबर 2022, सुबह 10.42 – 29 अक्टूबर 2022, सुबह 06.34नहाय खाय के दिन करें इन नियमों का पालन
छठ पूजा में इस पर्व में शुद्धता का विशेष महत्व है इसलिए नहाए खाय के दिन पूरे घर की सफाई करें.
व्रति को पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए.
दिन के पर्व में तामसिक भोजन गलती से भी ग्रहण न करें.
सिर्फ सात्विक भोजन ही करें.
ब्रह्मचर्य का पालन करें.
चार दिन तक जमीन पर सोयें.
पूजा का प्रसाद मिट्टी के नये चूल्हे पर ही बनाएं क्योंकि मिट्टी का चूल्हा शुद्ध माना जाता है.आर्थिक समस्या दूर करने के लिए छठी मैया से करें प्रार्थना
जिन लोगों को किसी भी तरह की आर्थिक समस्या है वो छठी मैया के भजन और लोकगीतों को गुनगुनाने के साथ ही सूर्य देवता के इस विशेष मंत्र ‘ऊं घृणिः सूर्याय नमः’ का जाप करें तो श्रद्धालुओं को आर्थिक संकट से छुटकारा मिल सकता हैछठ व्रत संतान के लिए की जाता है
जो लोग संतान प्राप्ति करना चाहते हैं वो लोग छठ के दिन 108 बार इस मंत्र का जाप करें ‘ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’. संतान की सुख समृद्धि के लिए इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य जरूर दें.व्रती करें इन नियमों का पालन
नहाय-खाय के दिन से व्रती को साफ और नए कपड़े पहनने चाहिए.
साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना जरूरी होता है. पूजा की वस्तु का गंदा होना अच्छा नहीं माना जाता.
नहाय खाए से छठ का समापन होने तक व्रती को जमीन पर ही सोती है. व्रती जमीन पर चटाई या चादर बिछाकर सो सकते हैं.
घर में तामसिक और मांसाहार वर्जित है. इसलिए इस दिन से पहले ही घर पर मौजूद ऐसी चीजों को बाहर कर देना चाहिए और घर को साफ-सुथरा कर देना चाहिए.
मदिरा पान, धुम्रपान आदि न करें. किसी भी तरह की बुरी आदतों को करने से बचें.
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