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नजफगढ़ के ‘नवाब’अपने 37वें जन्मदिन के मौके पर वीरेंद्र सहवाग ने संन्यास की घोषणा की

क्रिकेट जगत, खेल

मुल्तान के ‘सुल्तान’ और नजफगढ़ के ‘नवाब’ कहे जाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने इंटरनेशनल क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने अपने 37वें जन्मदिन के मौके पर यह घोषणा कर दी।सहवाग ने ट्विटर के जरिए अपने संन्यास की घोषणा की। सोमवार रात को ही सहवाग के संन्यास की खबरें आ गई थीं, लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया था। सहवाग ने कहा था कि वो भारत लौटकर ही क्रिकेट को अलविदा कहेंगे।यूएई में होने वाली यह लीग सिर्फ रिटायर्ड खिलाड़ियों के लिए है। सहवाग को टीम इंडिया में अपनी वापसी की कोई उम्मीद नहीं बची थी। सहवाग यूएई में मास्टर्स चैम्पियंस लीग की लॉन्चिग के समय वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा, दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ और इंग्लैंड के अजहर महमूद के साथ मौजूद थे। उनसे जब यह पूछा गया कि रिटायर्ड क्रिकेटरों की लीग में वह कैसे खेल सकते हैं तो उन्होंने कहा, ‘अगर मैं संन्यास नहीं लूंगा तो मैं कैसे इस लीग में खेलूंगा। मैं भारत वापस जाऊंगा और अपने संन्यास की घोषणा करूंगा।’
लीग अगले साल फरवरी में खेली जानी है। दुनिया के सबसे बेहतरीन और खतरनाक ओपनिंग बल्लेबाजों में एक सहवाग ने तेज गेंदबाज जहीर खान के संन्यास लेने के कुछ दिन बाद ही संन्यास का संकेत देकर अपने प्रशंसकों को चौंका दिया। जिस दिन भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित सीरीज को लेकर मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय में शिव सैनिकों के हंगामे की सुर्खियां चल रही थीं कि तभी सहवाग के संन्यास की घोषणा की खबरों ने माहौल ही बदल डाला।
टेस्ट क्रिकेट में 278 गेंदों में सबसे तेज ट्रिपल सेंचुरी बनाने वाले, दो ट्रिपल सेंचुरी और वनडे में डबल सेंचुरी का अनूठा रिकॉर्ड भी अपने नाम रखने वाले सहवाग आखिर जल्द ही अपना बल्ला टांग देंगे। सहवाग आखिरी बार भारत के लिए मार्च 2013 में खेले थे। अप्रैल 1999 में मोहाली में पाकिस्तान के खिलाफ अपना वनडे और नवंबर 2001 में ब्लूमफोंटेन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना टेस्ट करियर शुरू करने वाले दिल्ली के सहवाग ने अपने 37 वें जन्मदिन से एक दिन पहले यह चौंकाने वाला फैसला किया।
सहवाग 37 वर्ष के हो गए हैं। मौजूदा रणजी सीजन में दिल्ली छोड़कर हरियाणा की तरफ से खेल रहे सहवाग ने 104 टेस्टों में 49.34 के औसत से 8586 रन बनाए जिसमें 23 सेंचुरी और 32 हाफसेंचुरी शामिल हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 319 और 309 रन की दो तिहरी शतकीय पारियां खेली। उन्होंने 319 रन मार्च 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में और 309 रन मार्च 2००4 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में बनाये थे।वीरू के नाम से मशहूर सहवाग दुनिया में एकमात्र ऐसे बल्लेवाज हैं जिनके नाम टेस्ट में ट्रिपल सेंचुरी और वनडे में डबल सेंचुरी दर्ज है। वर्ष 2011 की वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे सहवाग ने वनडे मैचों में 219 रन का शानदार स्कोर दिसंबर 2011 में इंदौर में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था। वनडे में उनके नाम 251 मैचों में 35.05 के औसत से 8273 रन दर्ज हैं जिसमें 15 सेंचुरी और 38 हाफसेंचुरी शामिल हैं।
सोमवार को ही बीसीसीआई ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी दो वनडे और पहले दो टेस्टों के लिए भारतीय टीमों की घोषणा की और उसके कुछ घंटे बाद ही रात में सहवाग के संन्यास की खबरों ने क्रिकेट प्रेमियों को हिला दिया। पिछले सप्ताह सहवाग के टीम साथी और वर्ल्ड कप टीम के विजेता सदस्य रहे तेज गेंदबाज जहीर खान ने भी इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
सहवाग के संन्यास के साथ ही भारतीय बल्लेबाजी के स्वर्णिम युग खत्म हो गया। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के क्लोन माने जाने वाले सहवाग की छवि दुनिया में ऐसे बल्लेबाज की थी जो गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाने में यकीन रखता था और दुनिया के बेहतरीन गेंदबाज भी उन्हें गेंदबाजी करने में खौफ खाते थे।

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