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नए कानून में विदेशी शराब रखना जुर्म नहीं: कोर्ट

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बार-बार राज्य सरकार से विदेशी शराब की बोतल रखने पर कौन सा जुर्म किया गया, इसकी जानकारी नहीं देने पर पटना हाईकोर्ट ने बिहारशरीफ के करगिल चौक स्थित मिर्ची फेमिली बार एंड रेस्टोरेंट के मालिक प्रशांत प्रकाश को जमानत दे दी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राज्य में देसी दारू के उत्पादन से लेकर बेचने, पीने व रखने पर प्रतिबंध है, लेकिन राज्य सरकार ने विदेशी शराब के मामले में ऐसी अधिसूचना जारी नहीं की है। सरकार की अधिसूचना में थोक व्यापार, खुदरा व्यवसाय तथा पीने पर प्रतिबंध है। विदेशी शराब की बोतल किसी के पास पहले से है, उसपर सरकार ने प्रतिबंध नहीं लगाया है। अदालत ने एक-एक लाख के दो मुचलकों पर जमानत दी है। न्यायमूर्ति वीपी वर्मा की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की है।
अदालत को बताया गया कि बार रेस्टोरेंट चलाने के लिए 4 अप्रैल 2012 से लाइसेंस मिला है, जो 3 अप्रैल 2017 तक वैध है। वर्ष 2016-17 के लिए 16 लाख रुपए लाइसेंस फीस के रूप में 21 मार्च को जमा किए गए हैं। राज्य में विदेशी शराब पर प्रतिबंध को लेकर अधिसूचना पांच अप्रैल को जारी की गई है। अधिसूचना जारी होने के दिन ही पुलिस ने बार रेस्टोरेंट पर छापा मारकर भारी मात्रा में विदेशी शराब की बोतल पकड़ी थी। पकड़ी गई सभी बोतल शराबबंदी कानून लागू होने के पहले खरीदी गई थी।
वहीं एपीपी ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उत्पाद कानून में शराब की बोतल रखना अपने आप में जुर्म है। सरकार ने 5 अप्रैल को अधिसूचना जारी कर राज्य में पूर्ण शराबबंदी की है। कोर्ट ने एपीपी को विदेशी शराब की बोतल रखने पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना पेश करने का निर्देश दिया। अदालत के निर्देश पर एपीपी ने देसी एवं विदेशी शराब के प्रतिबंध के बारे में जारी अधिसूचना पेश की।
अदालत ने देसी शराब की अधिसूचना देखने के बाद कहा कि राज्य में देसी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन विदेशी शराब की अधिसूचना में विदेशी बोतल रखने पर कहां प्रतिबंध लगाया गया है। कोर्ट ने कहा कि पीने पर मनाही है, लेकिन बोतल रखने पर मनाही नहीं है।

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