Comments Off on धान तैयार, पर नहीं मिल रहे खरीदार 5

धान तैयार, पर नहीं मिल रहे खरीदार

कृषि / पर्यावरण, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, बिहार

जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन और निश्चय यात्रा के बाद धान अधिप्राप्ति को लेकर ऐसा माहौल बना था कि शायद अब किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय से मिल सकेगा. लेकिन मुख्यमंत्री के जाने के बाद से ही पूरे जिले के क्रय केन्द्रों के शटर गिरने शुरू हो गये. वैसे तो कहने के लिए जिले में 23 क्रय केंद्र बनाये गये हैं. लेकिन दो-तीन केंद्रों को छोड़ शायद ही किसी क्रय केंद्र की स्थिति सामान्य हो. जिसका नतीजा है कि एक बार फिर से जिले के किसान बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों में अपनी फसलों को बेचने के लिए विवश हैं.
एक ओर जहां सरकारी स्तर पर लगातार धान को पैक्स और क्रय केन्द्रों के माध्यम से देने के लिए बड़े-बड़े होर्डिंग-बैनर से लेकर प्रचार-प्रसार के नये-नये तरीके आजमाये जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर क्रय केंद्रों पर ना तो धान को लेने के लिए कोई है और ना ही वैसी कोई व्यवस्था नज़र आ रही है. शिवसागर क्रय केंद्र पर पिछले चार दिनों से धान देने के लिए जा रहे आलमपुर के किसान नित्यानंद सिंह का कहना है कि सरकार की घोषणा केवल हवा-हवाई है. क्रय केंद्रों पर तो अभी धान अधिप्राप्ति को लेकर कोई सुगबुगाहट तक नहीं है. केवल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की पर्ची देकर धान की नमी कम होने पर धान लाने का आश्वासन दिया गया है.
अब इस स्थिति में गरीब किसान अपने घरों में तैयार धान को आखिर कितने दिनों तक रोक कर रख सकता है. सरकार ने भले ही धान का उचित समर्थन मूल्य इस वर्ष 1410/- प्रति क्विंटल निर्धारित कर रखा हो लेकिन हकीकत यहीं है कि बनिया और बिचौलियों के माध्यम से धान 1000-1050 प्रति क्विंटल ही मार्किट में लिए जा रहे हैं. इस सम्बन्ध में एक दिन ही पूर्व रोहतास डीएम अनिमेष कुमार पराशर ने पैक्स अध्यक्षों के साथ बैठक कर कई आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए धान खरीद में तेज़ी लाने का निर्देश दिया था, जबकि जिला सहकारिता पदाधिकारी निकेश कुमार का कहना है कि धान अधिप्राप्ति में तेज़ी लाई गयी है. मौसम के खराब होने से धान में नमी की मात्र अधिक है इसलिए थोड़ी परेशानी है लेकिन जनवरी के पहले सप्ताह से धान खरीद में तेज़ी आयेगी.
विदित हो कि धान की खरीदारी नहीं होने को लेकर कई राजनैतिक डाल भी सरकार के प्रति अपना आक्रोश जताने के मूड में आ गये हैं. रालोसपा जहां इसे जन-जन का मुद्दा बना लोगों को जागरूक कर रही है वहीं धान अधिप्राप्ति और किसानों की समस्याओं को लेकर समाजवादी पार्टी का विशाल महाधरना 30 दिसंबर को आयोजित है तो अखिल भारतीय किसान महासंघ ने भी 2 जनवरी से इसे लेकर आन्दोलन करने वाली है.

Back to Top

Search