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देशभर में मोदी लहर बरकरार, जानिए कितने राज्य में भाजपा की सरकार

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के रुझानों को देखते हुए यह कहने में हैरानी नहीं होगी कि देश की कमान संभालने के चार साल बाद भी मोदी मैजिक बरकरार है। पूर्वोत्तर के बाद अगर दक्षिण में भी कमल खिल जाए, तो ये कोई बड़ी बात नहीं होगी। जिस तरह से रुझानों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है, उससे यही साबित होता है कि विपक्षी दलों के हमलों से देश में मोदी लहर कम होने की बजाय और बढ़ी है।
मोदी का जलवा बरकरार
साल 2014 में सत्ता पर काबिज होने के बाद से उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से लेकर पश्चिम तक मोदी का जलवा बना हुआ है। पिछले लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर जिस तरह मोदी देश के प्रधानमंत्री बने और उसके बाद एक-एक कर लगभग हर राज्य से कांग्रेस को बेदखल कर प्रधानमंत्री ने साबित कर दिया कि अब भाजपा का राजनीतिक सफर दूर तक जाएगा। मोदी के मैजिक का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि चुनाव जीतने के बाद तक किसी को यकीन नहीं हुआ कि पूर्वोत्तर पर भी अब भाजपा का रंग चढ़ चुका है।
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चार साल, 26 राज्य और सिर्फ 2 में जीत पायी कांग्रेस
देश में कांग्रेस की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। चार दिन की चांदनी, चार दिन की जिंदगी और चार राज्यों में कांग्रेस। ऐसी ही स्थिति हो गई है देशभर में कांग्रेस की। पिछले चार सालों की बात करें तो कुल 26 राज्यों में चुनाव हुए, जिनमें से कांग्रेस के हाथ सिर्फ दो राज्य ही आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते आए हैं। जैसे-जैसे वक्त गुजर रहा है, देशभर से कांग्रेस का सफाया होता जा रहा है। उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों में चुनाव से पहले देश के पांच राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन अब वो भी नहीं है।
तो क्या सच साबित होगा मोदी का PPP वाला बयान
जिस तरह से कर्नाटक के रुझान सामने आ रहे हैं, उससे प्रधानमंत्री मोदी का PPP वाला बयान सच साबित होता नजर आ रहा है। दरअसल, पिछले चार सालों में कांग्रेस के पास उत्तर भारत में पंजाब, दक्षिण भारत में कर्नाटक और पुडुचेरी व उत्तर पूर्व में मिजोरम के रूप में कुल चार राज्य हैं। लेकिन जिस तरह रुझानों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती नजर आ रही है, उससे यहीं लगता है कि कांग्रेस केवल अब PPP रह जाएगी, यानी पंजाब, पुडुचेरी और परिवार। जैसा की प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा था।
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23 राज्यों में NDA की सरकार
भाजपा की बात करें तो केंद्र में तो उसकी सरकार है ही। देश के 14 राज्यों में भाजपा की सरकार थी और त्रिपुरा जीतने के बाद यह आंकड़ा 15 तक पहुंच गया है। इसके अलावा 4 राज्यों में भाजपा के समर्थन से सरकार चल रही है। अब नागालैंड के भी इसमें जुड़ने से यह आंकड़ा भी 5 तक पहुंच गया है। पूर्वोत्तर में अब अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा की सरकारें हैं। त्रिपुरा भी अब इनमें शामिल हो गया है। वहीं आंध्र प्रदेश, बिहार, जम्मू और कश्मीर व सिक्किम इन चार राज्यों में भाजपा के समर्थन से राज्य सरकारें चल रही हैं। नागालैंड के इसमें जुड़ जाने से यह संख्या भी पांच तक पहुंच गई है।
तो क्या कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में?
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के केंद्रीय सत्ता से दूर होने के बाद एक-एक कर कई राज्य उसके हाथ से फिसल गए। इसकी बानगी देखनी हो तो एक बार पिछले चार साल में हुए राज्यों के चुनावों पर एक नजर दौड़ाएं। इन चार सालों में कांग्रेस 2016 में पुडुचेरी और 2017 में पंजाब सिर्फ इन दो राज्यों में चुनाव जीत पायी है। जबकि बिहार में साल 2015 में चुनाव के समय जीत दर्ज करने वाले महागठबंधन का भी वह हिस्सा थी, लेकिन बाद में यह गठबंधन भी टूट गया।
इस दौरान 23 राज्यों में चुनाव हुए जिनमें से अरुणाचल प्रदेश (2014), झारखंड (2014), महाराष्ट्र (2014), हरियाणा (2014), हिमाचल (2017), सिक्किम (2014), असम (2016), उत्तर प्रदेश (2017), उत्तराखंड (2017), गोवा (2017), गुजरात (2017), मणिपुर (2017) यानी कुल 12 राज्यों में भाजपा ने जीत दर्ज की।
इनके अलावा आंध्र प्रदेश में तेदपा-भाजपा गठबंधन ने 2014 में जीत दर्ज की, जबकि बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद जेडीयू-भाजपा की सरकार चल रही है। यही नहीं 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर में भी पीडीपी और भाजपा मिलकर सरकार चला रहे हैं। इनके अलावा ओडिशा में 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजू जनता दल, 2016 में केरल में एडीएफ, तमिलनाडु में साल 2016 में एआइएडीएमके, तेलंगाना में साल 2014 में टीआरएस, 2016 में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की। 2018 में हुए मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस के हाथ कुछ नहीं लगा, जबकि भाजपा ने त्रिपुरा में भगवा लहरा दिया है और नागालैंड में उसके समर्थन से सरकार है।

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