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दीप्ति का अपहरण एकतरफा प्यार में हुआ था-एसएसपी
अपराध, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, दिल्ली, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें February 15, 2016 , by ख़बरें आप तकस्नैपडील कर्मी दीप्ति सरना के अपहरण मामले का सोमवार को पुलिस ने खुलासा करते हुए मास्टरमाइंड सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दीप्ति का अपहरण एकतरफा प्यार में हुआ था और आरोपी ने घटना को अपने साथियों के साथ अंजाम दिया था। पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी मनोरोगी है। उसने शाहरुख खान की ‘डर’ फिल्म देखकर इस घटना की साजिश रची।मुख्य आरोपी देवेंद्र ऊर्फ लीलू सोनीपत के कामी गांव का रहने वाला है। उस पर हरियाणा के विभिन्न शहरों में 30 मुकदमे दर्ज हैं और तीन लाख का इनाम घोषित है। पुलिस ने आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त दो कारें, बाइक, दो तमंचे व दीप्ति के बैग बरामद किए हैं।
एसएसपी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि एक साल पहले देवेंद्र ने दीप्ति को दिल्ली के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर देखा था। इसके बाद वह एकतरफा प्यार करने लगा। उसी दिन से वह उसका पीछा करने लगा। दीप्ति गुड़गांव स्नैपडील के अपने दफ्तर से गाजियाबाद स्थित घर पर वैशाली होकर जाती थी, इसलिए तीन महीने पहले देवेंद्र ने दो ऑटो खरीदे और उन्हें वैशाली मेट्रो स्टेशन से गाजियाबाद के बीच चलाने लगा। इस दौरान शाम के वक्त दीप्ति पर पूरी नजर रखता था।दीप्ति के प्यार में इस कदर पागल था कि वह खोड़ा में किराए पर रहने लगा। तीन महीने पहले दो ऑटो का संचालन श्ुारू किया। इस दौरान देवेंद्र कई बार दीप्ति के घर, ऑफिस के भी चक्कर लगाए।
देवेंद्र वर्ष 2001 से आपराधिक घटनाओं में शामिल रहा है। लूट, हत्या, चोरी, छेड़खानी जैसे कई संगीन वारदातों में लिप्त रहा है। इस दौरान वह तीन बार जेल से भाग चुका है। अभी वह फरार ही चल रहा था। जून 2014 में कोर्ट में पेशी के दौरान वह कुरुक्षेत्र पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। इसके बाद वह दिल्ली आया था और इसी दौरान उसने दीप्ति को देखा।अपहरण की घटना के बाद जब कामी गांव में दीप्ति को रखा तो वह दीप्ति को मनाने की कोशिश में लगा रहा। इस दौरान देवेंद्र के साथी देवेंद्र से नाराज होने लगे। इसके बाद देवेंद्र भी दीप्ति को छोड़ कर जाने लगा। तभी दीप्ति ने देवेंद्र का पैर पकड़ लिया और कहा कि ये लोग मुझे मार देंगे।जब देवेंद्र रेलवे ट्रैक पर छोड़ने गया तब उसने दीप्ति से पूछा अब दोस्त मानोगी या दुश्मन। डरी सहमी दीप्ति ने कुछ नहीं बोला और इशारे में अभार जताया। इसके बाद दीप्ति ट्रेन में बैठ गई और एक वृद्ध से मोबाइल मांगकर घर में फोन किया।
हरियाणा की पुलिस को तीन साल से चकमा दे रहा तीन लाख का इनामी देवेंद्र उर्फ राजीव उर्फ लीलू ट्रू कॉलर सॉफ्टवेयर पर प्रोफाइल फोटो लगाने से पकड़ में आ गया। अपहरण के बाद पुलिस ने दीप्ति के नंबर के समानांतर चलने वाले नंबरों की जांच की, जिसमें कई संदिग्ध नंबर मिले। नंबरों को ट्रू कॉलर पर जांचने के बाद आरोपी का फोटो सामने आया, जिस के आधार पर पीडि़ता ने उसकी शिनाख्त कर पुलिस जांच में मदद की है। आरोपी ने पीडि़ता को रिझाने के लिए ट्रू कॉलर पर वास्तविक फोटो लगाया हुआ था।एसएसपी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस जांच में अपहरण के दौरान पांच संदिग्ध नंबर सामने आए थे। नंबर की लोकेशन उसी मार्ग पर मिली, जिस मार्ग की जानकारी दीप्ति ने पुलिस को दी थी। उन्होंने बताया कि देवेंद्र उर्फ राजीव के फोन नंबर के अलावा पुलिस के पास कोई पहचान नहीं थी। पुलिस ने नंबर को ट्रू कॉलर सॉफ्टवेयर पर रन किया, इस दौरान पुलिस को उसकी प्रोफाइल पिक हाथ लगी। दीप्ति ने अपहरण करने वाले आरोपी को पहचान लिया। नंबर और फोटो के आधार पर पुलिस ने वैशाली से चलने वाले करीब 100 ऑटो चालकों से पूछताछ की थी। पूछताछ के अपहरण की पूरी वारदात में राजीव के शामिल होने का पता चला।
एसएसपी धर्मेंद्र ने बताया कि बताया कि देवेंद्र उर्फ राजीव के पास से तीन ड्राइविंग लाइसेंस मिले हंै। पहले डीएल पर उसने अपना नाम वीरेंद्र पुत्र देवेंद्र पता इंद्रनगर फरीदाबाद, दूसरे पर समीर पुत्र हुकुमचंद, पता इंद्रनगर फरीदाबाद और तीसरे डीएल को विनोद कुमार पुत्र धर्मपाल, पता लुधियाना (पंजाब) मिला है। पुलिस जांच में तीनों डीएल फर्जी मिले हैं।पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसे इतना विश्वास था कि एक दिन वह दीप्ति का नंबर जरूर ले लेगा। नंबर लेने के बाद वह फोन पर अपने प्यार का इजहार करेगा। दीप्ति को ट्रू कॉलर पर नंबर की जांच करने के दौरान उनसे अपना हाल ही में लिया हुआ सबसे अच्छा फोटो ट्रू कॉलर पर लगाया हुआ था।एक तरफा प्यार के चलते आरोपी की करीब एक साल बाद भी दीप्ति से बातचीत नहीं हो सकी थी। दीप्ति की सुंदरता को देख कर उसने अपने आप ही उसका नाम स्नेहा रखा दिया था। वह दोस्तों से बातचीत के दौरान भी अपने होने वाली जीवन साथी का नाम स्नेहा ही लेता था।
दीप्ति से एक तरफा प्यार में आरोपी देवेंद्र उर्फ राजीव इसकदर पागल था कि उसे किसी कीमत पर पाना चाहता था। अकेले के बल पर दीप्ति को न पाने पर उनसे चार अन्य दोस्तों के साथ उसका अपहरण कर स्वयं होरी बनने की प्लानिंग की थी। आरोपी ने पूरी प्लानिंग की अंतिम समय तक दोस्तों को भनक तक नहीं लगने दी।
देवेंद्र उर्फ राजीव ने बताया कि साहिबाबाद मंडी में काम करने वाले फईम और उसके भतीजे माजिद को किसी युवक की पिटाई करने के नाम पर तैयार किया था। वहीं अपने गांव निवासी प्रदीप और मोहित को हवाला का पैसा लेकर आने वाली किसी युवती को लूटने की बात कह कर तैयार किया था। देवेंद्र के चारों साथी आपस में नहीं जानते थे। वारदात के दौरान चारों ने एक दूसरे से भी घटना के बारे में कोई जिक्र नहीं किया था।
गिरफ्तार आरोपियों का प्रोफाइलनाम काम पढ़ाई पता
1.देवेंद्र उर्फ राजीव ऑटो चालक( बीए पास) सोनीपत के गांव कामी थाना सदर कोतवाली, हाल पता-खोडा।
2.प्रदीप उर्फ फौजी ऑटो चालक (8 वीं पास) सोनीपत के गांव कामी, सदर कोतवाली, हाल पता खोड़ा(देवेंद्र का पाटर्न भी)
3. मोहित पिता के साथ खेती(12 वीं पास) सोनीपत के कामी सदर कोतवाली निवासी, 15 दिन पूर्व गाजियाबाद आया था।
4. फईम साहिबाबाद मंडी में काम(7 वीं पास) बदायूं के गांव ककराला निवासी।
5. माजिद(फईम का भतीजा)साहिबाबाद मंडी में अमरूद की रेडी(5 वीं पास) बदांयू के गांव ककराला निवासी।
पूरी वारदात के दौरान आरोपी देवेंद्र ने दीप्ति की नजरों में हीरो बनने का प्रयास किया।उसने दीप्ति के सामने अन्य दोस्तों की भूमिका खतरनाक अपराधियों के रूप में बनाई थी। हीरो बनने की चाह में उसने दीप्ति को दोस्त के घर पर रखा, उसके बाद दोस्तों से बचाने के बहाना कर खेत में ले गया। इस दौरान वह दीप्ति को अकेली छोड़ कर जाने की बात भी कहने लगा था, परन्तु दीप्ति के पैर पकड़ने के बाद वह पिघला और उसके साथ ही रुक गया। इतना ही नहीं पुलिस का दबाव बनने पर उसने दोस्तों से बगावत कर दीप्ति को घर जाने के लिए दिल्ली की ट्रेन में बैठाया था।
अपहरण कांड के खुलासे के बाद भी पुलिस दीप्ति के फोन को बरामद नहीं कर सकी है। एसएसपी ने बताया कि दीप्ति का फोन जिस स्थान पर बंद हुआ था, वहां दो मोबाइल टॉवरों से सिग्नल मिल रहे हंै। उन्होंने बताया कि आरोपी बदमाशों ने फोन को बंद कर रेत के ढेर में दबाया था, दो दिन पूर्व राजनगर एक्सटेंशन स्थित उस निर्माणाधीन बिल्डिंग से रेत का ढेर गायब हो चुका है। पुलिस फोन की तलाश में जुटी है।
अपने एकतरफा प्यार को हासिल करने के लिए देवेंद्र ने प्यार का ही तमाशा बना दिया। उसने ‘डर’ फिल्म की स्क्रप्टि पर ‘बाजीगर’ बनकर घटना को अंजाम दिया। शाहरुख खान की डर फिल्म की तर्ज पर उसने दीप्ति से एकतरफा प्यार किया और उसे पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार था। वहीं बाजीगर बनकर इस पूरे वारदात की योजना बनाई और इसमें शामिल अपने साथियों को भी अपना असली मकसद नहीं बताया।देवेंद्र से जब मीडियाकर्मियों ने इस घटना के बारे में पूछा तो कहा कि मेरे ऊपर तीस मुकदमे हैं और एक मुकदमा मोहब्बत का ही सही। उसने कहा कि इस बार जेल जाकर पश्चाताप करूंगा और सुधरने को सोचूंगा।एसएसपी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि शासन की तरफ से पूरी पुलिस टीम को 50 हजार का इनाम दिया जाएगा। इसकी संस्तुति कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस की टीम बहुत मेहनत व लगन से एक एक तथ्यों को जोड़कर इस तरह की घटना का खुलासा किया। यह सराहनीय है।
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