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दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में गोरखालैंड आंदोलन एक बाद फिर से रक्तरंजित

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दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में गोरखालैंड आंदोलन एक बाद फिर से रक्तरंजित हो गया है. 80 के दशक के बाद शनिवार को पहाड़ों की रानी दार्जीलिंग को एक बार फिर से लहुलूहान होना पड़ा है. पुलिस फायरिंग में दो आंदोलनकारियों की मौत हो गयी है और दर्जन भर से अधिक घायल हो गए हैं. मोरचा समर्थकों ने भी जवाबी कार्रवाई की. मोरचा समर्थकों ने पुलिस पर हमला किया. पत्थरों से हमले किये गए.जिसमें 36 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. इसमें आरइबी की कमांडेंट किरण तामंगी की हालत गंभीर है. उनको इलाज के लिए सिलीगुड़ी लाया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार गोरखालैंड की मांग को लेकर गोजमुमो ने पहले से ही पहाड़ बंद का ऐलान किया है. दो दिन पहले मोरचा सुप्रीमो बिमल गुरूंग के घर और कार्यालय पर पुलिस ने छापामारी की थी. उसके बाद से पहाड़ पर बेमियादी बंद का ऐलान किया गया है. पुलिस कार्रवाई के विरोध में शनिवार को गोजमुमो ने दार्जीलिंग सहित पूरे पहाड़ पर रैली निकालने की घोषणा की थी.
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इस रैली को रोकने के लिए पुलिस ने पुलिस ने पहले से तगड़ा इंतजाम कर रखा था. दिन में करीब 11 बजे जब मोरचा की रैली निकली उसके बाद ही परिस्थिति बिगड़ गयी. मोरचा समर्थकों पर पुलिस के बीच भिड़ंत हो गयी. भीड़ का तितर –बितर करने के लिए पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे. जवाब में मोरचा समर्थकों ने भी पुलिस पर हमला बोल दिया.इस दौरान पुलिस की कई गाड़ियां भी फूंक दी गयी. स्थिति बेकाबू देख पुलिस को गोली चलानी पड़ी. इसमें दो मोरचा समर्थक मारे गए.मोरचा ने हांलाकि अपने चार समर्थकों के मारे जाने का दावा किया है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मारे गए दो मोरचा समर्थकों का नाम गोक निवासी विमल शाशंकर और कैजले निवासी सुनिल राईहै.मोरचा नेता विनय तामंग का कहना है कि चार समर्थक मारे गए है. मारे गए तीसरे मोरचा समर्थक का नाम महेश गुरूंग है. चौथे की पहचान होनी बाकी है.
गोजमुमो ने शनिवार को गोरखालैंड की मांग को लेकर महात्मा गांधी के डांडी मार्च के तर्ज पर ही मार्च निकाल था. पहाड़ के विभिन्न स्थानों से मार्च निकालकर गोजमुमो समर्थक पार्टी के केंद्रीय कार्यालय पातलेबास जाने वाले थे. सिंहमारी स्थित मोरचा कार्यालय के सामने पुलिस ने बेरीकेट लगाकर रखा था. यहां से मार्च को आगे नहीं बढ़ने दिया गया. उसके बाद ही पुलिस के साथ तू-तू मैं-मैं शुरू हो गयी. पुलिस ने यहां मोरचा के दो समर्थकों को दबोच लिया. उसके बाद स्थिति बिगड़ गयी. पुलिस और मोरचा समर्थक भिड़ गए. उपद्रवियों को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैसे के गोले दागे. हालात बिगड़ने पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. इस बीच पहाड़ पर उपद्रव का दौर जारी है. कल रात से लेकर अबतक कई स्थानों पर आगजनी की घटना हुयी है. इसी दौरान मोरचा समर्थकों की गिरफ्तारी भी हो रही है. घूम से भी मोरचा के चार समर्थकों को पकड़ा गया है.शुक्रवार की रात गोक ग्राम पंचायत दो कार्यालय में आग लगा दी गयी. इसके अलावा मोरचा समर्थकों ने पुलिस को रोकने के लिए गोक में सड़क को काट दिया है.अन्य स्थानों पर भी उपद्रव की खबर है. पहाड़ पर विस्फाटक हालात पर नियंत्रण पाने के लिए सेना की तैनाती कर दी गयी है. दार्जीलिंग शहर को सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है. सेना के जवान टहलदारी कर रहे हैं. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए माइकिंग भी की जा रही है.
विनय तामांग के घर पुलिस छापामारी
पहाड़ पर अशांति के बीच मोरचा नेताओं के घर पर पुलिस की छापामारी जारी है. गुरूवार को मोरचा सुप्रीमो विमल गुरूंग के घर और कार्यालय पर पुलिस ने छापामारी की थी. उसके बाद शनिवार को गोजमुमो सहायक सचिव तथा विमल गुरूंग के करीबी विनय तामांग के घर पुलिस की छापामारी की गयी. श्री तामांग जीटीए के सूचना एवं संस्कृति विभाग के प्रभारी भी हैं.विनय तामांग नेछापामारी के बहानेपुलिस पर घर में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उनके 88 वर्षीय पिता गंगा तामांग को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
आंदोलन ने समतल को भी लपेटा
पहाड़ पर गोरखालैंड आंदोलन की आंच ने समतल को भी अपने लपेटे में ले लिया है. कालिम्पोंग जिले के समतल क्षेत्र समझे जाने वाले गोरूबथान में उपद्रवियों ने बिजली विभाग की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया. कालिम्पोंग जिले के अन्य स्थानों पर भी गड़बड़ी खबर है. इधर,पहाड़ पर पुलिस फायरिंग के विरोध में गोजमुमो ने समथल क्षेत्र डुवार्स में रविवार को 12 घंटे के बंद का आह्वाण किया है.

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