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तहस-नहस की गई अवैध क्रेशर मशीनें

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पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे जिले में चल रहे अवैध पत्थर उद्योग रविवार को फिर एक बार कार्रवाई की जद में आया. डेहरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोपिबिगहा स्थित लगभग चार दर्जन क्रेशर मशीनो को तहस नहस किया गया. मौके पर पड़े पुराने पटे को जलाकर पुलिस ने खुद ही अपनी पीठ थपथपाई.
हाल के वर्षों में पुलिस की यह 19 वी कार्रवाई बताई जा रही है. मौके से ना तो किसी की गिरफ्तारी हुई और ना ही अवैध कारोबार में शामिल कोई वाहन ही जब्त हो पाए. पास के जी टी रोड से गुजरते हुए एक राहगीर की टिप्पड़ी थी, इस अवैध कारोबार को पुलिस ही चलवाती है. शनिवार को रात ही कारोबारियों को सूचना मिल गई थी कि रविवार को कार्रवाई होने वाली है. जाहिर है रात ही सबों ने अपनी मशीनें हटा ली थी. पुलिस दिखावे के लिए ईट के बने आधार तोड़े और बेकार पड़े चीजों को जला कर वाहवाही लूट रही है. `जिले के एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों कहा कि अवैध पत्थर खनन के विरुद्ध लगातार हो रही कार्रवाई के चलते अवैध कारोबार पूरी तरह से बंद था.
हाल के दिनों में रात के वक्त कुछ नाजायज हो रहे कार्य की मिली सूचना पर रविवार की सुबह कई अधिकारियों के साथ काफी संख्या में पुलिस बल लेकर अवैध ठिकानों पर कार्रवाई की गई. मौके पर किसी के ना होने से कोई पकड़ा नहीं जा सका. फिर भी इस धंधे में शामिल लोगों का सुराग मिला है. उन पर नजर राझी जा रही है. जल्द ही वे कानूनी शिकंजे में होंगे. जानकार सूत्रों की माने तो गत 22 दिसम्बर को निश्चय यात्रा के दौरान इस जिले में आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लोगों ने पत्थर व बालू के चल रहे गोरखधंधे में पुलिस प्रशासन की संलिप्तता के कई नमूने पेश किये थे. इस पर मुख्यमंत्री ने यहां के अधिकारियों की क्लास लगे थी. पटना प्रक्षेत्र के आई जी को किसी भी हाल में इसे बंद कराने का टास्क दिया था. आईजी के हिदायत का कुछ दिनों तक असर भी रहा. इससे कारोबारियों की जेबें ठंढी पद गई. पुलिस को भी रात्रि गश्ती में पुलिस जीप के डीजल की कीमत अखरने लगी.
बताते है, अभी एक सप्ताह पूर्व कारोबारियों के सिंडिकेट ने बैठक कर संबंधित थानों की पुलिस को तरह तरह से रिझाया. मामला पटने पर जीटी रोड पर पत्थर लादे वाहन दिखने लगे. पहाड़ तोड़ने में ब्लास्ट की आवाज सुनाई पड़ने लगी. सासाराम शहर के अधिकांश हिस्सों में गिट्टी लादे ट्रेक्टर दिखने लगे. रोक टोक करने वाले को मौके पर ही पटा लिया जाने लगा. यानि एक तरह से अवैध कारोबार अपने पूर्व की दशा में आ गया. वो तो एकाएक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अगले हफ्ते इस जिले में आने का कार्यक्रम बना. तभी से जिले स्तरीय अधिकारियों के माथे पर बल पड़ने लगा. आनन-फानन में शनिवार की शाम कार्रवाई की रणनीति बनी. पर अमल होने से पहले ही इसकी सूचना समाज के नाजायज औलादों तक तंत्र ने ही पहुचा दी. सभी सतर्क हो गये.

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