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टाल क्षेत्रों से जलजमाव हटे तो पूरे देश को छह माह तक दाल खिलायेगा बिहार

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रोडमैप के लिए प्रदेश के किसानों ने मुख्यमंत्री को दिये सुझाव
पटना : किसान समागम में राज्यभर से जुटे किसानों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से खुल कर बात की. किसानों ने समस्याओं के साथ योजनाओं की कमियों के बारे में भी जानकारी दी. किसान समागम में शुक्रवार को तीसरे कृषि रोडमैप पर चर्चा हुई. ज्ञान भवन में आयोजित किसान समागम में मुख्यमंत्री ने किसानों की समस्याएं भी सुनीं. समागम में इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट की पढ़ाई कर किसानी कर रहे लोगों ने भी अपने सुझाव दिये. कृषि रोडमैप का क्रियान्वयन 2017-2022 तक होना है.
रोडमैप में शामिल करने के लिए किसानों से कृषि, पशुपालन, मत्स्य, पर्यावरण एवं वन, सहकारिता, गन्ना उद्योग से संबंधित सुझाव लिये गये. किसानों ने राज्य में प्रोसेसिंग, स्टोरेज व मार्केटिंग की पुख्ता व्यवस्था पर जो देने की बात कही. वहीं, टाल क्षेत्र के किसानों ने दावा किया कि अगर टाल क्षेत्र से जलजमाव की समस्या खत्म हो जाये, तो बिहार छह माह तक पूरे देश को दाल खिला सकता है.
टाल क्षेत्र के ओम प्रकाश ने कहा कि जलजमाव बड़ी समस्या है. पटना नालंदा, लखीसराय, शेखपुरा टाल क्षेत्र में एक लाख छह हजार हेक्टेयर में जलनिकासी व्यवस्था होने से दलहन के क्षेत्र में बिहार आगे रहेगा. सुधांशु सिंह ने कहा कि टाल क्षेत्र में मसूर दाल काफी होने से न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत में बेचनी पड़ रही है. सरकार लाभकारी मूूल्य तय करे. एक किसान ने नीलगाय की चर्चा की तो मुख्यमंत्री ने कहा कि अरे घोड़परास नहीं कहिये. एक किसान ने जौ की खेती की बात की तो उन्होंने कहा कि जई कहिए ना.
एक किसान ने कहा कि लागत का दोगुना समर्थन मूल्य देने को कहा गया था. मुख्यमंत्री ने इसे सुधार करते हुए कहा कि दोगुना नहीं डेढ़ गुना है. रोहतास के सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि नहर में पानी बंद होने से खेती की सिंचाई में संकट होता है. सीड प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए किसानों को 50 फीसदी अनुदान सरकार दे. जहानाबाद की इन्दू कुमारी ने कहा कि महिला के नाम से जमीन का कागज नहीं होने पर बीज, केसीसी या अन्य किसी तरह की सब्सिडी नहीं मिलती है.
अरवल के रामजनम सिंह ने मनरेगा मजदूरों को कृषि काम से जोड़ने की बात कही. पुणे से मैनेजमेंट कर आये औरंगाबाद के अभिषेक ने कहा कि कृषि रोडमैप में अनार फसल को शामिल नहीं किया गया है. लीची की तरह प्याज व टमाटर के लिए तकनीक विकसित कर उसे सुरक्षित रखने की व्यवस्था होने पर किसानों को अच्छा मूल्य मिलेगा. नवादा के मनोज कुमार ने सभी प्रखंड में पशुपालन विशेषज्ञ की नियुक्त करने की बात कही. बेतिया के विजय कुमार पांडेय ने कृषि पर्यटन स्थल बनाने की बात कही है. बांका के अभय कांत झा ने कहा कि जैविक खेती का मॉडल किसी एक जिले में पूरी तरह से की जाये. समागम में मधुबनी के महेश्वर ठाकुर, समस्तीपुर के मजहरूल हक, दरभंगा के शत्रुघ्न सहनी सहित अन्य किसानों ने सुझाव दिये.
जैविक खेती के लिए बनेगा कोरिडोर : रामविचार
कृषि समागम में कृषि मंत्री रामविचार राय ने कहा कि राज्य में जैविक खेती के लिए गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों के गांवों का चयन कर कोरिडोर बनेगा. किचेन गार्डेन में शाक वाटिका को बढ़ावा देने के लिए शाक वाटिका योजना व फूलवरी योजना शुरू होगी. किसानों को शाकीय सब्जियों व फूलों का बीज 90 फीसदी अनुदान पर उपलब्ध कराया जायेगा, जिसे पांच साल तक जारी रखा जायेगा. सरकार 71 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दे रही है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण युवाओं को कृषि से जोड़ने तथा कृषि आधारित लाभकारी रोजगार पैदा करना कृषि रोडमैप का महत्वपूर्ण अंग है. निजी क्षेत्र में टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना के लिए सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है.
केवल टारगेट पूरा करने में लगे रहते हैं अधिकारी
किसान समागम में कैमूर से पहुंचे सुनील कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि समय पर व उन्नत बीज नहीं मिलने से किसानों को परेशानी होती है. धान की खरीद लेट होने के बाद अधिकारी केवल टारगेट पूरा करने में लगे रहते हैं. श्रीविधि में एक भी प्रत्यक्षण नहीं मिला. बीज निगम की विश्वसनीयता खत्म हो गयी है. समागम में किसानों को बीज व मालदह आम के पौधे दिये गये.
बाद में बीज दुकान में भूजा के लिए चला जाता है. उन्होंने मूंग की बढ़िया प्रजाति विकसित करने की बात कही. इलाके में सूरजमुखी व गन्ना पेरने की मशीन लगाने के लिए अनुदान देने की मांग की. मुख्यमंत्री से शराबबंदी की तरह किसान पर ध्यान देने का आग्रह किया.
बिहार को कृषि क्षेत्र में करना है बहुत काम : राय
कृषि वैज्ञानिक मंगला राय ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में बिहार को अभी बहुत काम करना है. कृषि रोडमैप के क्रियान्वयन के लिए सशक्त कदम उठाने होंगे. पहले बने कृषि रोडमैप की योजनाओं पर अमल होता तो अब तक काफी सफलता मिलती. अगर किसी चीज का सिंहावलोकन होता है तो उस पर आत्मवलोकन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में पानी व जमीन उपलब्ध है. आंध्र पदेश से चार गुना चौर क्षेत्र बिहार में है. फिर भी वहां से मछली यहां आती है. अगर सरकार थोड़ा ध्यान दे तो 20 से 30 फीसदी मछली उत्पादन में वृद्धि हो जायेगी.
सेव को सालों भर रखने की व्यवस्था है तो लीची को क्यों नहीं कुछ अधिक दिनों तक रखा जा सकता है. कृषि विश्वविद्यालय के लोग इस पर क्या ध्यान नहीं देना चाहेंगे. ग्राम बीज वितरण योजना शुरू कर 2012 में 16 फीसदी उत्पादन में वृद्धि हुई थी. यह योजना चली होती तो आज और सफल होती. सरकार को प्रोसेसिंग, भंडारण, मार्केटिंग आदि पर ध्यान देना होगा. निवेशकों को कृषि क्षेत्र में निवेश करने की जरूरत है. सहकारिता के माध्यम से किसानों को संगठित कर स्वयं सहायता समूह को बढ़ाना होगा. गन्ना की उन्नत प्रजाति विकसित करने करने का काम हो.
कृषि विश्वविद्यालय को करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रोड क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है. अब किसान अपने उत्पादन को आसानी से एक जगह से दूसरे जगह ले जा सकते हैं. उन्होंने पानी व जमीन बचाने का आग्रह किया.

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