Comments Off on यूपीए-3 की हीं बनेगी सरकार– राहुल गांधी 6

यूपीए-3 की हीं बनेगी सरकार– राहुल गांधी

ताज़ा समाचार, दिल्ली, प्रमुख ख़बरें, लोक सभा

कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस को कम करके नहीं आंका जाए और यह 2009 के लोकसभा चुनाव में प्राप्त सीटों के आंकड़े को पार करेगी। इसी के साथ राहुल ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग-3 की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि गठबंधन पर कांग्रेस की स्थिति स्पष्ट, समान विचार वाले दलों के साथ काम करेगी।

राहुल ने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी के शासन में 2002 के दंगों के दौरान सरकार की अक्षम्य विफलता के लिए कानूनी जवाबदेही तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि निचली अदालत द्वारा त्रुटिपूर्ण एसआईटी रिपोर्ट की स्वीकृति की उच्च अदालतों में अब तक जांच नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दंगों में मोदी की जिम्मेदारी की ओर इशारा करने वाले विशिष्ट आरोपों को अभी पर्याप्त रूप से साबित किया जाना है और मोदी को क्लीनचिट देने की बात राजनीतिक रूप से स्वार्थसाधक लेकिन बेहद अपरिपक्व है।

1984 के सिख विरोधी दंगे पर राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने माफी मांग ली है और सोनिया गांधी ने खेद जताया, मैं पूरी तरह उनकी भावनाओं के साथ हूं।

राहुल ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिलने वाली सीटों को लेकर अनुमान से इंकार करते हुए कहा कि मैं कोई भविष्यवक्ता नहीं हूं, लेकिन हम अच्छा करेंगे।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को सिरे से खारिज करते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस इस चुनाव में 2009 के चुनाव के मुकाबले बेहतर करेगी। 2009 में पार्टी ने 206 सीटें जीती थीं। उन्होंने याद दिलाया कि 2004 और 2009 के चुनावों में भी कांग्रेस की हार अथवा बुरी तरह पराजय का अनुमान लगाया गया था।

लोगों के साथ संवाद में सरकार और पार्टी की नाकामी के बारे में राहुल ने कहा कि मेरा मानना है कि हम अपनी उपलब्धियों को लोगों तक अधिक आक्रामक ढंग से पहुंचा सकते थे। जैसे कि मैंने कहा कि हमने परिवर्तनकारी कार्य किया है। हम संवाद में हमेशा बेहतर हो सकते हैं।

कांग्रेस की हार संबंधी धारणा को खारिज करते हुए राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी का राकांपा, राजद, झामुमो, रालोद तथा नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन है, हालांकि द्रमुक एवं तृणमूल कांग्रेस अलग हो गए। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस तृणमूल एवं द्रमुक के साथ फिर से काम कर सकती है तो राहुल ने कहा कि हम उन लोगों के साथ हमेशा से काम करने की इच्छा रखते हैं जिनकी विचारधारा और राजनीतिक दर्शन समान है एवं जो सांप्रदायिकता और उन सांप्रदायिक दलों के खिलाफ लड़ने को प्रतिबद्ध हैं जो अपने तुच्छ राजनीतिक फायदों के लिए भारत को विभाजित करना चाहते हैं।

उनकी शक्तियों को बहुत अधिक आंके जाने की बात कहते हुए राहुल ने कहा कि कई मामलों में मेरे सरकार से मतभेद रहे हैं लेकिन मेरी बात खारिज कर दी गई। जब उनसे उसका उदाहरण देने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़े सार्वजनिक विषय पर जिस पर मेरी बात खारिज कर दी गई वह थी लोकपाल को संवैधानिक निकाय बनाने का सवाल। उन्होंने कहा कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं से मेरी राय भिन्न थी लेकिन मेरी बात खारिज कर दी गई।

राहुल ने एक अन्य उदाहरण दोषी ठहराए गए सांसदों को अयोग्य ठहराने के शीर्ष अदालत के फैसले पर जारी अध्यादेश वाले मामले का दिया। इस मामले में उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भिन्न रुख अपनाया था और शुरू में उन्हें खारिज कर दिया गया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि तब मैंने अपनी राय सार्वजनिक करने का कदम उठाया।

उनका इशारा उस संवाददाता सम्मेलन की ओर था जहां उन्होंने कहा था कि इस अध्यादेश को फाड़कर फेंक देना चाहिए। वह वहां जनता की राय व्यक्त कर रहे थे और पार्टी ने उनकी बात सुनी। इस मुद्दे पर उनके सार्वजनिक रूप से बयान देने पर विवाद पैदा हो गया था क्योंकि उन्होंने ऐसे समय यह बयान दिया था जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विदेश में थे। इस विवाद पर राहुल गांधी ने कहा कि बाद में यह समझ में आया कि इस विषय को बेहतर ढंग से निबटाया जा सकता था।

Back to Top

Search