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जेएनयू मामले पर लोकसभा में तीखी बहस

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लोकसभा में आज दोपहर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय विवाद पर चर्चा की शुरुआत हुई. चर्चा की शुरुआत विपक्षी कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया व सत्ताधारी भाजपा की ओर से अनुराग ठाकुर ने की. कांग्रेस और भाजपा दोनों के सांसद ने एक दूसरे पर तीखे राजनीतिक कटाक्ष किये. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जेएनयू विवाद से देश की जनता निराशा है. उन्होंने कहा कि कन्हैया ने देश विरोधी नारे नहीं लगाये और उसे पुलिस के संरक्षण में पीट गया. वहीं, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी से सवाल पूछा कि वे बतायें कि जो लोग देश के टुकड़े टुकड़े करने की बात करते हैं और उनके समर्थन में राहुल गांधी जा खड़े होते हैं, तो वे बतायें कि देश के किस टुकड़े पर शासन करना चाहेंगे.
कांग्रेस सांसद ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने जेएनयू मामले पर सरकार को घेरते हुए कहा, जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्‍हैया की गिरफ्तारी गलत है. उन्‍होंने कहा, कन्‍हैया के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है फिर भी उसे गिरफ्तार किया गया. वीडियो में देखा जा सकता है कि कन्‍हैया ने कहीं भी देश विरोधी नारेबाजी नहीं किया है. वैसे में उसे गिरफ्तार करना दुख की बात है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, महज कुछ छात्रों के नारे लगाने के आधार पर एक यूनिवर्सिटी (जेएनयू) को बर्बाद नहीं करना चाहिए. हमारे गृह मंत्री एक ट्वीट के आधार पर कहते हैं कि जेएनयू नारेबाजी को हाफिज सईद का समर्थन प्राप्त है. वह भी फर्जी ट्वीट के आधार पर, यह शर्मनाक है. सरकार काफी पहले से जेएनयू से रंज रखती आयी है क्योंकि यहां के छात्रों ने दादरी, यूजीसी फेलोशिप और रोहित वेमुला जैसे मुद्दों को उठाया. उन्‍होंने कहा, जेएनयू की आवाज को दबाना चाहती है सरकार, सिर्फ नारे लगाना राष्ट्रदोह नहीं है.
सिंधिया ने इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं के बयानबाजी को गलत बताया. उन्‍होंने सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा, सरकार अपने नेताओं को बचा रही है. सरकार देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांट रही है. सबका साथ सबका विकास आपका नारा है. लेकिन आज देश की जनता निराश है और कह रही है. किसका साथ और किसका विकास.
जेएनयू विवाद पर लोकसभा में चर्चा में भाजपा के सांसद अनुराग ठाकुर ने भाग लिया. अनुराग ठाकुर ने कहा कि कैप्टन पवन कुमार ठाकुर ने मात्र 22 साल की उम्र में देश के लिए शहादत दे दी, उन्होंने आखिरी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि मुझे आरक्षण नहीं चाहिए, हनुमन थप्पा ने देश के लिए कुर्बानी दी. पवन इकलौता बेटा था 22 साल का. जिसके पिता ने टीवी के सामने पूरी दुनिया को कहा कि मेरा इकलौता बेटा था वह, वह देश के लिए जीना चाहता था, मुझे उस पर गर्व है. पूरे देश को उस पर गर्व है. अनुराग ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि लेकिन, हमें इन पर शर्म है.
इन्होंने जेएनयू का नाम लिया. जेएनयू को बदनाम करने की कोशिश की. माओवादी व अलगाववादी को समर्थन करने वाले होंगे वहां. ये कांग्रेस के नेता कैप्टन पवन ठाकुर के घर तक नहीं पहुंच सके, लेकिन देश को तोड़ने की बात करने वाले के पास चले गये. जहां श्रीनगर में हमारे फौजी 48 घंटे देश के लिए लड़ते हैं, वहीं ये कांग्रेस नेता अलगाव की बात करने वाले के समर्थन में आते हैं. अनुराग ठाकुर ने दस्तावेज दिखाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी चुनाव जीत कर आते हैं, तो लोकतंत्र के मंदिर संसद में मत्था ठेकते हैं. आैर इसी संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु के पक्ष मेें नौ फरवरी को नारे लगाने वाले के समर्थन में ये कांग्रेस के नेता आते हैं. मैं भावुक इसलिए हूं क्योंकि मेरे दादा फौजी थे, मेरे पिता ने इस हाउस में वन रैंक, वन पेंशन का मुद्दा सबसे पहले उठाया.
उन्होंने सवाल उठाया कि अफजल है कौन? आखिर डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन कौन सी संस्था है? जिनके साथ राहुल गांधी जाकर बैठ गये. उन्होंने यूपीए सरकार के शासन में गृहराज्य मंत्री से पूछ गये प्रश्न के उत्तर के हवाले से डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन की भूमिका पर सवाल उठाया.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि नौ फरवरी को नारा लगाया गया कि चैन से नहीं बैठेंगे भारत की बर्बादी तक, भारत के टुकड़े होंगे इंशाअल्ला, इंशाअल्लाह, अफजल गुरु मकबूल भट्ट जिंदाबाद, कितने अफजल गुरु मारोगो. अनुराग ठाकरे ने कहा कि उन्होंने भारत के टुकड़े की बात कही, हम अपने टुकड़े करवा देंगे लेकिन भारत के टुकड़े नहीं होने देंगे.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2014 में कांग्रेस की सरकार ने तिरंगा झंडा फहराने के लिए मुझे, सुषमा जी व जेटली जी को गिरफ्तार किया. उन्होंने कहा कि जेएनयू जवाहर लाल नेहरू जी के नाम पर है और उन्हीं के परिवार का सदस्य जेएनयू में राष्ट्रविरोधियों के पक्ष में जाकर खड़ा होता है. इनके लिए फैमिली फर्स्ट, पार्टी नेक्स्ट, नेशन लास्ट है और हमारे लिए कंट्री फर्स्ट, पार्टी नेकस्ट, फैमिली लास्ट है. मैं भारत की आलोचना नहीं सहूंगा. दंतेवाड़ा में 2010 में 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए, इनमें मेरे क्षेत्र के दो थे. उनके छोटे बच्चे को मैंने रोते देखा. लेकिन यह स्टूडेंट यूनिनय दंतेवाड़ा के शहीदों पर जश्न मना रहा था. ये अफजल गुरु, याकूब मेनन को शहीद दिखाते हैं.
उन्होंने कहा कि देश यह पूछा रहा है कि आप अफजल गुरु के साथ हाे या शहीदों के साथ, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी माओवादियों के साथ जाकर खड़े हो जाते हैं. उन्होंने कहा हमें तय करना है कि माओवाद अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले के खिलाफ खड़ा होना है या नहीं.
उन्होंने कहा कि अन्याय करने वाले से ज्यादा अन्याय सहने वाला दोषी होता है. एबीवीपी ने वहीं काम किया वीसी को हुई घटना के बारे में बताया. उन्होंने कहा देश के सामने प्रश्न यह है कि जिस व्यक्ति के नाम पर वहां प्रदर्शन हो रहा था, उसका नाम अफजल गुरु है. कश्मीर की समस्या की बात उठाई जाती है. कांग्रेस के प्रवक्ता अफजल गुरु को अफजल गुरु जी कहते हैं. आतंकियों को शहीद का दर्जा दिया जाता है, कश्मीर की समस्या नेहरू दी की दी हुई है जिसे आज देश भुगत रहे हैं. ये कहते हैं कि देश के टुकड़े टुकड़े कर देंगे, राहुल जी आप बता दो को अाप कौन से टुकड़े पर शासन करना चाहोगे. उन्होंने कहा कि देश के 16 टुकड़े नहीं होने देना गलत है, तो हम गलत हैं.

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