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जहरीली हवा की चपेट में दिल्ली, स्कूल बंद, निर्माण कार्य पर रोक

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दिल्ली में वायु प्रदूषण बुधवार को खतरनाक स्तर तक पहुंच गया और स्थिति को भांपते हुए शहर के सभी स्कूलों को रविवार तक के लिए बंद कर दिया गया तथा निर्माण कार्यों और शहर में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई. इस दौरान बुधवार को दिन भर शहर पर धुंध की चादर पसरी रही और लोग दमघोंटू धुएं से बचने के लिए मशक्कत करते रहे.
दिल्ली में प्राधिकारियों ने बुधवार को सिविल निर्माण कार्य तत्काल स्थगित करने का आदेश देने के साथ ही शहर में आवश्यक सामग्री लेकर आने वाले ट्रकों को छोड़कर बाकी सभी ट्रकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया क्योंकि ईपीसीए ने घोषणा की है कि प्रदूषण स्तर अत्यधिक गंभीर हो गया है.
इन निर्णयों को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उस बैठक में मंजूरी दी जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) सदस्य सुनीता नारायण एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे.
बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया कि सड़कों पर कारों की संख्या नियंत्रित करने वाली सम-विषम योजना लागू करनी है या नहीं इस पर निर्णय गुरुवार को किया जाएगा. बैठक के दौरान उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त एवं श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) लागू करने के लिए अधिकार प्राप्त ईपीसीए ने कहा कि उसने धुंध की वर्तमान स्थिति को देखते हुए योजना को अत्यधिक गंभीर तक बढ़ाने का निर्णय किया है.
उपराज्यपाल कार्यालय ने ट्वीट किया, अरविंद केजरीवाल के साथ प्रदूषण पर एक आपात बैठक हुई. कदमों को मंजूर किया गया जिसमें (आवश्यक वस्तु ढोने वालों को छोड़कर) ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, सिविल निर्माण पर रोक, सप्तहांत तक स्कूलों में छुट्टी, पार्किंग शुल्क बढ़ाना तथा मेट्रो एवं बसों का फेरा बढ़ाना शामिल है.
आपात स्थिति से निपटने के लिए शहर में प्रशासन ने मोर्चा संभाला तो दूसरी तरफ अस्पतालों में आने वाले सांस संबंधी मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई. इस स्थिति को 1952 में लंदन के ग्रेट स्मॉग की तरह माना जा रहा है.
शहर में धुंध की चादर हर तरफ पसरी रही और कई स्थानों पर तो दृश्यता शून्य के करीब पहुंच गई. शहर में हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो गई. दिल्ली सरकार ने ऐलान किया कि असहनीय वायु प्रदूषण की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में सभी स्कूल रविवार तक बंद रहेंगे. मेट्रो और दिल्ली नगर निगम ने निजी वाहनों पर निर्भरता कम करने के लिए ट्रेनों और बसों के फेरे बढ़ाने का फैसला किया है.
उच्चतम न्यायालय से अधिकार प्राप्त पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि स्कूलों को बंद करने जैसे अस्थायी कदमों से बहुत उम्मीद नहीं करनी चाहिए. उन्होंने मेट्रो के किराये में कमी करने और पार्किंग शुल्क में बढोतरी के फैसलों के क्रियान्वयन में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी की आलोचना की. ईपीसीए ने इन दो कदमों का कल ऐलान किया था.
जहरीले धुएं के प्रभाव को कम करने के इरादे से शहर की सरकार ने एक स्वास्थ्य हिदायत जारी कर दिल्ली वासियों से एक दूसरे की कार का साझा इस्तेमाल करने, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने, अपने – अपने घरों में ही रहने और धूम्रपान नहीं करने का एक स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 अंकों के स्तर में 487 तक पहुंच गया. यह इस बात का संकेत है कि प्रदूषण की स्थिति गंभीर है जो सेहतमंद लोगों को भी प्रभावित कर सकती है तथा बीमार लोगों पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है.
अगर वायु गुणवत्ता 500 के स्तर तक पहुंच जाती है तो फिर ग्रेडेड रिस्पांस ऐक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत सम-विषम और निर्माण कार्यों पर रोक संबंधी कदम तत्काल उठाए जा सकते हैं. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सरकार सम-विषम योजना को फिर से लागू करने की तैयारी में है तथा शहर की सड़कों पर और बसें उतारने के इंतजाम किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, अगर हवा की गुणवत्ता अत्यधिक गंभीर होती है तो दिल्ली में हम सम-विषम योजना लागू करेंगे. मैंने डीटीसी को निर्देश दिया कि मार्च तक के लिए 500 और बसों का इंतजाम किया जाए. ईपीसीए की ओर से घोषित कदमों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने कहा कि 186 अतिरिक्त फेरे लगाए जाएंगे.
उच्चतम न्यायालय से अधिकार प्राप्त पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) की ओर से घोषित कदमों को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. उसने व्यस्त अवधि के दौरान मेट्रो किराये में कमी करने और पार्किग की दर बढ़ाने जैसे कदमों का ऐलान किया है.
बहरहाल, ईपीसीए ने मंगलवार को स्पष्ट किया था कि उसके आदेश कानूनी रुप से बाध्यकारी हैं और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों की ओर से जारी किए जाने के बाद ये प्रभावी हो जाएंगे.
पर्यावरण मंत्रालय ने जनवरी में राज पत्र अधिसूचना के जरिए ईपीसीए को अधिकार दिया था कि वह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस ऐक्शन प्लान (जीआरएपी) को लागू करा सकती है. भू विज्ञान मंत्रालय में सचिव माधवन राजीवन ने कहा कि दिल्ली में धुंध स्थानीय मामला नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण क्षेत्र में फैल गई है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति अभी अगले दो-तीन दिन तक रहेगी.
प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए शहर में बहुत सारे लोग मॉस्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. धुंध की वजह से दिल्ली यातायात पुलिस ने वाहन चालकों से कहा है कि वे तेज गति से वाहन नहीं चलाएं और ड्राइविंग के समय अपने मोबाइल फोन बंद कर लें. यातायात पुलिस ने अपने परामर्श में कहा कि लोग वाहन से निकलने से पहले मौसम पूर्वानुमान पर ध्यान दें तथा घनी धुंध की स्थिति में अपनी यात्रा विलंब से शुरू करें.

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