जब सुशील मोदी ने मोर्चा लिया तो चुप हो गए लालू
आमने सामने, चुनाव, बिहार, विधान सभा October 21, 2015 , by ख़बरें आप तकमहागठबंधन के वार के बाद अब बारी भाजपा की थी। असल में हरियाणा के फरीदाबाद में हुई घटना पर बिहार में राजनीति शुरू हो गई। नीतीश और लालू ने बारी बारी मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। जवाब देने के लिए औपचारिक अंदाज में शाहनवाज उतरे लेकिन लालू नहीं माने। फिर लालू को जवाब देने खुद सुशील मोदी ने मोर्चा संभाला। अब जब उन्होंने आंकड़ों और घटनाओं का जिक्र किया कि उनके राज में कितने दलितों का सामूहिक नरसंहार हुआ, उसके बाद से लालू का कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि सभी को उनके जवाब का इंतजार है।
भाजपा की ओर से पहले शाहनवाज ने मोर्चा संभालते हुए भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने भी ट्वीट किया, जो हरियाणा में हुआ बहुत दुखद है। कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है। किसी को बख्शा नही जाएगा। लेकिन लालू जी भूल गए कि उनके जंगलराज में बिहार में सबसे ज्यादा दलितों की हत्या हुई। आज वोट के लिए आंसू बहा रहे हैं।
मामला यहां भी नहीं रुका राजद सुप्रीमो लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले करते जा रहे थे।
फिर मोर्चा संभाला भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी ने। उन्होंने ट्वीट किया, फरीदाबाद की घटना निंदनीय है, लेकिन लालू प्रसाद भूल गए कि उनके 15 साल के राज में एक-दो नहीं, सैंकड़ों दलितों का सामूहिक नरसंहार हुआ। लक्ष्मणपुर बाथे (अरवल) में 58, बथानी टोला (भोजपुर) में 21 और मियांपुर (औरंगाबाद) में 34 दलित मारे गए। बाथे नरसंहार को तत्कालीन राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शर्म बताया था। दलित नरसंहार के सभी अभियुक्त नीतीश सरकार में हाईकोर्ट से छूट गए। राज्य की पुलिस न ठोस सबूत जुटा पाई, न सरकार ने ठीक से कानूनी लड़ाई लड़ी। बड़े भाई के राज में नरसंहार हुए, छोटे भाई के राज में हत्यारे छूट गए। इनके नकली आंसुओं को बिहार के दलित खूब पहचानते हैं।
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