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छठ व्रतियों ने रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया पहला अर्घ्य, घाटों में उमड़े श्रद्धालु

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छठ व्रतियों ने रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया सूर्योपसना का महान पर्व छठ को लेकर बिहार और झारखंड समेत देश के अन्य हिस्सों में भारी उत्साह है. आज छठ घाटों में छठव्रतियों की भारी भीड़ जुटी. इस दौरान व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. राजधानी पटना में गंगा नदी के किनारे भारी भीड़ उमड़ी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंगाघाट पर मौजूद थे. मुख्‍यमंत्री आवास में भी छठ पूजा हो रहा है. यहां नीतीश कुमार की बहन और भाभी छठ कर रही हैं.
इधर झारखंड के मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने सभी राज्‍यवासियों को छठ की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं और सूर्यदेव से राज्‍य की खुशहाली की कामना की है. लोक आस्था के इस महान पर्व में गया जेल के चार महिला कैदियों ने भी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया.
नदी घाट पर कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। गांव में तालाब किनारे अर्घ्य दिया गया। इसके अलावा शहर से गांव तक दरवाजे पर तालाब निर्माण के बाद पूजा अर्चना की गयी है। शहर में छठ घाटों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।महापर्व छठ के तीसरे दिन रविवार की शाम व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अघर्य दिया। इस मौके पर शहर के सभी गंगा घाट और तालाबों पर बड़ी संख्या में व्रतियों ने पूजा-अर्चना की। कइर् मोहल्लों में घरों की छतों पर अर्घ्य िदया।बिहार झारखंड के अलावा देश के अन्य हिस्सों में छठ मनाया जा रहा है. बेंगलुरू, दिल्ली, कोलकाता में भी छठव्रतियों ने घाटों में सूर्य को पहला अर्घ्य दिया. झारखंड की राजधानी रांची में छठ को देखते हुए प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है. सूर्योपासना के इस पर्व के धार्मिक दृष्टि से तो विशिष्ट माना ही जाता है, साथ ही इसे साफ सफाई एवं पर्यावरण की नजर से भी महत्वूपर्ण माना जाता है जिसे देश के साथ विदेशों में कई जगहों पर पारंपरिक श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है.छठ पूजा में स्वच्छता का विशेष महत्व है. इसमें चढ़ाए जाने वाला प्रसाद पूरी तरह घर में ही बनाया जाता है, बाजार से खरीदे गये प्रसाद का उपयोग नहीं किया जाता. गेहूं के आटे और गुड़ को मिलाकर ठेकुआ बनाया जाता है. इसके साथ ही टिकरी भी बनाया जाता है. नयी सब्जियां और फलों से सूप सजाया जाता है. फिर घुटने भर पानी में खड़े होकर व्रति उस सूप से भगवान सूर्य को अर्घ्‍य देते हैं. प्रसाद बनाने के लिए गेहूं को पूरी तरह से साफ किये गये चक्की में ही पिसावाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की अशुद्धि की तत्काल दैवीय सजा मिलती है.
इस पर्व पर खासतौर पर बनाया जाने वाला पकवान ठेकुआ होता है. इसके अलावा नारियल, मूली, सुथनी, अखरोट, बादाम, नारियल, इस पर चढाने के लिए लाल पीले रंग का वस्त्र, एक बडा घडा जिस पर बारह दीपक लगे होते हैं. तीसरे दिन या छठ के दिन 24 घंटे का निर्जल व्रत रखा जाता है, सारे दिन पूजा की तैयारी की जाती है. इस दिन अस्ताचल सूर्य की उपासना की जाती है. अगले दिन सुबह व्रती सूर्योदय के समय पानी में खडे होकर सूर्य देव की आराधना करते है
अर्घ्‍य का समय
सोमवार को दूसरा अर्घ्‍य प्रदान किया जायेगा. सोमवार को सूर्योदय का समय 5.57 बजे है. व्रतियों को सुबह 6 बजकर 15 मिनट से पहले दूसरा अर्घ्‍य प्रदान कर देना होगा.

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