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चौथे चरण के मतदान के लिए आज यूपी में थम जाएगा चुनाव प्रचार

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यूपी विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के लिए आज चुनाव प्रचार थम जाएगा। चौथे चरण में 53 सीटों पर 23 फरवरी को चुनाव होना है। अवध व बुन्देलखण्ड के 12 जिलों की 53 विधान सभा सीटों पर मंगलवार की शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा। प्रचार थमने के साथ ही इन सभी 12 जिलों में शराब, बीयर व भांग की दुकानें भी दो दिनों के लिए बंद हो जाएंगी।
पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश से लगने वाली सीमाएं भी सील कर दी जाएंगी। 23 फरवरी को होने वाले मतदान की तैयारियां और तेज हो जाएंगी। 22 फरवरी को पोलिंग पार्टियां और सुरक्षा बलों के दस्ते अपने-अपने मतदान केन्द्र के लिए रवाना हो जाएंगे। इन 53 विस सीटों पर कुल 680 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से 60 महिला प्रत्याशी हैं। 13 सीटें सुरक्षित हैं।
सियासी तस्वीर 2012 के पिछले विधान सभा चुनाव में इन 53 सीटों में से सर्वाधिक 24 सीटें सपा के खाते में गयी थीं जबकि 15 सीटें बसपा, 5 सीटें भाजपा, 6 सीटें कांग्रेस और तीन सीटें अन्य ने जीती थीं। रायबरेली की ऊंचहार सीट से प्रदेश सरकार के मंत्री मनोज पाण्डेय सपा उम्मीदवार के रूप में दोबारा यहां से विधायक बनने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो प्रतापगढ़ की कुण्डा सीट से प्रदेश सरकार के एक अन्य मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया बतौर निर्दलीय प्रत्याशी फिर एमएलए बनने के लिए मैदान में हैं।
बुन्देलखण्ड में देखें तो फतेहपुर से भाजपा की फायर ब्राण्ड नेता साध्वी निरजंन ज्योति सांसद हैं और झांसी से उमा भारती। इन दोनों पर भाजपा के प्रत्याशियों को जिताने की जिम्मेदारी है। रायबरेली तो सोनिया गांधी का गढ़ है ही। रायबरेली की सभी सीटों पर गठबंधन के तहत कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं मगर गठबंधन धर्म यहां खटाई में पड़ा हुआ है क्योंकि सपा ने भी ऊंचाहार और सरेनी पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं।
केन्द्रीय मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने प्रतापगढ़ सदर और विश्वनाथगंज से प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। यहां से अविभाजित अपना दल के सांसद कुंवर हरिवंश सिंह सांसद हैं। 2012 के पिछले विधान सभा चुनाव में कौशाम्बी, हमीरपुर, महोबा और ललितपुर से समाजवादी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

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