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चीन की सेना को करारा जवाब देने को तैयार है भारतीय सेना

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पिछले काफी समय से हमारा पड़ोसी देश चीन सिक्किम सीमा विवाद को लेकर कई भड़काऊ बयान दे चुका है। इन बयानों के जरिए चीन भारत पर दबाव बनाना चाहता है लेकिन भारत अपने निर्णय पर बिल्कुल तटस्थ है। सूत्रों की मानें तो अगर चीन डोकलाम के मुद्दे पर भूटान को भड़काने की कोशिश करेगा तो भारत इसपर जवाबी कार्रवाई करेगा। भारत चीन को राजनीतिक और सैन्य दोनों तरीके से जवाब देगा। इस दौरान कूटनीतिक हल अपना कर भी सीमा विवाद की समस्या को सुलझाने का प्रयास जारी रहेगा।
भारतीय सेना ने सिक्किम-भूटान-ट्राईजंक्शन पर अपनी पकड़ बना ली है। यहां पर भारत ने अपनी सैन्य मौजूदगी को और बेहतर कर लिया है। समुद्र से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर अतिरिक्त सेना लगा दी गई है और भारत किसी भी तरह की सैन्य स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। सीमा पर भारत-चीन के करीब 300-400 सैनिक तैनात हैं। दोनों तरफ से लाल झंडों के साथ सैनिक आने वाले आदेश का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार भारतीय सैनिक चीनी सेना के मुकाबले ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं, उन्हें चीन से बेहतर साजोसामान उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। भारतीय एजेंसियां भी इलाके में चीन की सेना की हर हरकत पर नजर बनाए हुए हैं।
इन सब के बीच चीनी मीडिया भी लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है। मंगलवार को ग्लोबल टाइम्स ने अजीत डोभाल को सिक्किम सीमा विवाद के पीछे का मुख्य साजिशकर्ता बताया। इसके साथ ही अपने लेखों के जरिए चीन लगातार युद्ध की धमकी दे रहा है। भारत चाहता है कि चीन 2012 के उस समझौते का पालन करे जिसके अनुसार दोनों देशों के प्रतिनिधि बात-चीत के जरिए भूटान सीमा समस्या को सुलझाएंगे। सूत्र का खाना है कि भारत इस मसले पर तभी आगे आया जब चीन की सेना जबरन भूटान की सीमा में घुस आई।
भारतीय एनएसए अजीत डोभाल ब्रिक्स देशों के एनएसए की मीटिंग में शामिल होने के लिए जाने वाले हैं। चीनी मीडिया डोभाल को पहले ही सिक्किम विवाद का मुख्य साजिशकर्ता करार चुका है। ऐसे में डोभाल के लिए इस चुनौती से निपटना और मुश्किल होगा। सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी के ब्रिक्स बैठक में शामिल होने से पहले डोभाल सीमा विवाद को सुलझा लेना चाहेंगे। वहीं भारत ने इस मसले पर बात-चीत के लिए यह शर्त रखी है कि दोनों ही देशों की सेनाओं को पहले सीमा से अपनी सेना हटा लेनी होगी।

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