चंद्रमा हर 81 हजार साल में बदलता है अपना रूप
ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, दिल्ली October 13, 2016 , by ख़बरें आप तकवैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रमा हर 81 हजार साल में अपना रूप बदल लेता है। चांद के रूप में यह बदलाव धूमकेतुओं और क्षुद्र ग्रहों की बमबारी से उसकी सतह पर होने वाले परिवर्तनों के कारण होता है।
हालांकि इस बदलाव की गति अब तक सोची गई गति से सौ गुना ज्यादा तेज है। यह शोध नासा के अंतरिक्ष यान लूनर से प्राप्त आंकड़ों के अध्ययन के बाद जारी किया गया है। नासा के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा कि धूमकेतुओं, क्षुद्रग्रहों और इनसे जुड़े अंश चंद्रमा की सतह पर कुछ बनाते हैं और कुछ हटाते हैं। इससे उसके शक्ल में बदलाव आता है और इनसे बने गड्ढों का मूल इस्तेमाल भौगोलिक इकाइयों की आयु का पता लगाने में किया जाता है।
हर साल बन रहे 180 नए गड्ढे
शोधकर्ताओं के मुताबिक धूमकेतू और क्षुद्र ग्रहों की वजह से हर साल 33 फीट के लगभग 180 नए गड्ढे बन रहे हैं। अमेरिका की एरीजोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इमर्सन स्पेयरे के मुताबिक शोध में लुनर द्वारा 2009 से जारी की गई तस्वीरों का लगातार अध्ययन किया गया। यह सभी तस्वीरे चंद्रमा के एक ही भाग से ली गई थीं।
222 नए गड्ढों की पहचान हुई
एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी और कोर्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मिलकर नासा के लूनार रीकानसन्स ऑर्बिटर के कैमरे के मदद से ली गई पहले और बाद की तस्वीरों का आकलन किया। शोधकर्ताओं ने नए प्रभाव वाले 222 गड्ढों की पहचान की और पूर्व के मॉडलों द्वारा बताई गई संख्या की तुलना में 33 प्रतिशत ज्यादा गड्ढे देखे। यह अध्ययन नेचर नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया जिसके मुताबिक गड्ढों की संख्या और वापस आने वाले नमूनों की रेडियोमीट्रिक उम्र से चंद्रमा पर मौजूद चीजों और सौरमंडल की अन्य चीजों की आयु के आकलन में मदद मिलती है।
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