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चंद्रग्रहण में रखें इन बातों का ख्याल

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रात 10 बजकर 53 मिनट पर चंद्रग्रहण शुरू होने वाला है. भारत में 7-8 अगस्त की रात लोग खंडछायायुक्त (पीनम्ब्रल) एवं आंशिक चंद्रग्रहण देख सकेंगे.
चंद्रग्रहण वह खगोलीय स्थिति है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं. चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है. चंद्रग्रहण का प्रकार और अवधि चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं. चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण हमेशा साथ-साथ होते हैं तथा सूर्यग्रहण से दो सप्ताह पहले चंद्रग्रहण होता है.
चंद्र ग्रहण का सूतक 7 अगस्त को दोपहर 1.52 बजे शुरू हो जायेगा. 7 अगस्त को रात 9.22 बजे पीनम्ब्रल चंद्रग्रहण शुरू होगा और 8 अगस्त को 2.20 बजे भोर तक बना रहेगा. जबकि 7 अगस्त को रात 10.53 बजे से आंशिक चंद्रग्रहण शुरू होगा, जो मध्यरात्रि 12:47 मिनट तक देखा जा सकेगा. चंद्रग्रहण को आप खुली आंखों से देख सकते हैं.
जानें खास बातें-
सोमवार की रात 11.51 बजे ग्रहण अपने सर्वोच्च प्रभाव में रहेगा.
पीनम्ब्रल चंद्रग्रहण करीब पांच घंटे एक मिनट तक और आंशिक चंद्रग्रहण एक घंटे 55 मिनट तक बना रहेगा.
अफ्रीका, एशिया और आस्ट्रेलिया में आंशिक चंद्रग्रहण को इसकी पूर्णता में देखा जा सकेगा.
चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण हमेशा साथ-साथ होते हैं तथा सूर्यग्रहण से दो सप्ताह पूर्व चंद्रग्रहण होता है.
सात अगस्त को होने वाला चंद्रग्रहण 21 अगस्त को होने वाले सूर्यग्रहण से संबद्ध है.
क्या कहता है साइंस
ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए यह समय को अशुभ माना जाता है. इस दौरान अल्ट्रावायलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए ग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत होती है. इस समय चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, जिससे गुरुत्वाकर्षण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. इसी कारण समुद्र में ज्वार भाटा आते हैं. भूकंप भी गुरुत्वाकर्षण के घटने और बढ़ने के कारण ही आते हैं.
क्या कहता है ज्योतिष
ज्योतिष के अनुसार राहु, केतु को अनिष्टकारण ग्रह माना गया है. चंद्रग्रहण के समय राहु और केतु की छाया सूर्य और चंद्रमा पर पड़ती है. इस कारण सृष्टि इस दौरान अपवित्र और दूषित को हो जाती है.
ग्रहण के समय रखें इन बातों का ख्याल
ग्रहण के वक्त गर्भवती महिलाएं अपना जरूर खास ख्याल रखें. ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो बच्चे और मां दोनों के लिए हानिकारक हैं.
इस दौरान न तो घर से निकलना चाहिए और न ही कैंची और चाकू का प्रयोग करना चाहिए. ग्रहण के दौरान सोना भी नहीं चाहिए.
चंद्रग्रहण के समय किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है और सूर्यग्रहण के समय किया हुआ जप 10 लाख गुना फलदायी होता है.
ज्योतिष व तंत्र शास्त्र के अनुसार, ग्रहण में किये गये उपाय बहुत जल्द शुभ फल प्रदान करते हैं.
ग्रहण काल से पहले नहाकर साफ कपड़े पहन लें. ग्रहण प्रारंभ होते ही पूर्व दिशा की ओर मुख करके अपने ईष्टदेव को याद कीजिए. प्रमोशन या भाग्योदय के लिए ग्रहण काल के दौरान शिव और कान्हा जी की पूजा कीजिए.

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