Comments Off on गुजरात चुनाव में हार जीत का गणित और प्रमुख चुनावी मुद्दे 3

गुजरात चुनाव में हार जीत का गणित और प्रमुख चुनावी मुद्दे

गुजरात, चुनाव, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें, विधान सभा

पिछले २२ सालों से गुजरात की सत्ता पर काबिल भारतीय जनता पार्टी के लिए आने वाला विधानसभा चुनाव आसान नहीं होगा. इस बार चुनाव में कई चुनौतियां बढ़ने के कई कारण है. नोटबंदी, जीएसटी गुजरात में बार – बार मुख्यमंत्री का बदलना, पाटीदार का विरोध समेत कई ऐसे मुद्दे हैं जिससे भारतीय जनता पार्टी घिरी है. 2012 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 115 सीटों पर जीत हासिल की. कांग्रेस के हिस्से में 61 सीटें आयी. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस गुजरात चुनाव को लेकर एक के बाद एक सभाएं कर रही है.
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी दोनों का संबंध गुजरात से है. कई राज्यों में कांग्रेस का सुपड़ा साफ करने वाली भाजपा अगर अपने घर में हार गयी तो राजनीतिक विशलेषक कई सवाल खड़े करेंगे शायद यही कारण है कि दोनों प्रमुख पार्टियां अपना पूरा जोर लगा रही है. हालांकि हाल में हुए स्थानीय चुनाव पर नजर डालें तो भाजपा की स्थिति मजबूत लगती है.स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस से 35 सीटें छीन लीं. 126 सीटों में से 109 सीटों भाजपा ने कब्जा कर लिया. वापी नगरपालिका, राजकोट, सूरत-कनकपुर-कंसाड में जो चुनाव हुए, उसमें बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की . नोटबंदी के बाद भाजपा असम, अरुणाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के उपचुनाव जीतने में सफल रही.
तीन बार बदले मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी: 22 मई 2014 तक
आनंदीबेन पटेल: 22 मई 2014 से 7 अगस्त 2016 तक
विजय रूपाणी: 7 अगस्त 2016 से अब तक
पांच चुनावों में देखें क्या रहा है आकड़ा.
गुजरात विधानसभा चुनाव 1995
कुल सीटें 182 – 1 भाजपा पहली बार सत्ता में आई. चुनाव केशुभाई पटेल, शंकर सिंह वाघेला के नेतृत्व में लड़ा गया.
पार्टी सीटें वोट प्रतिशत
भाजपा 121 42.51
कांग्रेस 45 32.9
गुजरात विधानसभा चुनाव 1998
भाजपा ने यह चुनाव भी केशभाई पटेल के नेतृत्व में लड़ा.
पार्टी सीटें वोट प्रतिशत
भाजपा 117 44.81
कांग्रेस 53 35.28
गुजरात विधानसभा चुनाव 2002
भाजपा ने यह चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा.
पार्टी सीटें वोट प्रतिशत
भाजपा 127 49.85
कांग्रेस 51 39.59
गुजरात विधानसभा चुनाव 2007
भाजपा ने यह चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा.
पार्टी सीटें वोट प्रतिशत
भाजपा 117 49.12
कांग्रेस 59 39.63
गुजरात विधानसभा चुनाव 2012
भाजपा ने यह चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा .
पार्टी सीटें वोट प्रतिशत
भाजपा 115 48.30
कांग्रेस 61 40.59
इस चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दे क्या हैं
जीएसटी
जीएसटी( गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के लागू होने के बाद व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. हाल में ही पेट्रोलियम मंत्री का बयान की नया जूता भी तीन – चार दिनों तक काटता है व्यापारियों में नाराजगी बढ़ा रहा है. जीएसटी चुनावी सभाओं में भी खूब बिक रही है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ची़एसटी का नया नामकरण कर रहे हैं. चुनाव आने के बाद जीएसटी का नया नाम सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय है.
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने मंदी का सामना कर रहे कारोबारियों को राहत दी. 50 हजार की खरीदी पर पैन की अनिवार्यता खत्म कर दिया गया है. रिटर्न फाइलिंग में 3 महीने की छूट, कंपोजिट स्कीम की लिमिट बढ़ाकर एक करोड़ करना जैसे कदम उठाए.लोगों तक यह राहत पुहंच सके इसलिए पीएम मोदी ने बयान भी दिया कि 15 दिन पहले दीवाली मन रही है.
नोटबंदी
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में नोटबंदी बड़ा मुद्दा है.8 नवंबर जिस दिन 1000 और 500 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया गया था. इस दिन विपक्षी दल काला दिवस मनायेंगे. चुनावी रैलियों में कांग्रेस आरोप लगा रही है कि नोटबंदी से कैश में काम करने वाले कारोबारियों की की कमर तोड़ दी है. असली चोर नोट बदलने में सफल रहे. भाजपा इस मामले में अंदरखाने से भी विरोध का सामना कर रही है. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक लेख के जरिये देश की अर्थव्यवस्था पर सवाल खड़े किये.
पाटीदार आंदोलन
गुजरात चुनाव में पाटीदारों का आंदोलन इस बार राजनीतिक दलों को नयी रणनीति और जीत – हार के आकड़े के लिए नये जोड़ तोड़ के लिए मजबूर करेगा. कांग्रेस हार्दिक पटेल से मुलाकात करके संभावनाओं की तलाश कर रही है. पिछड़ा वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर 2015 में हार्दिक पटेल की अगुआई में पाटीदार आंदोलन हुआ था. पाटीदार आंदोलन में हिस्सा की खबरें मीडिया में खूब चर्चित रही. इसमें दो वर्ग के लोग है. लेउवा पटेल और कड़वा पटेल.
2012 के चुनावों में बीजेपी को लेउवा के 63%, जबकि कड़वा के 82% वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस लेउवा के 15% तो कड़वा पाटीदारों के 7% वोट मिले थे. इस बार कांग्रेस इन्हें अपने पक्ष में करके वोट प्रतिशत में बढोत्तरी कर ज्यादा से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमा सके. इस वर्ग की ताकत का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है. राज्य में 44 विधायक और कैबिनेट में 7 मंत्री इसी समुदाय से हैं.
गुजरात और मुसलमान
गुजरात में मुस्लिम मतदाताओं को लेकर राजनीतिक बिसात बिछती है. गुजरात में लगभग 9 फीसदी मुस्लिम मतदाता है. यह वर्ग भी अहम माना जाता है. 182 सीटों में से लगभग 26 सीटें ऐसी हैं जिसमें मुस्लिम मतदाता किसी भी राजनीतिक पार्टी का खेल बिगाड़ सकते हैं. गुजरात में मात्र दो मुस्लिम विधायक हैं.

Back to Top

Search