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गांव में किसान परेशान.नहीं मिले रहे नोट

कृषि / पर्यावरण, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, बिहार

नोटबंदी के बाद से बिहार के शहरों की स्थिति को छोड़ दें तो गांवों में नकदी की स्थिति काफी नाजुक है. इस समस्या से निबटने के लिये बैंकों ने गांवों में 12 हजार बैंक कॉरेस्पोंडेंट की नियुक्ति की थी. बताया जा रहा है कि चूकी बीसी की लेन-देन की तय सीमा मात्र 50 हजार है इसलिये उन्हें भी काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नकदी की कमी से बैंक कॉरेस्पोंडेंट भी परेशान हैं और आम लोगों को नकदी नहीं मिल पा रही है. इन दिनो गांवों में खेती का मौसम है और किसानों को खाद से लेकर बीज तक के लिये नकदी की दरकार होती है. गांवों में बैंक शाखाओं की कमी और एटीएम नहीं होने से लोग काफी परेशान रहते हैं.
गांव में किसान परेशान ट्रैक्टर से खेत की जुताई के बाद देने के लिये पैसे और मजदूरों को मजदूरी के बाद दिये जाने वाले पैसे किसान नहीं दे पा रहे हैं. सूबे के आधे से ज्यादा गांवों में बैंक की शाखा नहीं है. कई गांवों में ग्रामीण शाखाएं खुली हुई हैं तो वहां नकदी की व्यवस्था नहीं है. सभी शाखाओं के सामने नकदी के लिये कतार लगाये सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण खड़े रहते हैं. ग्रामीणों की समस्याओं का सामाधान फिर भी नहीं हो पा रहा है. आस-पास के छोटे बाजारों में मौजूद इकलौते एटीएम हांफ रहे हैं. बार-बार हैंग होने की वजह से घंटों उसमें से पैसे निकल नहीं पा रहे हैं. लिंक ठीक नहीं होने की वजह से ब्रांच में भी कम काम हो पा रहा है.
नहीं मिले रहे नोट जानकारी के मुताबिक बैंकों द्वारा लाख दावा किया जा रहा है लेकिन ग्रामीण इलाके के एटीएम तक पांच लौ रुपये का नोट नहीं पहुंच पाया है.लोगों को मात्र दो हजार के नोट मिल रहे हैं जिससे उनकी परेशानी और भी बढ़ गयी है. लोग बैंक जाते हैं लेकिन वहां भी उन्हें खुल्ला नहीं मिल पाता है. कुल मिलाकर बिहार की राजधानी पटना में नोट की किल्लत देखने को नहीं मिल रही है लेकिन गांवों की स्थिति काफी नाजुक है.

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