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कैश ट्रांसफर योजना भी भरेगी फर्राटा

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प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत चंद दिनों में ही रिकॉर्ड संख्या में बैंक खाते खुलवाने के बाद सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने की तैयारी कर रही है। केंद्र डीबीटी के क्रियान्वयन को गति देने के मकसद से 300 जिलों में प्रमुख सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खाते को आधार नंबर से लिंक करने जा रहा है। ऐसा होने पर सरकारी योजनाओं की धनराशि सीधे गरीबों के बैंक खाते में पहुंचेगी और फर्जी लाभार्थियों को दूर किया जा सकेगा।
सूत्रों के अनुसार फिलहाल इन जिलों में बमुश्किल 25 से 30 प्रतिशत लाभार्थियों के बैंक खाते ही आधार से लिंक हैं। केंद्र का लक्ष्य जल्द से जल्द इसे बढ़ाकर 80 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। इसी लक्ष्य को हासिल करने की रणनीति बनाने को सरकार ने 23 सितंबर को केंद्र शासित प्रदेशों और 30 सितंबर को राज्यों के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है।
इस बैठक में पांच प्रमुख कार्यक्रमों के लाभार्थियों के बैंक खातों को आधार से लिंक करने की समयबद्ध कार्ययोजना को मंजूरी दी जाएगी। ये कार्यक्रम हैं- महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), पेंशन योजना, छात्रवृत्तियां और रसोई गैस का वितरण।
दिल्ली में पीडीएस के लाभार्थियों के शत प्रतिशत बैंक खाते आधार से लिंक किए जा चुके हैं, लेकिन अधिकांश बड़े राज्यों में अब भी बड़ी तादाद में लाभार्थियों के बैंक खाते लिंक नहीं हो पाए हैं। माना जा रहा है कि 300 जिलों में बैंक खाते आधार से लिंक करने के इस लक्ष्य को प्रधानमंत्री की संभावित समीक्षा बैठक से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा।
हाल ही में सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) को उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई अन्य राज्यों में जल्द से जल्द आधार पंजीकरण कार्य को पूरा कर देशभर में 100 करोड़ आधार नंबर जारी करने की मंजूरी दी है। सीधे नकदी हस्तांतरण यानी डीबीटी के लागू होने पर दोहरा फायदा होगा। इससे सरकार को अपनी सब्सिडी घटाने में मदद मिलेगी। दूसरे, सरकारी योजनाओं के तहत धनराशि सीधे गरीबों के बैंक खाते में जाएगी। इससे अंतत: भ्रष्टाचार कम होगा।

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