Comments Off on कैबिनेट विस्तार में पूर्व IAS अधिकारियों का दबदबा 3

कैबिनेट विस्तार में पूर्व IAS अधिकारियों का दबदबा

ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, दिल्ली, प्रमुख ख़बरें, बड़ी ख़बरें

केंद्रीय कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित तीसरा विस्तार आज सुबह हो गया. इस विस्तार में नौ नये चेहरे को टीम मोदी में जगह मिलेगी. शनिवार को जिन नौ चेहरों को कैबिनेट में शामिल करने का फैसला किया गया है उनमें ज्यादातर पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हैं. देर रात अमित शाह और नरेंद्र मोदी के बीच कैबिनेट के विभागों के बंटवारे के लिए बातचीत हुई. प्रधानमंत्री जिन स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्रियों के कामकाज से खुश थे, उन्हें प्रमोशन मिला. इस सूची में धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमन व मुख्तार अब्बास नकवी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर फिर से शपथ ग्रहण कराया गया है. कैबिनेट फेरबदल में राजनीतिक समीकरण से लेकर प्रदर्शन तक का ख्याल रखा गया है. आगामी चुनावों के मद्देनजर संगठन के अहम लोगों को सरकार में शामिल नहीं किया गया है, बल्कि ब्यूरोक्रेट व टेक्नोक्रेट को जगह दी गयी है, जिनके पास शासन का पहले से अनुभव है.
मोदी सरकार में शपथ लेने वाले नौ नये राज्य मंत्रियों के प्रोफाइल पर एक नजर :
15,000 अवैध इमारतों को हटाकर सुर्खियों में आये थे अलफोंस कन्नाथनम
दिल्ली में अतिक्रमण के खिलाफ व्यापक अभियान चला कर कम से कम 15 हजार अवैध इमारतें हटवाने वाले पूर्व प्रशासनिक अधिकारी अलफोन्स कन्नाथनम केंद्रीय मंत्री परिषद में शामिल किये गये हैं. अनुभव के आधार पर देखें तो उन्हें शहरी विकास मंत्रालय दिया जा सकता है. कोट्टायम जिले के मनीमाला गांव में एक सैनिक परिवार में जन्में कन्नाथनम ने कोट्टायम के जिला कलेक्टर के अपने कार्यकाल के दौरान 1989 में इसे 100 फीसदी साक्षरता वाला शहर बना कर देश में साक्षरता अभियान की शुरुआत की थी.
दिल्ली का Demolition Man अलफोंस कन्नाथनम मोदी मंत्रिमंडल में लहरायेंगे परचम
केरल से 1979 बैच के आईएएस अधिकारी रहे कन्नाथनम दिल्ली विकास प्राधिकरण में आयुक्त थे और भारी मात्रा में अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने के कारण इन्हें दिल्ली के डिमोलीशन मैन के नाम से भी जाना जाता रहा. इतनी बड़ी उपलब्धि के कारण उनका नाम 1994 में टाइम्स मैगजीन के 100 युवा वैश्विक हस्तियों की सूची में शामिल किया गया था. इन उपलब्धियों के अलावा उनके पास एक गुण और है और वह है ‘अच्छे लेखन’ का. उनकी किताब ‘मेकिंग ए डिफरेंस’ बेस्ट सेलिंग बुक की श्रेणी में शामिल है.
पूर्व आइएफएस अधिकारी है हरदीप पुरी, मोदी कैबिनेट में चौंकाने वाला नाम
मोदी सरकार में शामिल किये गये भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हरदीप पुरी का भी नाम है, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता है और तकरीबन 40 वर्ष के अपने राजनयिक जीवन के दौरान वह कई देशों में भारत के राजदूत के तौर पर अपनी सेवाएं देने के अलावा संयुक्त राष्ट्र में अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. 15 फरवरी, 1952 को दिल्ली में जन्मे हरदीप भारतीय विदेश सेवा के 1974 बैच के अधिकारी हैं और 2014 में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारतीय जनता पार्टी के रुख से प्रभावित होकर उन्होंने भगवा पार्टी में शामिल होने का फैसला किया.
अपने लंबे राजनयिक जीवन में हरदीप को कई मौकों पर संयुक्त राष्ट्र में भारत का पक्ष पूरी मजबूती से रखने का श्रेय जाता है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कालेज से पढाई पूरी करने के बाद भारतीय विदेश सेवा का रुख किया और इस दौरान जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे. वह कुछ समय तक सेंट स्टीफन कॉलेज में व्याख्याता भी रहे. हरदीप पुरी ने 1988 से 1991 के दौरान ब्राजील, जापान, श्रीलंका और ब्रिटेन में महत्वपूर्ण राजनयिक जिम्मेदारियां निभायीं. वह न्यूयाॅर्क स्थित अंतरराष्ट्रीय शांति संस्थान के उपाध्यक्ष रहे और संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि के रूप में अपनी सेवाएं दीं.
मुंबई पुलिस कमिश्वर रह चुके हैं सत्यपाल सिंह
सत्यपाल सिंह मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश के बागपत से लोकसभा सांसद हैं. सत्यपाल सिंह महाराष्ट्र काडर के आईपीएस ऑफिसर रह चुके हैं. वह महाराष्ट्र काडर की 1980 बैच के अधिकारी हैं. उन्‍हें अपनी सर्विस के दौरान भारत सरकार की तरफ से आंतरिक सुरक्षा सेवक पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है. आंध्र प्रदेश के नक्सली इलाकों में उनका असाधारण काम के लिए भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. वह मुंबई, पुणे और नागपुर के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं.
पहली बार सांसद बने और पहली बार मंत्री बनेंगे पूर्व गृह सचिव आर के सिंह
नौकरशाह से पहली बार नेता बने आरा के सांसद आरके सिंह भी केंद्र सरकार में मंत्री बने. बिहार सुपौल जिले के मूल निवासी श्री सिंह 1975 बैच के आइएएस अधिकारी रहे हैं. वे पटना के डीएम के अलावा रक्षा उत्पाद सचिव और अंत में देश के गृह सचिव भी रह चुके हैं. बिहार में सड़क निर्माण विभाग के सचिव के रूप में उन्होंने राज्य के सड़कें सुधारी. दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कालेज से अंग्रेजी में स्नातक करने के बाद उन्होंने एलएलबी की भी डिग्री हासिल की.
टेक्नोफ्रेंडली किसान हैं गजेंद्र सिंह शेखावत
गजेन्द्र सिंह शेखावत राजस्थान के जोधपुर से लोकसभा सदस्य हैं. वह संसद की वित्त मामलों की स्थायी समिति के सदस्य और फेलोशिप समिति के अध्यक्ष हैं. भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव शेखावत किसानों के रोल मॉडल हैं. वह तकनीक के जानकार भी हैं. सादगीपूर्ण जीवन जीने के लिए मशहूर शेखावत के कोरा ब्लॉग पर 55600 फॉलोवर हैं. इस ब्लॉग पर उनकी लोकप्रियता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी इस मामले में उनसे पीछे हैं. कोरा प्रश्नोत्तर से जुड़ी एक ब्लॉगिंग वेबसाइट है.
शेखावत को खेलों से काफी लगाव है और बॉस्केट बॉल में उन्होंने राष्ट्रीय और अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय स्तर पर हिस्सा लिया है. वर्तमान में वह अखिल भारतीय खेल परिषद के सदस्य और बास्केटबॉल इंडिया प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. तीन अक्तूबर 1967 को जन्मे भाजपा नेता ने जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में एमफिल और एमए किया है. उनके राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत भी इसी विश्वविद्यालय से 1992 में हुई जब वह एबीवीपी के बैनर तले छात्र संगठन के अध्यक्ष बने. वह आरएसएस की आर्थिक शाखा से भी जुड़े रहे हैं.
राजनीति के साथ ही कोरियाई मार्शल आर्ट ताइक्वांडो में भी सिद्धहस्त हैं अनंत हेगड़े
कर्नाटक के उत्तर कन्नड संसदीय क्षेत्र से पांचवीं बार चुनकर लोकसभा पहुंचे अनंत कुमार हेगडे राजनीति के साथ ही कोरियाई मार्शल आर्ट ताइक्वांडो में भी सिद्धहस्त हैं. ग्रामीण विकास में गहरी दिलचस्पी रखने वाले हेंगड़े इस दिशा में काम करने वाले एनजीओ ‘कदंबा ‘ के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं. उन्हें कल होने वाले मंत्रिपरिषद विस्तार में मोदी सरकार में जगह दिए जाने की संभावना है.’कदंबा ‘ ग्रामीण विकास, ग्रामीण स्वास्थ्य, एसएचजी, ग्रामीण विपणन और अन्य ग्रामीण कल्याण के क्षेत्र में काम करती है. हेंगड़े मात्र 28 साल की उम्र में पहली बार 1996 में ग्यारहवीं लोकसभा के लिए चुनकर संसद पहुंचे.
उसके बाद वह 1998 (12 वीं), 2004 (14 वीं), 2009 (15 वीं) और 2014 (16 वीं) लोकसभा के लिये चुनकर संसद पहुंचे. लोकसभा सदस्य के रुप में यह उनका पांचवां कार्यकाल है. हेंगड़े विदेश मामलों और मानव संसाधन विकास पर संसद की स्थायी समिति के भी सदस्य हैं. संसद सदस्य के तौर पर अपने विभिन्न कार्यकाल के दौरान वह वित्त, गृह, मानव संसाधन विकास, वाणिज्य, कृषि और विदेश मामलों समेत संसद की विभिन्न स्थायी समितियों के सदस्य रह चुके हैं. हेगडे का जन्म कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी में 20 मई 1968 को हुआ था. उनके पिता का नाम दत्तात्रेय हेंगड़े और मां का नाम ललिता हेंगड़े है. उनकी पत्नी का नाम श्रीरुपा हेंगड़े है. उन्हें एक पुत्र और एक पुत्री है. उन्होंने कर्नाटक के सिरसी स्थित एम एम आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज से इंटरमीडिएट तक की पढाई की है. वह चार बार भारतीय मसाला बोर्ड के भी सदस्य रह चुके हैं
यूपी में पार्टी का ब्राह्मण चेहरा हैं शिवप्रताप शुक्ला
केंद्रीय मंत्रिमंडल में कल होने जा रहे विस्तार में जिन नए चहेरों को शामिल किए जाने की संभावना है, उनमें से एक नाम है उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला का.शुक्ला ग्रामीण विकास के लिए संसद की स्थाई समिति के सदस्य हैं. वह उत्तरप्रदेश विधानसभा की सदस्यता के लिए लगातार चार बार 1989,1991,1993 और 1996 में चुने गए.
शिव प्रसाद उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में आठ वर्ष मंत्री रहे और उन्हें अपने कार्यकाल में ग्रामीण विकास, शिक्षा तथा जेल सुधार की दिशा में किए गए कार्यों के लिए जाना जाता है. एक अप्रैल 1952 को उत्तर प्रदेश के रद्रपुर के खजनी में जन्मे शुक्ला के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1970 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता के तौर पर हुई थी. इसके बाद 1981 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रांतीय सचिव चुने गए. छात्र आंदोलन में उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा आपातकाल के दौरान उन्हें मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था. 26 जून 1975 से 1977 तक वह 19 महीने जेल में रहे. गोरखपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी करने वाले शिव प्रताप के परिवार में पत्नी और तीन पुत्रियां हैं.

Back to Top

Search