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कृषि विज्ञान में करियर की संभावनाएं

कृषि / पर्यावरण

भारत विश्व के प्रमुख कृषि प्रधान देशों में से एक है और इसकी संपत्ति के सबसे बड़े स्रोतों में से सर्वाधिक महत्वपूर्ण है- भूमि की पैदावार। देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसका योगदान सकल घरेलू उत्पाद का 29.4 प्रतिशत है। इससे करीब 64 प्रतिशत सेवा क्षेत्र जुड़ा है।

खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में वर्ष दर वर्ष कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की गई है। कृषि विज्ञान आधारित उच्च प्रौद्योगिकीय क्षेत्र है तथा इसमें रोजगार संभावनाएं हैं। पशु और पादप शोधकर्ता, खाद्य वैज्ञानिक, वस्तु ब्रोकर, पोषणविद, कृषि पत्रकार, बैंकर्स, बाजार विश्लेषक, बिक्री व्यावसायिक, खाद्य संसाधक, वन प्रबंधक, वन्यजीव विशेषज्ञ आदि के रूप में कृषि क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है।

कृषि अनुसंधान और शिक्षा कृषि विश्वविद्यालयों, संस्थानों तथा कृषि शिक्षा और पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालयों द्वारा संचालित की जाती है। कृषि विज्ञान के प्राकृतिक, आर्थिक और सामाजिक विज्ञान भाग हैं, जिन्हें कृषि के व्यवहार तथा इसे समझने के लिए प्रयोग किया जाता है।

इस क्षेत्र में उत्पादन तकनीकें जैसे सिंचाई प्रबंधन, अनुशंसित नाइट्रोजन इनपुट्स गुणवत्ता और मात्रा की दृष्टि से कृषि उत्पादन में सुधार, प्राथमिक उत्पादों का अंतिम- उपभोक्ता उत्पादों में परिवर्तन, विपरीत पर्यावरणीय प्रभावों की रोकथाम तथा सुधार जैसे मिट्टी निम्नीकरण, कचरा प्रबंधन, जैव-पुनः उपचार सैद्वांतिक उत्पादन पारिस्थितिकी, फसल उत्पादन मॉडलिंग से संबंधित परंपरागत कृषि प्रणालियां, कई बार इसे जीविका कृषि भी कहा जाता है, जो विश्व के सर्वाधिक गरीब लोगों का भरण-पोषण करती है।

ये परंपरागत पद्वतियां काफी रुचिकर हैं क्योंकि कई बार ये औद्योगिक कृषि की बजाय ज्यादा प्राकृतिक रिस्थितिकी व्यवस्था के साथ समाकलन का स्तर कायम रखती हैं जो कि कुछ आधुनिक कृषि प्रणालियों की अपेक्षा ज्यादा दीर्घकालिक होती हैं।

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