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कुछ लोग बिहार में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं=सुशील मोदी

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कर्नाटक में राज्यपाल के निर्णय के बाद बनी बीजेपी सरकार पर पूरे देश में विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कर्नाटक की सियासत की गमरी बिहार तक पहुंची है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी बिहार में कर्नाटक वाली स्थिति का हवाला देते बड़ा एलान कर दिया है. तेजस्वी ने राजद, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने का निर्णय लिया है. और उन्होंने सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के आधार पर बिहार में सरकार बनाने का दावा भी करने का फैसला लिया है. इस पर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने हमला बोला है.
सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि संविधान में राज्यपाल पद की व्यवस्था इसीलिए की गई है कि वे विषम परिस्थितियों में हर राज्य की अलग-अलग स्थिति के अनुसार अपने विवेक से निर्णय करें. राजनीति में पहले से तय समाधान से काम नहीं चलता और न एक राज्य की तुलना दूसरे राज्य से की जा सकती है. समय को पीछे भी नहीं लौटाया सकता. कुछ लोग बिहार में अस्थिरता पैदा कर विकास को बाधित करने की साजिश कर रहे हैं.
तेजस्वी ने पूछा : देश क्या अलग-अलग नियम से चलेगा, हमारा दावा सबसे मजबूत
सुशील मोदी ने कहा कि कर्नाटक में 104 विधायकों वाले सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का अवसर देकर राज्यपाल वजूभाई वाला ने अपने विवेक का संविधान-सम्मत उपयोग किया है. तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले वीएस येदुरप्पा को उन्होंने बधाई भी दी.
सुशील मोदी ने कहा कि जिस कांग्रेस ने 60 साल के लंबे शासन के दौरान राज्यपाल-पद और अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग की एक से बढ़ कर एक शर्मनाक मिसालें पेश कीं, वह कर्नाटक में बहुमत से चूकने पर किस मुंह से लोकतंत्र की हत्या का शोर मचा रही है? कांग्रेस से हाथ मिला कर देवगौड़ा क्यों भूल गए कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग कर 1993 में गुजरात की भाजपा सरकार भंग कर राष्ट्रपति शासन लगवाया था? 123 बार राज्य सरकारों को बर्खास्त करने का दाग कांग्रेस के ही दामन पर लगा है.

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