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कार्प फ्राई एवं फिंगर लिंग्स सभी प्रजातियां साथ में पालें
कृषि / पर्यावरण December 29, 2016जल में रहने वाले कीटों का नियंत्रण –
तालाब में अनेक प्रकार के जलीय कीट रहते हैं । उन कीटों के लार्वा भी जल में तैरते रहते हैं । ये जलीय कीट आहार पाने के लिए खींचताना भी करते हैं । इसका परिणाम यह होता है कि नर्सरी में अथवा तालाब में अंडे फूट जाते हैं । इन कीटों के उन्मूलन तथा नियंत्रण के लिए सस्ते खाद्य तेल (सोप-आयल) का प्रयोग किया जाता है । यह सस्ता खाद्य तेल प्रति हेक्टेयर 50 किलोग्राम के हिसाब से डाला जाता है। इसी तरह कीट नियंत्रण तथा उन्मूलन के लिए इमल्शन का प्रयोग किया जाता है तथा उसके विकल्प के रूप में 100 से 200 लीटर मिट्टी का तेल अथवा 75 लीटर डीजल आयल अथवा डिटर्जेन्ट पावडर 2 से 3 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से तालाब में डाला जा सकता है ।
स्टॉकिंग – तालाब में जब अंडे परिपक्वावस्था में आकर फूटने लगते हैं तब उन अंडों से निकले बच्चों को नर्सरी तालाब से निकालकर दूसरे तालाब में स्थानान्तरित कर दिया जाता है। स्थानान्तरण का यह कार्य प्रात:काल किया जाता है जिससे वे बच्चे तालाब के नये वातावरण में स्वयं को समायोजित कर सकें और पूरा दिन उनको स्वयं को ढालने के लिए उपलब्ध हो जाये। नर्सरी तालाबों में 3 से 5 मिलियन बच्चे प्रति हेक्टेयर रखे जा सकते हैं ।
उत्तर संग्रहण प्रक्रिया (पोस्ट स्टॉकिंग)- तालाब में जब मछली के नवजात बच्चे तैरने लगते हैं तब उन्हें पोषण आहार देने की आवश्यकता होती है । तालाब उर्वरीकरण की प्रक्रिया की 2 से 3 हिस्सों में विभाजित कर की जाती हैं । बच्चों के लिए संस्करण की अवधि भी लगभग 15 दिनों की रहती हैं । इस अवधि में ही 2 से 3 हिस्सों में विभाजित कर उर्वरीकरण का कार्य निष्पादित किया जाता है। आरंभिक पाँच दिवसों की अवधि में मछलियों के बच्चों को बहुत बारीक पीसा हुआ मूँगफली का आयल केक तथा चावल का पीसा हुआ आटा 1.1 के अनुपात में पोषक आहार के रूप में दिया जाता है। आरंभिक पाँच दिनों तक यह पूरक आहार 6 किलों प्रति मिलियन बच्चों के लिए देते हैं और शेष दिनों 12 किलोग्राम अनुपूरक आहार प्रति मिलियन बच्चों को दिया जाता है ।
फ्राई का संग्रहण विधान (स्टॉकिंग ऑफ फ्राई)- तालाब की उर्वराशक्ति और उर्वरक क्षमता पर उत्पादन निर्भर रहता है और उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही तालाब का प्रबन्धन करना आवश्यक होता है । तालाब में फ्राई के पालन के समय प्रति नर्सरी तालाब में उसकी मात्रा 0.1 से 0.3 मिलियन प्रति हेक्टेयर रहती है । नर्सरी में पालन के समय मोनोकल्चर की विधा सीमित रहती हैं किन्तु जब इनका परिपालन विधिवत होने लगता है तब कार्प मछलियों की विभिन्न प्रजातियों की फ्राई का पॉलीकल्चर होता है । इसका अर्थ यह है कि सभी प्रजातियों की फ्राई का एक साथ पालन किया जाता है।
कार्प फिंगरलिंग्स के पूर्व संग्रहण विधान के अनुसार तालाब का प्रबन्धन – तालाब में जब कार्प मछलियों के फिंगरलिंग्स का पालन किया जाता है तब उनके पोषण-आहार अथवा भोजन की दर 5 से 10 प्रतिशत की दर से निर्धारित की जाती है । वैसे वो सामान्यत: फिंगरलिंग्स के लिए पोषण आहार के रूप में मूँगफली आयल केक और चावल की भूसी 1:1 के अनुपात में उपलब्ध कराई जाती है । ऐसे मिश्रण में गैरपारम्परिक घटक का भी मिश्रण किया जा सकता है । कार्प को संग्रहीत करने के उपरान्त उन्हें वॉल्फिया, लेमना, स्पाइरोडेला आदि उपलब्ध करा दिये जाते हैं । ये पदार्थ बत्तखों के खाने लायक होते हैं। फिंगरलिंग्स का पालन जिन तालाबों में किया जाता है उनमें जल की गहराई 1.5 मीटर रखी जाती है । सीमेंट नर्सरी टैंक की आकृति जंगली मछलियों एवं पौधों का उन्मूलन –
तालाब में जंगली मछलियाँ (विषैली मछलियाँ) भी होती हैं और कछुए, मेंढक, साँप, जलपक्षी तथा जलीय ऊदबिलाव होते हैं। यदि तालाब को इन अवांछित जीवों से मुक्त न किया जाये तो ये नई परिपालित मछलियों के समक्ष जीवेशणा की समस्या उत्पन्न कर देती है तथा नई मछलियों के समक्ष आवास और विचरण की नई समस्याएँ तो उत्पन्न होती ही हैं इसके साथ ही इनके आक्सीजन के शोषण किये जाने के कारण मछलियों के लिए आक्सीजन की कमी हो जाती है । इसीलिए तालाब को दोषरहित करना आवश्यक होता है । यदि सीमेंट की बनी टंकियाँ हों तो उसमें कीटनाशक रसायन डालकर दोषमुक्त कर लेना उचित होता है। कीटनाशक पदार्थ के रूप में महुआ आयल केक का प्रयोग किया जाता है । तालाब बड़ा होने पर एक हेक्टेयर के तालाब में 2500 किलोग्राम के हिसाब से महुआ आयल के केक डाला जाता है । यह जैविक खाद के रूप में भी मछलियों के सम्पोषण तथा संवर्धन में उपयोगी होता है ।
विषैली अथवा हिंसक जंगली मछलियों को मारने के लिए तालाब में प्रति हेक्टेयर के जल क्षेत्र में व्यावसायिक ब्लीचिंग पावडर 350 किलोग्राम की मात्रा में पानी में घोलकर डाला जाता है । इससे 30 प्रतिशत क्लोरीन की मात्रा व्युत्पन्न हो जाती है । यहाँ पर इन घोलकों का प्रयोग करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि व्यावसायिक पावडर का प्रयोग करने के पूर्व तालाब में 18 से 24 घंटे पूर्व यूरिया का मिश्रण जल में किया जाता है और उसे तालाब में डाला जाता है । यह मिश्रण प्रति हेक्टेयर 100 किलोग्राम की मात्रा में डाला जाता है । यदि यूरिया का प्रयोग किया गया है तब ब्लीचिंग पावडर की मात्रा प्रति हेक्टेयर 175 किलोग्राम कर दी जाती है । इनके प्रयोग से हिंसक मछलियों का उन्मूलन हो जाता है ।
तालाब को जब अवांछित वनस्पतियों, पादपों तथा जंगली मछलियों से पूर्णत: मुक्त कर लिया जाता है तब मछलियों के अंडों का परिपालन एवं परिपोषण किया जाता है। इसके लिए तालाब में उर्वरीकरण की स्थितियों का निर्माण करना आवश्यक हो जाता है ।
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