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काम के आधार पर करें मेरा मूल्यांकन-स्मृति

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शैक्षिक योग्यता विवाद पर राजग सरकार की नवनियुक्त मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्ष के हमले का गुरुवार को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि काम से ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया है।
स्मृति ईरानी ने कहा है संगठन ने मेरी योग्यता को परखा है इसलिए काम के आधार पर मेरा मूल्यांकन किया जाए। गौरतलब है कि कांग्रेस के अजय माकन ने स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि 12वीं पास स्मृति ईरानी को राजग सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री बना दिया गया। बाद में भाजपा ने जवाबी हमला करते हुए सोनिया और राहुल गांधी की शैक्षिक योग्यता का मुद्दा उठा दिया।मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री स्मृति ईरानी की शिक्षा को लेकर विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ईरानी के चुनावी हलफनामे में शिक्षा को लेकर गलत बयानी की गई है। जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए सोनिया गांधी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में सवाल उठा दिए हैं। हालांकि, स्मृति ईरानी ने इस पूरे विवाद पर चुप्पी साध रखी है।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को स्मृति ईरानी के मामले में कहा, ‘हम उन पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं कर रहे, लेकिन चुनाव के दौरान भरे गए उनके शपथपत्र में शिक्षा को लेकर गलत जानकारी दी गई है। हमें नहीं पता कि कौन-सी बात सही है, 2004 में दिए हलफनामे की जानकारी या 2014 की। कम से कम एकसाथ दोनों सही नहीं हो सकतीं।’ स्मृति ईरानी ने 2004 में दिल्ली के चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरते समय भरे हलफनामे में कहा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए की परीक्षा पास की है, लेकिन लोकसभा चुनाव-2014 के दौरान दिए शपथपत्र में बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक पाठ्यक्रम का सिर्फ पहला वर्ष ही किया है, वह भी वाणिज्य विषय में। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 को दिए आदेश में कहा था कि हलफनामे में दी गई गलत जानकारी के आधार पर प्रत्याशी का नामांकन रद किया जा सकता है। एक दिन पहले कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा था, ‘मोदी का यह कैसा मंत्रिमंडल है? एचआरडी मंत्री ईरानी स्नातक भी नहीं हैं। चुनाव आयोग में दाखिल उनका हलफनामा देखिए।’ बुधवार को ही जल संसाधन मंत्री के तौर पर काम संभालने वाली उमा भारती ने यह विवाद खड़ा करने के लिए कांग्रेस नेताओं पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी तो संप्रग सरकार की प्रमुख थीं। सरकार को सारे निर्देश देती थीं। मैं उनके सर्टिफिकेट देखना चाहती हूं। वह कितनी पढ़ी-लिखी हैं। कांग्रेस वाले पहले उनके सर्टिफिकेट दिखाएं, तब जाकर स्मृति की योग्यता पर सवाल उठाएं।’ भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस को अपने नेताओं के अहंकार के कारण मुंह की खानी पड़ी, फिर भी वे इसे छोड़ने को तैयार नहीं हैं। जदयू नेता शरद यादव ने स्मृति का बचाव करते हुए मामले को तूल देने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। हालांकि, सोनिया गांधी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में सिंघवी ने सिर्फ इतना ही कहा कि वह संप्रग सरकार में कोई मंत्री नहीं थीं।

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