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कविता ( हर-हर मोदी घर-घर मोदी )

ताज़ा ख़बर, युवा, सम्पादकीय

अब यह जनता जाग चुकी है
मोदी के हुंकारों से
पर्वत भी नहीं रोक सकेगा
मोदी के तुफानो को
अब न कोई सहन करेगा
जुल्म अत्याचारों को
गद्दारों और दलालों को
ऐ बातें बतला देंगे
प०एम० वाली कुर्सी पर
अब मोदी जी को ला देंगे
इस धरती से भ्रष्टाचार का
फिर से नाम मिटा देगे |
इस धरती से भ्रष्टाचार का
फिर से नाम मिटा देगे |

सदियों से यहाँ
बाहुबलियो का सम्राज्य रहा
जनता को क्या मिला
केवल जनता को ही गुमराह किया
चूप ना बैठेगी यह जनता
अपनी हक़ छुडावा लेगी
नेतागीरी , गुन्डागर्दी
सब को ख़तम करा देगे
प०एम० वाली कुर्सी पर
आब मोदी जी को ला देंगे
इस धरती से भ्रष्टाचार का
फिर से नाम मिटा देंगे |
इस धरती से भ्रष्टाचार का
फिर से नाम मिटा देगे |

पहले जनता सीधी-साधी
राजनीत का ज्ञान नहीं
अब जनता जागृत हुई
जब मिडिया से प्रचार हुई
बाहुबलियो के सब पता हम
एक-एक कर बिखरा देंगे
सोने की ईस चिड़िया को
फिर से हम सजा देंगे
प०एम० वाली कुर्सी पर
अब मोदी जी को ला देंगे
इस धरती से भ्रष्टाचार का
फिर से नाम मिटा देंगे |
इस धरती से भ्रष्टाचार का
फिर से नाम मिटा देंगे |

विशव छितिज पर भारत का
नाम रोसन कर दिखा देंगे
बेरोजगारी की समस्या का
सब समाधान करा देंगे
भूखा न कोई सो पाऐ
इतना आन्न उगा देंगे
गरीबी के इस रेखा को
फिर से मिटा देंगे
प०एम० वाली कुर्सी पर
अब मोदी जी को ला देंगे
इस धरती से भ्रष्टाचार का
फिर से नाम मिटा देंगे |
इस धरती से भ्रष्टाचार का
फिर से नाम मिटा देंगे |

हरी-भरी रहेगी धरती
इतना बाग लगा देंगे
वातावरण रहे सुगन्धित
इतना पुष्प खिला देंगे
सदाचार और सदभावना के
ऐसी हवा बहा देंगे
मोदी जी के सपनो को
अब पूरा कर दिखला देंगे
प०एम० वाली कुर्सी पर
अब मोदी जी को ला देंगे
इस धरती से भ्रष्टाचार का
फिर से नाम मिटा देंगे
इस धरती से भ्रष्टाचार का
फिर से नाम मिटा देंगे

लेखक
त्रिभुवन जी
(ख़बरें आप तक )

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