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कड़ी सुरक्षा के बीच नौ दिवसीय जगन्नाथ यात्रा उत्सव आज से शुरू

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कड़ी सुरक्षा के बीच नौ दिवसीय जगन्नाथ यात्रा उत्सव आज से शुरू हो चुका है. गुजरात के अहमदाबाद में सुबह की आरती में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिरकत की. ओडिशा के पुरी में ओडिया उत्सव के दौरान निकलने वाली रथ यात्रा में हर साल लाखों हिंदू श्रद्धालु पहुंचते हैं, जबकि अहमदाबाद की रथ यात्रा दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्यक्रम है. भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध और वार्षिक रथयात्रा शनिवार यानी 14 जुलाई को शुरू होगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देश को जगन्नाथ रथयात्रा की शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने कहा है कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से देश नई ऊंचाइयों पर पहुंचे.
भगवान जगन्नाथ को विष्णु का 10वां अवतार माना जाता है
रथयात्रा का यह उत्सव हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आयोजित किया जाता है. मुंबई की काशी यानी भुलेश्वर के 200 वर्ष पुराने श्री बड़ा जगदीश मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए रथ दर्शन का आयोजन किया जा रहा है. भगवान जगन्नाथ को विष्णु का 10वां अवतार माना जाता है, जो 16 कलाओं से परिपूर्ण हैं. पुराणों में जगन्नाथ धाम की काफी महिमा है, इसे धरती का बैकुंठ भी कहा गया है. यह हिन्दू धर्म के पवित्र चार धाम बद्रीनाथ, द्वारिका, रामेश्वरम और जगन्नाथ पुरी में से एक है.
श्रीकृष्ण, भगवान जगन्नाथ के रुप है
यहां भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं. यहां के बारे में मान्यता है कि श्रीकृष्ण, भगवान जगन्नाथ के रुप है और उन्हें जगन्नाथ (जगत के नाथ) यानी संसार का नाथ कहा जाता है. जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की पूजा की जाती है. मंदिर में भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा सबसे दाई तरफ स्थित है. बीच में उनकी बहन सुभद्रा की प्रतिमा है और दाई तरफ उनके बड़े भाई बलभद्र (बलराम) विराजते हैं.
पुरी में इस यात्रा का अंतिम पड़ाव होता है गुड़िचा मंदिर. यहा पहुंचकर यह यात्रा संपन्न हो जाती है. इस मंदिर को गुड़िचा बाड़ी भी कहते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में विश्वकर्मा ने तीनों देव प्रतिमाओं का निर्माण किया था. साथ ही इस जगह को भगवान की मौसी का घर भी माना जाता है. यदि सूर्यास्त तक रथ गुड़िचा मंदिर नहीं पहुंच पाता तो अगले दिन यह यात्रा पूरी की जाती है.

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