ऐसे लोग होते हैं मूर्ख
ऑडियो, युवा, सम्पादकीय October 7, 2016 , by ख़बरें आप तकमस्तिष्क रेखा हृदय रेखा के नीचे होती है। यह रेखा तर्जनी एवं अंगूठे के लगभग बीच से शुरू होती है। इस रेखा की स्थिति में किसी तरह की गड़बड़ी से व्यक्ति की अस्वाभाविक प्रवृत्ति का पता चलता है।
मस्तिष्क रेखा मन की एकाग्रता बताती है। यह स्मरण शक्ति, तर्क-वितर्क की योग्यता को बतातीहै। खराब बनावट और टूटी-फूटी मस्तिष्क रेखा स्नायु एवं मस्तिष्क की क्षीणता बताती है।
छोटी-छोटी रेखाएं मस्तिष्क रेखा में से ह्रदय रेखा की ओर उठती हों तो ये रेखाएं तीन-चार से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति में अच्छा-बुरा समझने की क्षमता होती है। यदि ऐसी ही छोटी-छोटी रेखाएं मस्तिष्क रेखा से निकलकर नीचे कलाई की ओर जाती हों तो वे मस्तिष्क को बलहीन बनाती हैं। ऐसा व्यक्ति मूर्ख होता है।
मस्तिष्क रेखा पर कोई अशुभ चिन्ह हो तो व्यक्ति के जीवन को आजीवन प्रभावित करता है। मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा बहुत दूर तक मिली हुई नहीं चलनी चाहिए। इससे मस्तिष्क रेखा की गुणवत्ता कम हो जाती है। जो मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत पर ऊपर की ओर धीरे-धीरे घुमाव लेकर समाप्त होती है वह श्रेष्ठ होती है जबकि बिना घुमाव के ही कोण बनाती हुई एक दम घूमकर नीचे के चंद्र पर्वत पर समाप्त होने वाली मस्तिष्क रेखा दूषित मानी जाती है।
लम्बी मस्तिष्क रेखा स्मरण-शक्ति और तर्क-वितर्क क्षमता की सूचक होती है। यदि मस्तिष्क रेखा सीधी होकर उर्ध्व मंगल पर जाए तो जातक पक्के सिद्धांत वाला, स्थिर विचारों वाला, व्यवहारिक और सामान्य ज्ञान का धनी होता है।
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