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एग्जिट पोल्स का दावा- NDA को बहुमत, UPA 150 से नीचे

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Lok Sabha elections 2019 के Exit Polls के रुझानों में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिल रहा है। रुझानों में भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। लगभग सभी एग्जिट पोल में भाजपा और उसके सहयोगी यानि एनडीए को 300 के करीब सीटें मिलने का अनुमान लगा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को 150 से नीचे सीटें मिलती नजर आ रही हैं। रिपब्लिक-सी वोटर के अनुसार, एनडीए को 287 सीट, यूपीए को 128 सीट और अन्‍य को 127 सीटें मिलने का अनुमान है। इधर, एबीपी नील्सन के एग्जिट पोल में एनडीए को 287, यूपीए को 127 और अन्‍य को 148 सीटें मिलने का दावा किया जा रहा है। इंडिया टीवी एग्जिट पोल में एनडीए को 300 सीट, यूपीए को 120 सीट और अन्‍य को 122 सीटें मिलने का अनुमान हैं। आजतक के एग्जिट पोल में एनडीए को 339-3-365 सीट, यूपीए को 77-107 और अन्‍य को 69-95 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। न्‍यूज 24 ने अपने एग्जिट पोल में एनडीए को 350 सीट, यूपीए को 95 सीट और अन्‍य को 97 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है।
– रुझानों में भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। लगभग सभी एग्जिट पोल में भाजपा और उसके सहयोगी यानि एनडीए को 300 के करीब सीटें मिलने का अनुमान लगा रहे हैं। एग्जिट पोल 2019 के अनुसार, नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।
– इधर, इंडिया टुडे के एग्जिट पोल में भी हरियाणा में भाजपा को 8 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, कांग्रेस को 0 से 2 सीटें मिलने का अनुमान है। अन्‍य दलों को यहां एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही है।
– एबीपी नील्सन के अनुसार हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी को भारी बढ़त मिलती दिख रही है। यहां 10 में से 10 सीटें भाजपा के जीतने का अनुमान है। यहां कांग्रेस और अन्‍य पार्टी को कोई भी सीट मिलती नहीं दिख रही है।
– टाइम्स नाउ-वीएमआर के मुताबिक, भाजपा को 80 में से 58 सीटें मिल सकती हैं। सपा-बसपा गठबंधन को 20 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को महज दो सीट मिलती दिख रही है। वहीं न्यूज 24X7 के अनुसार, भाजपा को 51 सीटें और सपा-बसपा को 26 सीटें मिल सकती हैं। यहां भी कांग्रेस को सिर्फ तीन सीट बताई गई है। एबीपी न्यूज-नील्सन के अनुसार भाजपा को भारी नुकसान हो रहा है। गठबंधन को 56 और कांग्रेस को दो सीट मिल सकती है। सुदर्शन न्यूज के एग्जिट पोल के मुताबिक, भाजपा को 52 सीट मिल सकती है। सपा-बसपा के खाते में 26 सीट जा सकती है।
– एबीपी के सर्वे के अनुसार अवध क्षेत्र की 23 सीटों में भाजपा गठबंधन को 7 सीटें, सपा बसपा गठबंधन को 14 सीटें तथा कांग्रेस को 2 सीटें मिल रही है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के 27 सीटों में भाजपा गठबंधन को 6, सपा बसपा को 21 तथा कांग्रेस को 2 सीटें मिल रही है। बुंदेलखंड की 4 सीटों पर भाजपा गठबंधन को 1 तथा सपा बसपा गठबंधन को तीन सीटें मिल रही है। वहीं पूर्वांचल में 26 सीटों पर भाजपा गठबंधन को 8 सीटें, सपा बसपा व लोकदल को 18 सीटें तथा कांग्रेस को 0 सीटें मिल रही है।
– टाइम्स नाउ-वीएमआर के सर्वे में यूपी में भाजपा गठबंधन को 58 सीटें, कांग्रेस को 2 तथा सपा+बसपा+ रालोद गठबंधन को 20 सीटें मिलती दिख रही है।
– भले ही टाइम्स नाउ-वीएमआर सर्वे में महागठबंधन को महज 29 सीटें मिल रही हैं, लेकिन सी-वोटर सर्वे में उसे 40 सीटें मिलने की उम्मीद है। भाजपा को सी वोटर सर्वे में भी बहुत नुकसान होता नहीं दिख रहा है और उसे 38 सीटें मिलने का अनुमान है। हालांकि कांग्रेस को सी-वोटर के सर्वे में भी झटका लगता दिख रहा है। उसे महज 2 सीटें मिलने का ही अनुमान जताया गया है।
– एग्जिट पोल में दिल्ली की 7 लोकसभा सीटें बीजेपी को जीतने का अनुमान बताया गया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलती दिख रही है। दिल्ली की लोकसभा सीटों के लिए इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पूरा जोर लगाया गया था मगर चुनाव के एग्जिट पोल ने सभी को चौंका दिया। बीजेपी ने यहां कई नए चेहरों को उतारा था। इसमें क्रिकेटर और गायकों को भी उतारा गया। यदि एग्जिट पोल के नतीजों पर यकीन किया जाए तो आम आदमी पार्टी के लिए ये सोचने वाली बात होगी।
– टाइम्‍स नाउ और वीएमआर के एग्जिट पोल में राजस्‍थान में भाजपा को 20 सीटें और एक सीट सहयोगी को मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस को 4 सीटें मिल सकती हैं। न्‍यूज-24 और चाणक्‍या के एग्जिट पोल में राजस्‍थान में भाजपा 25 सीटें जीत सकती है और कांग्रेस को 0 सीटें मिल सकती है।
– एग्जिट पोल के अनुमानों में राजस्‍थान और गुजरात के लोकसभा चुनावों में भी एक बार फिर भाजपा क्‍लीन स्‍वीप करती दिख रही है। गुजरात में लोकसभा की 26 और राजस्‍थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं। इंडिया टुडे- एक्सिस माई के एग्जिट पोल में राजस्‍थान में 23 से 25 सीटें मिल रही हैं। वहीं कांग्रेस को 0 से 2 सीटें मिल सकती हैं।
– पश्चिम बंगाल में भाजपा की मेहनत रंग लाती नजर आ रही है। ABP नील्सन के एग्जिट पोल में भाजपा को पश्चिम बंगाल में 16 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं, कांग्रेस को 2 सीटें मिलती नजर आ रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के लिए ये बड़ा झटका साबित हो सकता है।
– ABP नील्सन के एग्जिट पोल मुताबिक, बिहार में भाजपा-जेडीयू का बठबंधन आरजेडी और अन्‍य पार्टियों को काफी पीछे छोड़ता नजर आ रहा है। यहां भाजपा-जेडीयू को 40 में से 34 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
– रिपब्लिक के एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए को 287 सीटों के साथ बहुमत मिलता नजर आ रहा है। वहीं, यूपीए को 124 और अन्‍य कौर 127 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
– जम्मू-कश्मीर में अनुमान के मुताबिक, यूपीए को बढ़त मिलती दिख रही है। यहां लोकसभा की कुल 6 सीट हैं। यूपीए के खाते में 4 सीटें आ सकती हैं। पिछली बार यूपीए का सूबे में खाता तक नहीं खुला था। वहीं, भाजपा के खाते में 2 सीटें जाती दिख रही हैं। 2014 में भाजपा ने यहां से 3 सीटें जीती थीं। साफ है उसे एक सीट का नुकसान हो सकता है। 2014 में 3 सीटें जीतने वाली महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को इस बार एक भी सीट नहीं मिलती दिख रही है।
– कर्नाटक में भाजपा का प्रदर्शन बेहतर होता दिख रहा है। इंडिया टुडे एक्सिस के सर्वे के अनुसार, कर्नाटक में भाजपा को 21 से 25 सीटें मिलने का अनुमान है। उधर, यूपीए को 3 से 6 और अन्य को एक सीट मिलती दिख रही है।
– टाइम्स नाउ-वीएमआर के एग्जिट पोल के अनुसार, केरल में पहली बार भाजपा खाता खोलने में कामयाब हो सकती है। एग्जिट पोल के मुताबिक, यूपीए को इस बार 3 सीटों का फायदा हो सकता है, उसके खाते में 15 सीटें आ सकती हैं। पिछली बार यूपीए को यहां 12 सीटें मिली थीं। भाजपा की करें तो वो केरल में पहली बार खाता खोलते दिख रही है, उसे 1 सीट मिल सकती है। केरल में भाजपा के वोट शेयर में जबरदस्त उछाल का अनुमान है।
-एबीपी न्यूज के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में एनडीए को 48 में से 34 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। यहां भाजपा ने शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है। इसके अलावा कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को 14 सीटें मिलने के अनुमान हैं।
– इंडिया टुडे ऐक्सिस के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में भी भाजपा को बढ़त मिलती दिख रही है। यहां भाजपा को 11 में से 7-8, कांग्रेस को 3-4 और अन्य को कोई सीट मिलती नहीं दिख रही है। हालांकि, ये परिणाम नहीं सिर्फ रुझान हैं और तस्‍वीर 23 मई को बदल भी सकती है।
– मध्‍य प्रदेश से भाजपा के लिए खुशखबरी आ रही है। इंडिया टुडे ऐक्सिस के सर्वे के मुताबिक, मध्य प्रदेश में भाजपा को 26-28, कांग्रेस को 01-03 और अन्य पार्टियों को कोई सीट मिलती नहीं दिख रही है। बता दें कि मध्‍य प्रदेश में इस समय कांग्रेस की सरकार है।
– INDIA TODAY-MY AXIS के अनुसार, राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी 25 में से 23 सीट जीत सकती है। वहीं, कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर सिमटती नजर आ रही है।
– INDIA TODAY-MY AXIS के सर्वे के मुताबिक, कुल 542 सीटों में से 123 पर रुझान आ चुके हैं। यहां यूपीए को 53 एनडीए को 29 और अन्‍य को 41 सीटें मिलती नजर आ रही हैं।
– C-Voter के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए को 287, यूपीए को 128 और अन्‍य को 87 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। हालांकि, यहां भी एनडीए सरकार बनाती नजर आ रही है। कांग्रेस के दावे यहां भी फीके पड़ते दिख रहे हैं।
– एबीपी न्यूज-नील्सन के सर्वे में उत्तर प्रदेश में महागठबंधन भारी बढ़त बनाता दिख रहा है और भारतीय जनता पार्टी को झटका लग रहा है। उत्‍तर प्रदेश में इस बार बसपा और सपा एक साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरे हैं।
– महाराष्‍ट्र में एनडीए को एग्जिट पोल में नुकसान होता दिख रहा है। 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में एडीए ने पिछली बार 42 सीटें जीती थीं और यूपीए को 6 सीटें मिली थीं। हालांकि, इस बार टाइम्स नाउ एग्जिट पोल के मुताबिक NDA को 38 सीटों (-4) से ही संतोष करना पड़ सकता है, जबकि यही नुकसान UPA में बढ़त के तौर पर जुड़कर उसकी सीटों की संख्या 10 तक (+4) पहुंचा सकता है।
– टाइम्स नाउ और वीएमआर के सर्वे के मुताबिक, 29 सीटों वाले मध्य प्रदेश में 2014 में बीजेपी को 27 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं। इस बार राज्य की सत्ता भले ही कांग्रेस को मिल गई हो पर वह लोकसभा चुनावों में बीजेपी का ज्यादा नुकसान नहीं कर सकी है। टाइम्स नाउ की मानें तो इस बार BJP को 21 और कांग्रेस को 8 सीटें मिल सकती हैं।
– बिहार में टाइम्स नाउ वीएमआर के मुताबिक, 40 सीटों वाले बिहार में NDA की सीटें घट सकती हैं। यहां कांग्रेस की अगुआई वाले UPA को पिछले चुनाव की तुलना में सीधे तौर पर 5 सीटों का फायदा होता दिख रहा है। 42.78 फीसदी वोटों के साथ कांग्रेस+ को 15 सीटें मिल सकती हैं, जबकि 2.98 फीसद वोट शेयरों की कमी के साथ (48.52%) BJP+ को 25 सीटें मिल सकती हैं।
– यूपीए को 132 सीटें मिलने का दावा टाइम्‍स नॉउ और वीएमआर के रूझानों में किया जा रहा है।
– टाइम्‍स नॉउ और वीएमआर के रूझानों में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलता नजर आ रहा है। इस सर्वे में 306 सीटें मिलने का दावा किया जा रहा है। रुझानों में अन्‍य को 104 सीटें मिलने का दावा किया है।
– पिछले लोकसभा चुनाव में अधिकतर एग्जिट पोल में दावा किया गया था कि एनडीए, 10 साल से सत्तारूढ़ कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने में सफल होगी। हालांकि एक एजेंसी के अलावा किसी ने बीजेपी की इतनी बड़ी जीत का दावा नहीं किया था। उस वक्त एग्जिट पोल में कांग्रेस को करीब 100 सीट मिलने का दावा किया गया था, लेकिन कांग्रेस 44 पर सिमट गई। वहीं बीजेपी को अनुमान से परे 282 और एनडीए को 336 सीटें मिलीं थीं। बता दें एजेंसी ने बीजेपी को 291 और एनडीए को 340 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था।
– एग्जिट पोल के रिजल्ट और वोटिंग के असली रिजल्ट कभी कभी समानांतर चलते हैं तो कभी बिल्कुल अलग हो जाते हैं। तमिलनाडु चुनाव 2015, बिहार विधानसभा 2015 में यग गलत साबित हुए थे। वहीं साल 2004 लोकसभा चुनाव में सभी एग्जिट पोल फेल हुए और कांग्रेस ने सरकार बनाई। उसके बाद साल 2014 में सही साबित हुए, क्योंकि लोक सभा चुनाव में मोदी लहर का अनुमान एग्जिट पोल्स में दिखा था।
– जागरण डॉट कॉम के साथ खास बातचीत में C-Voter के यशवंत देशमुख ने एग्जिट पोल करवाने और उसकी सत्यता को लेकर बातचीत की। उन्होंने एग्जिट पोल, उसके सैंपलर साइज, सीटों के निर्धारण को लेकर बात की।ज्यादा से ज्यादा लोग तक पहुंचना हमारा उद्देश्य होता है। साढे पांच लाख से अधिक मतदाताओं से बात करके देश का रुझान तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि सटीक रुझान हासिल करने के लिए हर वर्ग के आधार पर साक्षात्कार किए जाते हैं।
– चुनावी सर्वे से होकर ही एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आते हैं। एग्जिट पोल में एक सर्वे के माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि आखिर चुनाव परिणाम किसके पक्ष में आ रहे हैं। एग्जिट पोल हमेशा वोटिंग पूरी होने के बाद ही दिखाए जाते हैं। इसका मतलब यह है कि सभी चरण के चुनाव होने के बाद ही इसके आंकड़े दिखाए जाते हैं। ऐसा नहीं है कि हर चरण के बाद एक्जिट पोल दिखा दिया जाए। वोटिंग के दिन जब मतदाता वोट डालकर निकल रहा होता है, तब उससे पूछा जाता है कि उसने किसे वोट दिया। इस आधार पर किए गए सर्वेक्षण से जो व्यापक नतीजे निकाले जाते हैं, इसे ही एग्जिट पोल कहते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, 15 फरवरी 1967 को पहली बार नीदरलैंड में इसका इस्तेमाल किया था।
– ऐसा रहा चरण वार मतप्रतिशत
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 69.50 फीसद मतदान हुआ, जबकि दूसरे चरण में 69.44 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। तीसरे चरण में 68.40 फीसद वोटर मतदान केंद्रों तक पहुंचे और चौथे चरण में 65.51 लोगों ने मतदान किया। पांचवें चरण में 64.21 फीसद लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया जबकि छठे चरण में 63.48 फीसद मतदान हुआ।

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