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एक फरवरी को ही पेश होगा आम बजट, चुनावी राज्‍यों के लिए कोई घोषणा नहीं

उत्तराखंड, चुनाव, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, विधान सभा

उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्‍यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर विपक्ष की ओर से आम बजट की तारीख बदलवाने को लेकर दायर याचिका के बीच खबर है कि बजट की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. पूर्व प्रस्‍तावित तारीख 1 फरवरी को ही संसद में आम बजट पेश किया जाएगा. लेकिन इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि उत्तर प्रदेश सहित उन पांच राज्‍यों में जहां विधानसभा चुनाव होने हैं उनके लिए बजट में कुछ भी घोषणा नहीं की जाएगी. उत्तरप्रदेश के अलावा पंजाब, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर में भी विधानसभा चुनाव हो रहा है.
मालूम हो पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किये जाने पर आपत्ति जताते हुए विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग का रुख किया था और आयोग से मांग की कि वह सरकार से आठ मार्च को होने वाले अंतिम चरण के मतदान तक इस वार्षिक प्रक्रिया को स्थगित करने को कहे. विपक्ष का कहना है कि बजट में कुछ लोकलुभावन घोषणाएं कर सरकार वोटरों को प्रभावित कर सकती है. इस संबंध में विपक्ष ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी पत्र लिखा था और साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गयी थी.
विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बजट की प्रस्तुति को आठ मार्च तक स्थगित करने के लिए सरकार को निर्देश देने की अपनी मांग को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात की थी. इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, जदयू, बसपा, सपा, द्रमुक और राजद नेता शामिल थे.
* कांग्रेस नेता गुलाम नबी ने यूपीए सरकार का दिया था हवाला
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने चुनाव आयुक्त से भेंट के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘‘वर्ष 2012 में इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की आपत्ति के बाद कांग्रेस ने केंद्रीय बजट 28 फरवरी की बजाय 16 मार्च को पेश किया था. हम चाहते हैं कि चुनावों के खत्म होने तक बजट नहीं पेश किया जाना चाहिए.’
* पूर्व चुनाव आयुक्‍त ने कहा था चुनाव आचार संहिता का आम बजट पर नहीं पड़ेगा प्रभाव
भारत के पूर्व चुनाव आयुक्‍तों ने पहले ही साफ कर दिया था कि आम बजट और राज्‍यों के विधानसभा चुनाव दोनों अलग-अलग हैं. आम बजट से चुनाव में कोई प्रभाव नहीं पडने वाला है. पूर्व मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त टीएस कृष्‍णमूर्ति और एन गोपाल स्‍वामी के अनुसार आम बजट तभी टल सकती है जब लोकसभा चुनाव होते हैं. राज्‍यों के विधानसभा चुनाव से केंद्र के आम बजट को टाला नहीं जाना चाहिए. दोनों पूर्व चुनाव आयुक्‍तों का कहना है कि यह केंद्र का बजट है और चुनाव राज्‍यों में होना है.
2004-05 में देश के मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त रहे कृष्‍णमूर्ति के अनुसार केंद्र के आम बजट में अगर उन राज्‍यों का नाम नहीं लिया जाता जहां चुनाव होने हैं तो यह आचार संहिता का उल्‍लंघन नहीं माना जाएगा. वहीं 2006 से 2009 तक देश के मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त गोपाल स्‍वामी ने कहा, हर साल आम बजट के दौरान देश के कहीं न कहीं चुनाव होते हैं, लेकिन इससे बजट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. आम बजट एक ही सुरत में टाला जा सकता है तब लोकसभा के चुनाव होते हैं.

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