इस बार होगी नवरात्रि 8 दिनों की
दिल्ली, स्पेशल रिपोर्ट September 20, 2014श्रि्वन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र का आरंभ होगा। इस बार नवरात्रि 8 दिनों की है, जो 25 सितंबर से शुरु होगी। उज्जयिनी के स्थानीय रेखांश की तिथि गणना के अनुसार नवरात्रि में नवमी तिथि का क्षय हो रहा है। 3 अक्टूबर को नवमी के साथ दशहरा मनाया जाएगा।
हर तीन या चार वर्ष में नवरात्रि 8 दिन की होती है। इस बार गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र में घट स्थापना के साथ शक्ति उपासना का पर्व काल शुरु होगा। गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र में यदि देवी आराधना का पर्व शुरू हो, तो यह इष्ट साधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
धर्मशास्त्र में नवमी युक्त दशहरे को श्रेष्ठ फलदायी बताया गया है। नवरात्रि में इस बार पंचांगों में अष्टमी-महानवमी को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है। कुछ पंचांग आठ दिन की नवरात्रि और नवमी का क्षय बता रहे हैं, तो वहीं कुछ पंचांग नवमी युक्त दशमी में दशहरे का पर्व बता रहे है। 3 अक्टूबर को दशहरा मनाना शास्त्र सम्मत है।
देवी आराधना का महापर्व नवरात्रि 25 सितंबर को घटस्थापना के साथ शुरू होगा। पंचांगों में असमंजस महाअष्टमी और महानवमी को लेकर है। 2 अक्टूबर को महाअष्टमी के साथ नवमी का पर्व मनेगा। 3 अक्टूबर को दशहरे का पर्व मनेगा। 2 अक्टूबर गुरुवार को दोपहर 12.07 बजे तक अष्टमी तिथि है, बाद में महानवमी शुरू होगी जो 3 अक्टूबर को सुबह 9.58 बजे तक रहेगी। इसी दिन दशहरा भी मनेग
नारायण विजय पंचांग के अनुसार 2 अक्टूबर को महाष्टमी और महानवमी। नवमी तिथि का क्षय। 3 अक्टूबर को दशहरा पर्व। वहीं, निर्णय सागर पंचांग के अनुसार 2 को महाष्टमी और 3 अक्टूबर को सुबह महानवमी तिथि बताई गई है। इसी दिन दशहरा भी होगा। एक अन्य पंचांग काल निर्णय के अनुसार 2 अक्टूबर को महानवमी (उपवास-महा पूजा)। नवरात्रि 25 सितंबर से शुरुआत, 3 को दशहरा होगा। नवरात्रि के आठ दिन के होगे विद्गोष सर्वार्थ सिद्धियोग व रवियोग में दशहरा मनेगा।
25 सितंबर घटस्थापना। देवी नवरात्र आरंभ
26 सितंबर द्वितीया ,रवियोग।
27 सितंबर तृतीया, रवियोग, सर्वार्थ सिद्धियोग
28 सितंबर चतुर्थी, रवियोग
29 सितंबर पंचमी, रवियोग, सर्वार्थ सिद्धियोग
30 सितंबर षष्ठी, सर्वार्थ सिद्धियोग, रवियोग
01 अक्टूबर सप्तमी, सरस्वती पूजन
02 अक्टूबर महाष्टमी (महाष्टमी-नवमी एकसाथ), रवियोग
03 अक्टूबर महानवमी और दशहरा, रवियोग सर्वार्थ सिद्धियोग
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