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अयोध्या फैसला बना इतिहास : 9 नवंबर को ही गिरी थी बर्लिन की दीवार

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अयोध्या में राम जन्मभूमि वाद पर उच्चतम न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला
इतिहास में घट चुकी तमाम महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास का हिस्सा बन जाती हैं, लेकिन वर्तमान में कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं, जिनका इतिहास के पन्नों में दर्ज होना तय होता है। नौ नवंबर 2019 एक ऐसी तारीख है जो अयोध्या में रामजन्मभूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की ऐतिहासिक घटना के साथ इतिहास में दर्ज हो गई।
उच्चतम न्यायालय ने आज 9 नवंबर 2019 की तारीख को ऐतिहासिक बनाते हुए सर्वसम्मति से दिए गए फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया और नयी मस्जिद के निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया।
इस व्यवस्था के साथ ही प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया।
आज के दिन ही गिरी थी बर्लिन की दीवार-
1989 : तीन दशक तक पश्चिमी और पूर्वी बर्लिन को अलग करने वाली बर्लिन की दीवार को गिरा दिया गया। इसे 1961 में बनाया गया था और इसकी लंबाई बढ़ते बढ़ते 45 किलोमीटर तक पहुंच गई थी।
यह दीवार बर्लिन और जर्मन गणराज्य के बीच बनाई गई 13 अगस्त 1961 बनाया गया था और 9 नवंबर 1989 को गिरा दिया गया था। इस दीवार ने बर्लिन शहर को दो बांट दिया था। पूर्वी बर्लिन और पश्चिमी बर्लिन। दीवार यहां लोगों के विकास में बाधा साबित हो रही थी जिससे बहुत से लोग पूर्वी शहर को छोड़कर पश्चिम भाग में शिफ्ट होने लगे थे। इससे पूर्व बर्लिन के हालात खराब होने लगे थे। इसी समस्या को रोकने के लिए जर्मनी के नेता वाल्टर उल्ब्रिख्त प्रशासन ने इस दीवार को तोड़ने की पहल की और सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव ने इसकी मंजूरी दी।
डूडल को बर्लिन के गेस्ट आर्टिस्ट मैक्स गुथर ने बनाया है। इसमें एक पुरुष और महिला को दीवार गिरने के बाद गले मिलते हुए दिखाया गया है। यह वह क्षण था जिसने शीत युद्ध के युगपत अंत और पूवीर् व पश्चिमी जर्मनी के पुनर्मिलन की शुरुआत का संकेत दिया था। डूडल में दंपति एक दीवार के बीच में गले लगाता है जिसे बीच में खींचा गया है। 1989 में आज ही के दिन बर्लिन की दीवार पर जमा भीड़ ने ‘तोर औफ!’ (गेट खोलो) के नारे लगाए थे।
गूगल ने आगे कहा, “घंटों के भीतर, दीवार पर एक विशाल भीड़ इकट्ठा हो गई, जो सीमा पर खड़े गार्ड्स से कुछ दूरी पर अधिक संख्या में थी। मध्यरात्रि से कुछ समय पहले बॉर्नहोल्मर स्ट्रीट चौकी के प्रभारी अधिकारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की उपेक्षा की और गेट खोलने का आदेश दिया।”
इस बात की सूचना सभी को मिल गई और अगले कुछ दिनों में गायन, नृत्य, और एक नए युग की शुरुआत करते हुए 20 लाख से भी ज्यादा जुबली जर्मन ने सीमा पार की। जबकि अन्य लोगों ने दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया।

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