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अमिताभ बच्चन करियर के 50वें वर्ष में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड के लिए चुने गए, इस पुरस्कार के भी 50 साल पूरे

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बॉलीवुड सुपर स्टार अमिताभ बच्चन को 2018 का दादा साहब फाल्के अवार्ड दिया जाएगा। इस बात की जानकारी केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट के जरिए साझा की। ‘दादा साहेब फाल्के’ पुरस्कार को बॉलीवुड इंड्स्ट्री का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है।
अमिताभ बच्चन उन चंद अभिनेताओं में से एक हैं जिनकी दमदार एक्टिंग ने उनके आलोचकों को भी चौंकाया। उनके उत्साह और काम करने के लगन ने आज उन्हें ऐसे मुकाम पर पहुंचाया है जिसे पाने का मुकाम हर कोई संजोता है। अमिताभ बच्चन कई दर्शकों से बॉलीवुड में राज कर रहे हैं। वे फिल्मों के साथ-साथ टीवी इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। अमिताभ बच्चन को 2018 के दादा साहब फाल्के अवॉर्ड के लिए चुना गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दिलचस्प बात यह है कि 2019 में ही अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ को प्रदर्शित हुए 50 साल पूरे हुए हैं। 11 अक्टूबर 1942 को तत्कालीन इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में जन्मे अमिताभ की पहली फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ 1969 में रिलीज हुई थी। ख्वाजा अहमद अब्बास द्वारा लिखित, निर्मित और निर्देशित यह फिल्म गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने वाले सात हिन्दुस्तानियों की कहानी पर आधारित थी। इसमें उत्पल दत्त, मधु, एके हंगल और अमिताभ बच्चन मुख्य किरदार में थे। 3,803 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं
अमिताभ केबीसी में नजर आ रहे, कई फिल्में भी कतार में
अमिताभ इन दिनों ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के 11वें सीजन में बतौर होस्ट नजर आ रहे हैं। अमिताभ डायरेक्टर नागराज मंजुले की ‘झुंड’ में दिखाई देंगे। 2 अक्टूबर को रिलीज होने जा रही चिरंजीवी स्टारर ‘सई रा नरसिम्हा रेड्डी’ में उनका कैमियो देखने को मिलेगा। अयान मुखर्जी की ‘ब्रह्मास्त्र’, शूजित सरकार की ‘गुलाबो सिताबो’ समेत उनकी कुछ और फिल्में भी कतार में हैं।
भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला वार्षिक पुरस्कार
दादा साहब फाल्के अवॉर्ड भारत सरकार की ओर से फिल्मी जगत से जुड़ी हस्तियों को भारतीय सिनेमा में उनके आजीवन योगदान के लिए दिया जाने वाला वार्षिक पुरस्कार है। इसकी शुरुआत दादा साहब फाल्के के जन्म शताब्दी 1969 से हुई थी। पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया था। वर्तमान में इस पुरस्कार में 10 लाख रुपए और स्वर्ण कमल दिया जाता है।
दादा साहब फाल्के ने करियर में 95 फिल्में बनाईं जानिए क्या है दादा साहब फाल्के पुरस्कार
दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है, जो किसी व्यक्ति विशेष को भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है। उस वर्ष राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के लिए आयोजित 17वें समारोह में पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया।
30 अप्रैल 1870 को महाराष्ट्र में जन्मे दादा साहब का असली नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के था। उन्होंने अपने 19 साल के करियर में 95 फिल्में बनाईं। इसमें से 26 शॉर्ट फिल्में थीं। इनमें मोहिनी भस्मासुर, सत्यवान सावित्री, श्रीकृष्ण जन्म और लंका दहन सबसे ज्यादा मशहूर फिल्में हैं।
पिछले 10 विजेताओं की सूची
N
वर्ष (समारोह)
नाम
इंडस्ट्री
1.
2018 (66वीं)
अमिताभ बच्चन
हिन्दी
2.
2017 (65वीं)
विनोद खन्ना
हिन्दी
3.
2016 (64वीं)
के. विश्वनाथ
तेलुगू
4.
2015 (63वीं)
मनोज कुमार
हिन्दी
5.
2014 (62वीं)
शशि कपूर
हिन्दी
6.
2013 (61वीं)
गुलजार
हिन्दी
7.
2012 (60वीं)
प्राण
हिन्दी
8.
2011 (59वीं)
सौमित्र चटर्जी
बंगाली
9.
2010 (58वीं)
के. बालचन्दर
तमिल-तेलुगू
10.
2009 (57वीं)
डी. रामानायडू
तेलुगू

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