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अब समाजवादी पार्टी में सुलह की उम्मीद नहीं, अखिलेश जा सकते हैं चुनाव आयोग-रामगोपाल

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चुनाव नजदीक आने के साथ-साथ समाजवादी पार्टी का झगड़ा और बढ़ता जा रहा है. मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दिये जाने के बाद आज सुबह से सपा के अंदर राजनीतिक गहमा-गहमी तेज है. सूत्रों का कहना है कि स्थिति नहीं संभलने पर अखिलेश यादव चुनाव आयोग का दरवाजा ठकठका सकते हैं और चुनाव चिह्न जब्त करने की मांग कर सकते हैं व उस पर अपनी दावेदारी जता सकते हैं. उधर, रामगोपाल यादव ने कहा है कि अब बात नहीं बन सकती है.
उधर, अखिलेश की सूची आने के बाद मुलायम सिंह यादव ने शनिवार को पार्टी उम्मीदवारों की बैठक बुलायी है. उस बैठक में मुलायम सिंह यादव यह जानने की कोशिश करेंगे कि कितने लोग अखिलेश के साथ हैं. उन्होंने कल सुबह साढ़े दस बजे बैठक बुलायी है, जो पार्टी कार्यालय में होगी. मुलायम ने कहा भी है कि वे पार्टी नेताओं व उम्मीदवारों के साथ ताजा राजनीतिक हालात पर चर्चा करेंगे.
रामगोपाल ने दिये संकेत, अब समझौता नहीं हो सकता
उधर, अखिलेश के चाचा व सपा के प्रभावी नेता प्रो रामगोपाल यादव ने आज भतीजे के प्रति समर्पण जताया है. रामगोपाल ने कहा है कि वे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे. फर्रुखाबाद में रामगोपाल ने कहा कि सीएम के विरोधी उनके विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि अब समझौते की कोई संभावना नहीं है, पहले नेताजी ने एक जनवरी को बैठक के लिए बुलाया था.
मुलायम ने शिवपाल व बेनी के साथ की बैठक
सपा के अंदर जारी दंगल के बीच प्रदेश अध्यक्ष व अखिलेश के विरोधी शिवपाल यादव आज दिन में मुलायम सिंह यादव से मिले. दोनों नेताओं के बीच बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई. उसके बाद बेनी प्रसाद वर्मा ने मुलायम सिंह से मुलाकात की. कल अखिलेश, शिवपाल व मुलायम की बैठक हुई थी, जिसमें अखिलेश ने अपने पिता व चाचा को अपने उम्मीदवारों के नाम वापस लेने को कहा था, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी, जिसके बाद अखिलेश ने अपने 235 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी थी. इसके बाद शिवपाल ने जवाबी चाल चलते हुए 78 और उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी थी, इससे पहले मुलायम ने 325 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी.
राहुल से गंठबंधन की चर्चा
अखिलेश की पिता मुलायम व चाचा शिवपाल से गहरे मतभेद के बाद आज राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़ा व कांग्रेस के बीच गंठबंधन की संभावनाएं जतायी जा रही है. ध्यान रहे कि अखिलेश लगातार गंठबंधन पर जोर देते रहे हैं और मुलायम उसे लगातार खारिज करते रहे हैं, परसों उन्होंने सूची जारी कर भी यह स्पष्ट कर दिया कि अब कांग्रेस से गठजोड़ की कोई संभावना नहीं है. उधर, अगर अखिलेश अलग पार्टी या राजनीतिक धड़ा बनाते हैं, तो वे कांग्रेस से गठजोड़ कर चुनाव लड़ सकते हैं. अखिलेश की अच्छी छवि, उत्तरप्रदेश के लोगों में उनकी लोकप्रियता व कांग्रेस का परंपरागत वोट राज्य में कमाल दिखा सकता है. आज यहां कांग्रेस के कुछ प्रमुख नेताओं ने अनौपचारिक रूप से मीडिया को कहा भी है कि अखिलेश व राहुल संपर्क में हैं. उधर, गोरखपुर में अखिलेश यादव के समर्थकों ने उनकी तसवीर को दूध से नहलाया है, साथ ही सपा युवजन सभा ने शांति यज्ञ भी किया है. दूसरी ओर, इलाहाबाद में कांग्रेस के एक नेता हसीब अहमद ने राहुल व अखिलेश के साथ आने के पोस्टर लगा दिये. जिसमें लिखा है कि श्री गणेश करो अखिलेश, यूपी में हाथ से हाथ मिलाएं आओ मिलकर सरकार बनाएं. इस पोस्टर में अखिलेश, राहुल के साथ आजम, प्रमोद तिवारी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी की तसवीरें लगी है.

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