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अब ‘मंडल’ से ‘कमंडल’ को मात देने की तैयारी

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बिहार में अब नई राजनीति की शुरुआत होने जा रही है। ‘मंडल’ का वह दौर जब जनता दल राजनीति में ‘उफान’ पर था। बाद में जनता दल टूटने और वोटों के ‘बिखराव’ का हश्र। हाल में लोकसभा चुनाव में राजद व जदयू को मिले नुकसान के बाद फिर एक बार बिहार में ‘मंडल’ के उस दौर की पुरानी राजनीति को दुहराने की कवायद शुरू हो चुकी है। ‘धर्मनिरपेक्षता’ एवं ‘सांप्रदायिकता’ के बीच की जंग ने नफा-नुकसान के आकलन के बाद अब ‘मंडल’ से ‘कमंडल’ को मात देने की तैयारी अंदर ही अंदर शुरू हो चुकी है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने लोकतंत्र की धरती वैशाली से इस बात का इशारों ही इशारों में स्पष्ट आगाज भी कर दिया है। इस क्रम में मंडल के जरिये पुराने साथियों को एक मंच पर लाने के संकेत हैं।
वैशाली में शनिवार को राजद के 18 वें स्थापना दिवस के मौके पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार से राजद न तो हताश है और न ही निराश। बिहार में दलों को मिले वोटों को देखें तो राजद को सर्वाधिक 1 करोड़ 7 लाख वोट मिले। जदयू ने 15 फीसद वोट काटा। हमारे और नीतीश के वोट को जोड़ दें तो 45 फीसद वोट मिला। अगर यह वोट एक जगह रहता तो नरेन्द्र मोदी का कहीं अता-पता नहीं होता। लालू ने कहा कि आगे क्या करना है? नहीं करना है, आगे देखेंगे। लालू ने मंडल के दौर के राजनीति के उस उफान का इशारा करते हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि मंडल कमीशन की ताकत ही तुम्हारी ताकत है। वही तुम्हारा बम है। वीपी सिंह ने गाली सुनी लेकिन उनका नाम अमर हो गया। नीतीश को जिस वोट पर गुमान था वह फूल (कमल) में चला गया। वैसे फूल में जिसमें कोई सुगंध ही नहीं है। लालू ने कहा कि सबको लेकर चलना है, हमें कोई आपत्ति नहीं है। हम भी सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। लेकिन गैर बराबरी को खत्म करना होगा।
अमीरी-गरीबी के खाई पाटनी होगी। सोचने की जरूरत है कि क्या समावेशी विकास हो रहा है? अपने अंदाज में उदाहरण देते हुए लालू ने कहा कि ‘एक वीर चले अकुलाई, दिन भर में जौ भर जाई, अस्सी कोस पर जमुना के तीर..त इ वीर कब तक जाई?’ लालू ने कहा कि इस तरह क्या गरीबों का भला होगा? अमीरी-गरीबी की खाई पटेगी? लालू ने मंडल के जरिये बिहार में वोटों के बिखराव को रोकने के साथ कमंडल को मात देने का स्पष्ट संकेत दे दिया।
लोकसभा चुनाव में एक समान विचारधारा के वोटों के बिखराव को हार का मुख्य कारण बताते हुए लालू ने राजद के वर्करों को भी निशाने पर लिया। आपसी गुटबंदी को बंद करने एवं लोगों के साथ जुड़ने की नसीहत दी। लालू ने कहा कि हर लोकसभा क्षेत्र में करीब 30 हजार वोट नोटा में चला गया। यह किसका वोट था? यह हमारा वोट था। वर्करों को कहा, अपने वोटरों को जागरूक नहीं किया। गाड़ी लेकर हमारे पीछे-पीछे घूम कर चेहरा दिखाते रहे। अगर इतना समय वोटरों के बीच दिया होता तो यह नौबत नहीं आती। भाजपा एवं आरएसएस के अफवाहों को भी मुख्य कारण बताया। कहा कि लोगों के बीच गलत संदेश फैला कर वोटरों को तोड़ा गया। लालू ने अकलियतों को एकजुटता के साथ वोट करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इस तरह अगर हमारे और वोटर एकजुट होकर वोट करते तो नुकसान नहीं होता। सर्वप्रथम आगत अतिथियों का स्वागत युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष शिवचंद्र राम ने किया। पार्टी के प्रधान महासचिव मुंद्रिका सिंह यादव ने दल की गतिविधियों की रिपोर्ट पेश की। वहीं प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने प्रशिक्षण शिविर के आयोजन के संदर्भ और आवश्कता पर फोकस किया। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री डा.रघुवंश प्रसाद सिंह, सांसद जयप्रकाश नारायण यादव, बुलो मंडल, पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुनाथ झा ने अपने विचार रखे। इस मौके पर पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, आलोक मेहता, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह, रामदेव भंडारी समेत पार्टी के अधिकतर विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद समेत प्रमुख नेता उपस्थित थे। दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में पूरे बिहार से जिला से पंचायत स्तर तक के पार्टी के वर्कर हिस्सा ले रहे हैं।

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