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अब बिना सिंचाई के भी किसान उपजा सकते हैं गेहूं

कृषि / पर्यावरण, ताज़ा ख़बर, ताज़ा समाचार, बिहार

खेती का बहुत बडा रकबा असिंचित है।या फिर यहां सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं हैं।वहां के किसानों के लिए खुशखबरी है।ऐसे क्षेत्रों के किसानों के लिए वैज्ञानिकों ने गेहूं का एक उन्नत व उत्कृष्ट प्रभेद ईजाद किया है जिसके उपयोग से बिना सिंचाई के भी 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार ली जा सकती है। कृषि वैज्ञानिक डा. एके सिंह ने बताया कि वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत के बाद जे डब्ल्यू 3211 किस्म के शरबती गेहूं का बीज ईजाद करने में सफलता प्राप्त की गयी है।
बताया कि यह बीज कम पानी से भी अच्छा उत्पादन देने की क्षमता रखता है।इस बीज से एक पानी से प्रति हेक्टेयर करीब 25 से 30 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है।इसी प्रकार यदि दो पानी की व्यवस्था हो तो प्रति हेक्टेयर करीब 35 से 40 क्विंटल तक गेहूं की पैदावार ली जा सकती है।जिन क्षेत्रों में सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं हैं उनमें किसान पहले की नमी को बचा कर अच्छी पैदावार ले सकते हैं।इसकी फसल को तैयार होने में करीब 118 से 125 दिन लगते हैं।
कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किये गए इस प्रभेद के बारे में डा. केके झा ने बताया कि मौसम में आए उतार-चढ़ाव या तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल प्रभावित हो जाती है।लेकिन अन्य की तुलना में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता अघिक होने कारण जे डब्ल्यू 3211 गेहूं की फसल पर मौसम परिवर्तन का कोई असर नहीं पडेगा।इसके दाने चमकदार होते हैं।व इसमें 10 से 12 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है। इसके पौधे की लम्बाई 85 से 90 सेंटीमीटर तक होती है।

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