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अब बछड़ा नहीं सिर्फ बछिया पैदा करेंगी गायें

कृषि / पर्यावरण, हरियाणा

देश अब फिर से श्वेत क्रान्ति की ओर बढ़ रहा है। केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय ने पशु वैज्ञानिकों को ऐसी तकनीक विकसित करने के काम में जुटा रखा है जिससे सिर्फ बछिया ही जन्म ले, बछड़े नहीं। हरियाणा के करनाल में स्थित नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीटयूट में वैज्ञानिकों की एक टीम ऐसी देशी तकनीक ईजाद करने के अंतिम दौर में है जिससे सिर्फ बछिया ही पैदा हों। इससे न सिर्फ देश में दूध उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि आर्थिक रूप से बोझिल बन चुके बैल और सांडों को मारने की समस्या से बचा जा सके।
वैज्ञानिकों की टीम के मुख्य वैज्ञानिक डा. टीके मोहन्ती पीपराकोठी डेयरी केंद्र के दौरे के क्रम में ये बात बताई । उन्होंने बताया कि इसे सेक्स सीमेन तकनीक कहा जाता है। इसके तहत गाय के अंदर सांड का वीर्य निषेचित करने से पहले सांड के वीर्य से वाई क्रोमोजोम को पूरी तरह से अलग कर दिया जाता है। जिस वजह से सिर्फ बछियो का ही जन्म होगा, बछड़। पैदा नहीं होंगे। किसी भी नर का जन्म तभी होता है जब एक्स और वाई क्रोमोसोम एक साथ मिलते हैं।
शोध में 28 वैज्ञानिकों की टीम लगी हुई है। दल तत्परता से शोध में जुटा हुआ है। इस परियोजना की समय सीमा वर्ष 2017 निर्धारित की गई है। बताया जाता है कि सेक्स सीमेन की वर्तमान तकनीक फले साईटोमेट्री को अमेरिकी कंपनी नपे तकनीक रूप से पेटेंट कराया हुआ है। मगर भारतीय वैज्ञानिक ऐसी देशी तकनीक की ईज़ाद में जुटे हुए हैं, जिसमें अपने देशी तरीके से सांड के वीर्य से सभी वाई क्रोमोसोम को अलग किया जा सके। यह अमेरिकी तकनीक से बिल्कुल अलग होगा। शोध के बारे में बताया जा रहा है कि यह बेहद खर्चीला है। इस पर लगभग 55 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।

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