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अपने क्षेत्र और राज्य के जनहित का सवाल मजबूती से उठाएं-नीतीश कुमार

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि विधायक सदन में जनता की आवाज बनें। अपने क्षेत्र और राज्य के जनहित का सवाल मजबूती से उठाएं। संसदीय प्रणाली बहुत ही जीवंत प्रणाली है। दुनिया में शासन की जो व्यवस्थाएं अपनाई गई हैं, उसमें यह सर्वश्रेष्ठ है। हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने भी इसे स्वीकारा।
यह जनता का शासन है, क्योंकि जनता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार चलाती है। मुख्यमंत्री रविवार को बिहार विधानसभा के उपभवन में बिहार विधानमंडल के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व दीप जलाकर उन्होंने बिहार विधानसभा के दो दिवसीय स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि से जनता की अपेक्षाएं होती हैं और उस पर खड़ा उतरना हर प्रतिनिधि का उत्तरदायित्व होता है। सदन के अन्दर प्रतिनिधि का व्यवहार अच्छा हो और जन समस्याओं को मजबूती के साथ उठाने की कोशिश करें तो यह देखकर जनता गौरवान्वित होती है।
सीएम ने नए सदस्यों को सलाह दी कि वे सजग रहें, सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले आएं और खत्म होने के बाद जाएं। बिना संकोच और झिझक के सदन में प्रश्न पूछें। स्पीकर से नजरें देखकर बात करें। पहली बार आपने छाप छोड़ दी तो आपको बार-बार मौका मिलेगा। हालांकि कब बोलना है, क्या बोलना है और कैसे बोलना है, इसके लिए कार्य संचालन नियमावली अवश्य पढ़ें। उन्होंने कहा कि सदन में बहुत ताकत होती है। सदन की ताकत सदस्यों की ताकत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 फरवरी हमारे लिए गौरव का दिन है। 1921 में इसी दिन वर्तमान बिहार विधान मंडल परिसर में पहली बार बिहार-उड़ीसा के निर्वाचित प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। कहा, खुशी की बात है कि बिहार विधानसभा का स्थापना दिवस मनाने के साथ-साथ विधानमंडल सदस्यों के लिये प्रबोधन कार्यक्रम भी रखा गया है।
विधायक जिन्हें जनता चुनकर भेजती है, उन्हें प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता। इसलिए प्रबोधन का कार्यक्रम रखा गया है। जो 98 सदस्य पहली बार निर्वाचित होकर आए हैं, उन्हें सदन की कार्यप्रणाली को सीखने का पर्याप्त अवसर मिलेगा।
इस मौके पर विपक्ष पर चुटकी लेते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हल्ला-हंगामा संसदीय परंपरा का हिस्सा है। हमको जनता ने सरकार चलाने का जनादेश दिया है। जो 5 साल विपक्ष में बैठेगा, वह हल्ला नहीं तो और क्या करेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि सदन में टोका-टोकी की आधिकारिक इजाजत नहीं होती लेकिन यह होती है बड़ी मजेदार।
यदि आप सटीक और छोटी टिप्पणी करें तो पूरा सदन ठहाकों में गूंज जाता है। कहा कि जनहित के सवालों को दलीय सीमा में नहीं बांधा जा सकता। उन्होंने कभी इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाया। आश्वस्त किया कि जनहित के सवालों पर वे सदस्यों के ऋणि होंगे।
मुख्यमंत्री ने विधानमंडल की कार्यवाही में संशोधन का सुझाव भी दिया। कहा, इसको लेकर लकीर का फकीर बने रहना उचित नहीं। दिनभर के सत्र में महज चार घंटे की गतिविधि होती है। कार्यअवधि और बढ़ाने की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक सदस्यों को अपने क्षेत्र की समस्या रखने का मौका मिल सके। उन्होंने नेता विपक्ष के सुझाव पर कहा कि जितना कहिए लम्बा कर दें सत्र।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रीगण एवं सदस्यों का स्वागत किया। संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मौके पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, विधान परिषद् सभापति अवधेश नारायण सिंह, उप सभापति डा. मो. हारून रशीद, संविधान विशेषज्ञ जीसी मल्होत्रा उपस्थित थे।

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