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अतीत के आईने में चंपारण सत्याग्रह, 10 अप्रैल, 1917 को कोलकाता से पटना पहुंचे थे बापू, जानें, कब-क्या हुआ था

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चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में शरीक होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दस अप्रैल को मोतिहारी आ रहे हैं. दरअसल दस अप्रैल का चंपारण सत्याग्रह में खास महत्व है.
चंपारण आने के लिए मोहनदास करमचंद गांधी पंडित राजकुमार शुक्ल के साथ 10 अप्रैल 1917 को कोलकाता से पटना पहुंचे थे. पटना से मुजफ्फरपुर होते हुए 15 अप्रैल 1917 को मोतिहारी ट्रेन से तीन बजे दिन में पहुंचे थे और वकील गोरख प्रसाद के घर ठहरे थे. चंपारण दौरा के क्रम में चंद्रहिया से जिला छोड़ने के अंग्रेजों के आदेश के खिलाफ 18 अप्रैल को ब्रिटिश कोर्ट में ऐतिहासिक बयान दिये थे.
गांधी जी को जिला छोड़ने के आदेश के विरोध में प्रांतीय संघ की कार्यकारिणी ने विरोध किया और 20 अप्रैल 17 को गांधी जी के खिलाफ ब्रिटिश सरकार ने मुकदमा उठा लेने की आज्ञा दी. इस अवधि में उन्हें सभी सुविधा देने का आदेश दिया, जो सत्याग्रह की पहली विजय चंपारण में हुई थी.
जानिए, कब-क्या हुआ
15 अप्रैल : गांधी जी ट्रेन से दिन के तीन बजे मोतिहारी पहुंचे थे.
16 अप्रैल : कोटवा जसौली जा रहे गांधी को चंद्रहिया से लौटने का आदेश.
18 अप्रैल : मोतिहारी एसडीओ की अदालत में ऐतिहासिक बयान.
20 अप्रैल : सरकार ने गांधी के खिलाफ मुकदमा उठा लेने की आज्ञा दी.
22 अप्रैल : गांधी जी बेतिया पहुंचे, हजारीमल धर्मशाला में ठहरे.
27 अप्रैल : गांधी जी ने मुरली भरहरवा में किसानों की समस्याएं सुनीं.
01 मई : ओलहा कोठी में अग्निपीड़ितों से मिले.
08 जून : गांधी जी बेतिया जांच समिति के सदस्य के रूप में पहुंचे.
12 जून : बेतिया से गांधी जी मोतिहारी पहुंचे.
13 जून : बेतिया से आश्रम कार्यालय मोतिहारी लाया गया.
17 जुलाई : चंपारण जांच समिति की पहली बैठक बेतिया राज स्कूल छात्रावास में आयोजित.
02 अगस्त : राजेपुर कोठी पर छह हजार किसानों ने गांधी जी को दर्द सुनाया.
03 अगस्त : गांधी जी ने पीपराकोठी के किसानों का बयान लिया.
04 अगस्त : तुरकौलिया ओलहां में पांच हजार किसानों ने शिकायत दर्ज की.
05 अगस्त : गजपुरा, रामसिंह छतौनी में भी गांधी जी ने फरियाद सुनी.
14 नवंबर : ढाका के बड़हरवा लखनसेन में प्रथम बुनियादी स्कूल की स्थापना की.
20 नवंबर : भितिहरवा में दूसरी पाठशाला की स्थापना गांधी जी ने की.
12 जनवरी 1918 : गांधी जी अहमदाबाद से मोतिहारी लौटे.
17 जनवरी : मधुबन में गांधी जी ने तीसरी पाठशाला खोली.
14 मई : मोतिहारी में आश्रम की नींव रखने के बाद अहमदाबाद चले गये.

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