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अगले तीन दिनों तक बिहार में कुछ ऐसा रहेगा मौसम, विभाग जारी किया अलर्ट

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बिहार में लगातार कोहरे का कहर जारी है. ठंड से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. खासकर मजदूर तबके के लोग परेशान हैं. पूरे सूबे में शीत लहर और 14 किलोमीटर की रफ्तार से हवाओं का चलना जारी है. नार्थ बिहार में घना कोहरा छाया हुआ है, वहीं दूसरी ओर बाकी इलाकों में घना कोहरा छंटने के बाद पटना में आसमान साफ होने का अनुमान लगाया जा रहा है. गया का न्यूनतम पारा गिर कर पहुंचा 5.2 डिग्री एवं पटना के पारा में आज हल्की बढ़ोतरी देखी गयी है. विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के प्रवेश करने से आने वाले पांच एवं छह जनवरी को पूरे बिहार में शीत लहर का प्रकोप जारी रहेगा. आने वाले तीन दिनों तक ठंड ज्यादा रहेगी. जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी हिमपात के कारण मैदानी इलाकों में कोहरे का कहर जारी है. शुक्रवार को पारा और लुढ़क सकता है.
विभाग की ओर से दी जा रही जानकारी के मुताबिक बिहार के सीमांचल और कोसी सहित बाकी जिलों में शुक्रवार से शीत लहर का प्रकोप बढ़ जायेगा. पांच और छह जनवरी को मौसम की स्थिति और भी प्रतिकुल बनी रहेगी, इसके लिए विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. सुबह में कोहरा छाये रहने के कारण विजीबिलिटी भी कम रहने का अनुमान है. ठंड से पूरी तरह लोग प्रभावित हुए हैं. ज्यादातर लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. ठंडी हवाओं ने लोगों को गर्म कपड़े में बंधे रहने को मजबूर कर दिया है. पछुआ हवा चलने से वातावरण में कनकनी बरकरार है. बुधवार की अपेक्षा गुरुवार को मौसम साफ रहा और धूप भी जल्दी निकला, मगर ठंड व कनकनी में कोई कमी नहीं हुई है.
शहर से लेकर गांव तक लोग कांप रहे हैं. गरीब व असहाय लोग बोरसी ताप कर ठंड से लड़ रहे हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्थिति आसानी से देखी जा रही है. शहरी क्षेत्रों में कई जगहों पर अलाव की व्यवस्था है, मगर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रखंड मुख्यालयों में ही एक-दो जगहों पर जैसे-तैसे अलाव जलाये जा रहे हैं. प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब व असहाय लोगों ठंड के कारण हो रही परेशानी की ओर प्रशासन की नजर नहीं है. ग्रामीण इलाकों में अलाव की व्यवस्था की आस छोड़ गरीब प्रतिदिन अपनी तरीके से अलाव की व्यवस्था करने में जुटे हैं. गरीब व असहाय परिवारों के लोग दिन में किसानों से मांग कर पुआल व नेबारी इकट्ठा करते हैं. इन परिवारों के पुरुष काम की तलाश के दौरान पेड़ की सुखी टहनियों को ढूंढते रहते हैं. जहां भी किसी पेड़ की टहनी सूखी दिखाई पड़ती है, उस पेड़ पर चढ़कर ऐसी टहनियों को तोड़ लाते हैं.
गरीब व असहाय लोगों के पास पर्याप्त मात्रा में ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े नहीं हैं. इसलिए ठंड से बचने के लिए ये लोग दिन में इकट्ठा किये गये पुआल व लकड़ी को शाम होते ही घर के दरवाजे पर जला लेते हैं. इसी आग को करीब व असहाय परिवार रात भर ताप कर गुजारा करता है. जब नींद जोर मारती है तो ये लोग पुआल में गेंदरा ओढ़कर सो जाते हैं. अधिक ठंड के कारण जब इनकी नींद टूट जाती है तो पुआल से निकलकर ये लोग फिर से आग तापने लगते हैं. इसी तरह उनकी ठंड की रात कट जाती है.
गांव में स्थिति ऐसी है कि एक रात जैसे-तैसे कट जाती है, फिर अगली सुबह उठकर ग्रामीण परिवार रोजी-रोटी की जुगाड़ के साथ ही अलाव की व्यवस्था करने में जुट जाता है. ठंड व कोहरे की वजह से ट्रेनों के परिचालन पर सबसे बुरा असर पड़ा है. सबसे खराब स्थिति वीवीआईपी मानी जाने वाली राजधानी व गरीब रथ की रही. ये दोनों गाड़ियां 35 से 37 घंटे लेट चल रही हैं. दिल्ली से आरा तक सफर 35 से 40 घंटे में पूरा हो रहा है. ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोग ट्रेन में बैठे-बैठे बोझिल हो जा रहे हैं. मौसम की जानकारी देने वाली संस्थाओं की रिपोर्ट पर गौर करें तो आकाश में बने हालात से कोहरे पड़ने के आसार बने हुए हैं.

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